
पंख प्रकाशन ने मेरठ के वरिष्ठ कवि डॉ ज्ञानेश दत्त हरित की पुस्तक मुक्तक एवं दोहा संग्रह 'चाकरी शब्दों की' प्रकाशित की है। यह संग्रह पाठकों के बीच आ चुका है। डॉ ज्ञानेश दत्त हरित का यह संग्रह उनकी पांचवी कृति है। इससे पूर्व की भी उनकी कृतियां पाठकों में काफ़ी चर्चित रही हैं। दोहा एक ऐसी विधा है, जिसमें कम शब्दों में रचनाकार...

'बनास जन' पत्रिका के संपादक और हिंदू कॉलेज दिल्ली के हिंदी विभाग में प्राध्यापक पल्लव का कहना है कि साहित्य के लोकतंत्र में लघु पत्रिकाएं वही काम करती हैं, जो राजनीति के लोकतंत्र में जागरुक मीडिया करता है, साहित्यिक लोकतंत्र को बचाए रखने में लघु पत्रिकाओं की बड़ी भूमिका है। वे कहते हैं कि सही बात को कहते जाना ही साहित्य...

डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय उदयपुर जर्नादन रायनागर राजस्थान विद्यापीठ के सेमिनार हाल में कौटिल्य बुक्स से प्रकाशित ललित श्रीमाली की पुस्तक इक्कीसवीं सदी में हिंदी उपन्यास के लोकार्पण एवं परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी साहित्य की स्थिति और साहित्य पर संचार साधनों के प्रभाव पर अपने...

केंद्रीय शिक्षामंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने डॉ योगेश दुबे के उपन्यास 'परिंदा-गिरमिटिया मजदूरों की अदम्य साहस गाथा' का लोकार्पण किया। डॉ योगेश दुबे का यह उपन्यास 18वीं शताब्दी में मध्य भारत से मॉरीशस भेजे गए साढ़े चार लाख से अधिक गिरमिटिया मजदूरों की मार्मिक दास्तां है, जिनकी कड़ी मेहनत और अदम्य साहस से मॉरीशस की पथरीली...

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से संस्कृति पर्व पत्रिका के विशेषांक 'भारत 1946-2020 नोआखाली से दिल्ली तक' के ई-संस्करण का लोकार्पण किया। पत्रिका संस्कृति पर्व के विशेषांक 'नोआखाली से दिल्ली तक' में भारतरत्न महामना मदनमोहन मालवीय का अंतिम वक्तव्य जो 1946 के कल्याण विशेषांक में छपा था, उसे पुनः प्रकाशित किया...

हिंदी पुस्तकों और विविध साहित्य सामग्री के विख्यात प्रकाशक राजकमल प्रकाशन प्रबंधन ने राजकमल प्रकाशन की पूर्व प्रबंध निदेशक शीला संधु को प्रकाशन की उत्तरोत्तर प्रगति का श्रेय दिया है। अवसर था राजकमल प्रकाशन का तिहत्तरवां स्थापना दिवस, जो नई दिल्ली में इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में मनाया गया। इस अवसर पर भविष्य के स्वर...

नेशन और राष्ट्र पर्यायवाची नहीं हैं। राष्ट्र प्राचीन वैदिक धारणा है और नेशन आधुनिक काल का विचार है। राष्ट्र के लिए अंग्रेजी भाषा में कोई समानार्थी शब्द नहीं है। ईएच कार ने नेशन की परिभाषा की है। उनके अनुसार सही अर्थों में राष्ट्रों या नेशंस का उदय मध्यकाल की समाप्ति पर हुआ। उन्होंने नेशन के घटक भी बताए हैं-अतीत और वर्तमान...

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में लोक भारती की मासिक पत्रिका ‘लोक सम्मान’ के ‘गो-आधारित प्राकृतिक कृषि’ विशेषांक का लोकार्पण करते हुए कहा है कि अब राजभवन में भी प्राकृतिक खेती होगी, क्योंकि यहां गो-आधारित सभी संसाधन मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मानव स्वास्थ्य के दृष्टिगत वैज्ञानिक भी मोटे अनाज के प्रयोग पर बल दे...

कवि और चिंतक नंदकिशोर आचार्य ने 'स्वाधीनता और साहित्य' विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा है कि मनुष्य केवल तर्क से नहीं संवेदना से भी चलता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के खास विचार में अवमूल्यन करना साहित्य की कला को नष्ट करना है। नंदकिशोर आचार्य ने कहा कि साहित्य की आवश्यकता इसलिए बनी रहेगी कि वह मनुष्य की संवेदना को विकसित...

सुप्रसिद्ध कथाकार और 'तद्भव' के सम्पादक अखिलेश ने हिंदू कालेज में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा है कि कहानियों के मार्फ़त हम अपने समय के यथार्थ को समझ सकें यह हमारे साहित्य के लिए भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमें नहीं भूलना चाहिए कि इतिहासकार की तुलना में तमस और झूंठा सच जैसे उपन्यास अधिक सच्ची और मानवीय दृष्टि से विभाजन...

वरिष्ठ आलोचक और साहित्यकार डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल ने राजस्थान विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आयोजित विमोचन समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि कथेतर लेखन अब भारतीय साहित्य की मुख्य धारा है, जिसमें हमारे युग की सच्चाई बोल रही है। उन्होंने कहा कि कवि और लेखक डॉ सत्यनारायण व्यास की आत्मकथा 'क्या कहूं आज' केवल साधारण...

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर गुजराती भाषा में डॉ जशभाई पटेल की पुस्तक ‘आपणो भेरूबंध: नरेंद्र मोदी’ की हिंदी में अनूदित पुस्तक ‘अपना दोस्त: नरेंद्र मोदी’ का राजभवन लखनऊ में विमोचन किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, लखनऊ विश्वविद्यालय...

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने प्रगति मैदान नई दिल्ली में विश्व पुस्तक मेला-2020 का उद्घाटन किया और कहा कि हम पुस्तकों के सागर में हैं, यह पुस्तकों का महाकुंभ भी है, जो उत्कृष्ट पुस्तकों और विचारों से समृद्ध है। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेले मानवता को बौद्धिक शक्ति और ज्ञान प्रदान करते हैं। उन्होंने...

लखनऊ विश्वविद्यालय के हिंदी तथा आधुनिक भारतीय भाषा विभाग और उत्तर प्रदेश जैन विद्या शोध संस्थान लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में 'जैन साहित्य का हिंदी भक्तिकाल पर प्रभाव' विषय पर डॉ राधाकमल मुखर्जी सभागार में राष्ट्रीय संगोष्ठी हुई। भारतीय हिंदी परिषद प्रयागराज के सभापति प्रोफेसर सूर्यप्रसाद दीक्षित, उत्तर प्रदेश...

केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लेखिका डॉ अनीता भटनागर जैन की बच्चों के लिए पुस्तक कुम्भ, गरम पहाड़ तथा दिल्ली की बुलबुल के सिंधी संस्करण का नई दिल्ली में एक समारोह में विमोचन किया। तीनों पुस्तकें बच्चों के लिए कहानी संग्रह हैं और इसमें पर्यावरण तथा सामाजिक, सांस्कृतिक एकता और सांस्कृतिक विरासत...