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Monday 9 June 2025 12:29:17 PM
पुणे। भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों की भागीदारी केसाथ एक मजबूत रक्षा औद्योगिक तंत्र स्थापित करने के महाराष्ट्र के अहिल्यानगर में डीआरडीओ की एक प्रयोगशाला-वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (वीआरडीई) ने 10 उद्योगों को नौ प्रणालियों की प्रौद्योगिकियां हस्तांतरित की हैं। वीआरडीई में 7 जून 2025 को एक कार्यक्रम में रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत की उपस्थिति में लाइसेंसिंग समझौते सौंपे गए। वीआरडीई ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों और उभरते क्षेत्रों पर संयुक्त रूपसे काम करने केलिए सीओईपी टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी पुणे केसाथ भी एक समझौता किया है।
डीआरडीओ की प्रयोगशाला-वाहन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान के द्वारा उद्योगों को हस्तांतरित की गई प्रौद्योगिकियां हैं-भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड केलिए रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल, परमाणु (सीबीआरएन) टोही वाहन (ट्रैक्ड) एमके-II। भारत फोर्ज लिमिटेड केलिए माउंटेड गन सिस्टम। मेटलटेक मोटर बॉडीज़ प्राइवेट लिमिटेड, बीईएमएल लिमिटेड और टाटा इंटरनेशनल व्हीकल एप्लीकेशंस केलिए आतंकवादरोधी वाहन ट्रैक किया गया संस्करण। एसडीआर ऑटो प्राइवेट लिमिटेड और जॉन गाल्ट इंटरनेशनल केलिए मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन एमके-1ए केलिए 70टी टैंक ट्रांसपोर्टर का पूर्ण ट्रेलर। भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को विस्तार योग्य मोबाइल शेल्टर। टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड को वज्र-दंगा नियंत्रण वाहन। बीईएमएल लिमिटेड को एमबीटी अर्जुन केलिए यूनिट रखरखाव वाहन। दास हिताची लिमिटेड और गोमा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड को बहुउद्देश्यीय परिशोधन प्रणाली सौपी गई हैं।
डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने इस अवसर पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए सफल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान स्वदेशी प्रणालियों के असाधारण प्रदर्शन केलिए डीआरडीओ और उद्योग जगत की खूब प्रशंसा और उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने उद्योग जगत को क्षमता वृद्धि की योजना बनाने का सुझाव भी दिया। उन्होंने भूमि प्रणालियों और हथियार प्लेटफार्मों केलिए उच्चस्तरीय तकनीकी समाधान प्रदान करने में वीआरडीई के प्रयासों की सराहना की। प्रौद्योगिकियां हस्तांतरित कार्यक्रम में उद्योग जगत के प्रतिनिधि, प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं महानिदेशक (आयुध एवं युद्ध इंजीनियरिंग) क्लस्टर डीआरडीओ के प्रोफेसर प्रतीक किशोर, वीआरडीई के निदेशक जी राममोहन राव और वरिष्ठ वैज्ञानिक भी उपस्थित थे।