

यह बरेली शहर है और जो आप देख रहे हैं यह किसी घटना के फलस्वरूप कोई घोषित कर्फ्यू नहीं है बल्कि महाशिवरात्रि के दिन मुख्यमंत्री मायावती इस समय बरेली दौरे पर हैं और यह स्थानीय प्रशासन की दहशतभरी सुरक्षा तैयारी है जिसमें आदमी तो क्या परिंदा भी पर नहीं मार सकता। जनसामान्य में भारी आलोचनाओं और निंदा से घिरे विकास कार्यों की...
यह समस्या पूरे इलाके की है जिस पर बिजली विभाग के अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया और टरकाते रहे। डीएम बुलंदशहर शशि भूषण लाल सुशील के पास पहुंचे तो वह भी बोदे और असहाय ही साबित हुए जिसके बाद गांव के लोगों को आंदोलन का रास्ता अख्तियार करना पड़ा। ये अधिकारी श्रीराम बंसल को भूख हड़ताल से मर जाने देते यदि उत्तर प्रदेश की चक्रवर्ती मुख्यमंत्री मायावती का बुलंदशहर में औचक निरीक्षण...

भले ही इस सच्चाई को गंभीरता से न लिया जाए किंतु यह सत्य है कि उत्तर प्रदेश की सत्ता और दलित राजनीति की लड़ाई 'मायावती बनाम पीएल पुनिया' में शीघ्र ही बदल जाएगी। वे उस समाज में भी अपनी सहानुभूति खो रही हैं जो उन्हें सर आंखों पर बैठाकर अपना मसीहा और कुलदेवी मान बैठा है। मायावती जिस 'भ्रष्ट सिंडिकेट' के चंगुल में हैं उससे उनका...

अयोध्या में जहां रामलला की मूर्ति स्थापित है, वह स्थान ही रामजन्मभूमि है। करोड़ों लोगों की धार्मिक और आध्यात्मिक आस्था के चरम किंतु 'विवादित' शब्द से घिरे इस विश्व विख्यात स्थान पर कभी हिंदू धार्मिक स्थल हुआ करता था जिसे तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी जोकि इस्लाम के सिद्धांतों के खिलाफ थी, जिसे मस्जिद नहीं माना जा सकता।...

कोर्ट को धन्यवाद कि जिसने ऐसे चेहरों को बेनकाब किया जो न्याय की राह में रोड़ा बनते हैं। मीडिया के कुछ चेहरों को आप टीवी चैनलों में और समाचार पत्रों में उनके खतरनाक विश्लेषणों के रूप में पहचान सकते हैं। धर्मनिरपेक्षता और निष्पक्ष पत्रकारिता का रूप धरे, घोर साम्प्रदायिक सोच वाले ऐसे मीडिया वालों को आप जरूर पहचानिए जो...

इटावा में जिलाधिकारी कार्यालय की प्राचीर पर चिथड़ों में लटका राष्ट्रीय ध्वज आप भी देखिए। यह जिलाधिकारी के अपनी कलक्ट्रेट के घटिया प्रबंधन का एक प्रमाण है। जिलाधिकारी से पूछिए कि उनके भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयन का क्या औचित्य है? क्योंकि वे भारतीय संविधान की दृष्टि में एक श्रेष्ठ प्रशासनिक अधिकारी माने जाते हैं...

क्रांति की शक्ति सिर्फ पुरुषों को ही आकृष्ट नहीं करती है, बल्कि महिलाओं को भी वैसे ही आकृष्ट करती आ रही है, इसीलिए हर युग के इतिहास में महिलाओं की शौर्य गाथाओं का प्रमुखता से वर्णन मिलता है। भारत में सदैव नारी को आदर और श्रद्धा की देवी माना गया है। अवसर आया तो इसी नारी ने चंडी का भी रूप धरा और अपनी अदम्य शक्ति का लोहा मनवाया।...

चंदौली में स्वतंत्रता संग्राम के आखिरी दौर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के ‘करो या मरो’ के आह्नान पर 16 अगस्त 1942 को महाईच परगना के आन्दोलनकारियों ने जो कुछ किया वह कामयाबी और बलिदान के नजरिये से संयुक्त प्रान्त (उत्तर प्रदेश) और भारत के ऐसे कई बड़े मामलों में से एक था, लेकिन इस कांड की उतनी चर्चा नहीं हो पाई जितनी होनी चाहिए...

