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बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शनार्थ उमड़े श्रद्धालु

भारत रूस की आध्यात्मिक भक्ति और साझी सांस्कृतिक विरासत

कलमीकिया में बौद्ध बहुलता और बौद्ध धर्म यहां प्रमुख धर्म है

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Saturday 18 October 2025 02:02:28 PM

devotees flock to see the sacred relics of buddha

नई दिल्ली/ कलमीकिया। भारत और रूस केबीच आध्यात्मिक भक्ति और साझी सांस्कृतिक विरासत को प्रमाणित करते भारत से दर्शनार्थ ले जाए गए तथागत भगवान गौतम बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी को रूस के कलमीकिया राज्य में अभूतपूर्व प्रतिक्रिया मिल रही है। आजतक पचास हज़ार से ज़्यादा श्रद्धालु प्रतिष्ठित गेडेन शेडुप चोइकोरलिंग मठ में स्थापित बुद्ध के पवित्र अवशेषों केप्रति अपनी श्रद्धा अर्पितकर चुके हैं, जिसे ‘शाक्यमुनि बुद्ध का स्वर्णिम निवास’ के नामसे भी जाना जाता है। भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की मेजबानी में भारत की भागीदारी साझी बौद्ध विरासत, भारत और रूस के लोगों केबीच स्थायी आध्यात्मिक संबंध का एक सशक्त प्रतीक है।
भारत की राष्ट्रीय धरोहर भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल राजधानी एलिस्टा लेकर पहुंचा था, जिसमें वरिष्ठ भारतीय भिक्षु भी शामिल थे। यह प्रतिनिधिमंडल यूरोप के एकमात्र ऐसे क्षेत्र, जहां बौद्ध धर्म प्रमुख धर्म है ‘कलमीकिया’ की बौद्ध बहुल आबादी केलिए विशेष धार्मिक सेवाएं और आशीर्वाद प्रदान कर रहा है। कलमीकिया में 11 अक्टूबर से भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी शुरू होने केबाद सेही आध्यात्मिक उत्साह साफ़ दिखाई दे रहा है। यहां मठ से लगभग एक किलोमीटर दूर तक भक्तों की कतार लगी हुई है, जो भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों के दर्शन को आतुर नज़र आते हैं। वर्ष 1996 में स्थापित विशाल कलमीक मैदान में तिब्बती बौद्ध केंद्र गोल्डन एबोड में सुबह से ही बौद्ध तीर्थयात्रियों का तांता लग जाता है।
रूसी गणराज्य में अपनी तरह की यह पहली ऐतिहासिक प्रदर्शनी भारत और रूस केबीच गहरे सभ्यतागत संबंधों का प्रमाण है। ज्ञातव्य हैकि यह लद्दाख के प्रतिष्ठित बौद्ध भिक्षु और राजनयिक 19वें कुशोक बकुला रिनपोछे की चिरस्थायी विरासत को पुनर्जीवित करती है, जिन्होंने मंगोलिया में बौद्ध धर्म के पुनरुद्धार और कलमीकिया, बुरातिया, तुवा जैसे रूसी क्षेत्रोंमें बौद्ध धर्म केप्रति रुचि जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। प्रदर्शनी का आयोजन भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के बीटीआई अनुभाग ने अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ, राष्ट्रीय संग्रहालय और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सहयोग से किया। गौरतलब हैकि कलमीकिया रूस का एक संघीय खंड है, जो देश की शासन प्रणाली में गणतंत्र का दर्जा रखता है, यह रूस के दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र में है और यूरोप का इकलौता बौद्ध धर्म प्रधान क्षेत्र है।

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