यदि फेसबुक पर युवाओं में राजनीति को लेकर घोर निराशावादी धारणाएं घर कर रही हैं तो इसके गंभीर कारण हैं जोकि भारतीय राजनीति के लिए अच्छे संकेत नहीं कहे जा सकते। इस गहरी निराशा को उखाड़ फेंकने के लिए राजनीतिक दलों को कुछ तो उपाय करने ही होंगे ताकि धरती पर मनुष्य के लिए अनंतकाल से सर्वश्रेष्ठ उत्तरदान मानी जाने वाली 'राजनीति'...

वाद्ययंत्र से जुड़ा एक प्रशिक्षु कलाकार जब सारंगी के बारे में नही जानता है तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि सारंगी सुनने वाले कितने बचे होंगे? छानबीन से पता चलता है कि सारंगी के उस्ताद भी बस गिने चुने हैं और सीखने वाले तो नदारद हैं। इसलिए इस वाद्य यंत्र की मधुर और कर्णप्रिय लय अब बहुत कम ही सुनने को मिलती है। यदि सारंगी को संगीत...

मेघों की गर्जना से आत्मविभोर होकर कर्णप्रिय आवाज़ के साथ नृत्य करने वाले मोर प्यास के मारे दम तोड़ रहे हैं। विकास के नाम पर उनके परंपरागत परिवास उजाड़कर प्रशासन ने उनका प्राकृतिक वातावरण नष्ट कर दिया है। कल तक वे जिसे अपना घर-आंगन समझते थे वह उन्हें पराया लग रहा है। उन्हें न पानी नसीब है और न घर। मोर पर भी इटावा में मौत...
कौन हैं जिन्होंने अश्लील आर्केस्ट्रा को पूर्वांचल का दरवाजा और घर आंगन दिखाया है और दिखा रहे हैं? परंपरावादी भोजपुरी संगीत आर्केस्ट्रा के सामने क्या संरक्षित और सुरक्षित रह पायेगा? आज हर नेता, हर साहित्यकार गीतकार और हर दार्शनिक भोजपुरी की बड़ी-बड़ी बातें करता है। लेकिन इस अश्लीलता पर उसकी प्रतिक्रिया सामने नहीं आ रही है। लोक-लिहाज की वह पुरानी सभ्यता यहां तार-तार हो जाती है जब गावों...
क्या बौद्ध धर्म से उन्हें यही शिक्षा मिली है कि वे जातीय नफरत पैदा करें, दूसरों के धर्मों, महापुरूषों, उनके पूज्य देवी-देवताओं वेदों शास्त्रों का अपमान करें? उन्हें ही क्या यह किसको अधिकार है कि वह ऐसा कृत्य करे कि दूसरों की भावनाएं आहत हों? ऐसा करने की हिम्मत तभी हो सकती है जब उसको किसी शक्तिशाली की शह प्राप्त हो। क्या मायावती या उनकी सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को यह मालूम नहीं...

अदालत में पुरातत्ववेत्ताओं की अयोध्या उत्खनन रिपोर्ट पर बयान लिखे जाने का कार्य समाप्ति की ओर है। क्या निर्णय होगा, इसकी भविष्यवाणी भी कोई नहीं कर सकता। फैसले के क्रियान्वयन का नैतिक बल सरकार के पास होगा या नहीं, यह कहना भी बहुत कठिन है। बनारस के दोशीपुरा कब्रिस्तान से सम्बंधित शिया व सुन्नी मुसलमानों के बीच पिछले 110...

दुधवा नेशनल पार्क में चल रही विश्व की अद्वितीय गैंडा पुनर्वास परियोजना संबंधित अफसरों की लापरवाही कुप्रबंधन एवं उपेक्षा का शिकार हो गयी है। उर्जाबाड़ से संरक्षित वनक्षेत्र में रहने वाले तीस सदस्यीय गैंडा परिवार के पांच सदस्य करंटयुक्त फैंसिंग तोड़कर बाहर घूम रहे हैं। पार्क प्रशासन के अफसर गैंडों की सुरक्षा की कोई...