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Saturday 14 June 2025 05:41:22 PM
देहरादून। श्रीलंकाई सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासांथा रोड्रिगो ने भारत और श्रीलंका की सेनाओं केबीच दीर्घकालिक एवं सशक्त सैन्य संबंधों को और मजबूत करते हुए अपनी चार दिवसीय भारत यात्रा पूरी कर ली है। लेफ्टिनेंट जनरल रोड्रिगो ने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून का पुनः दौरा किया, जहां उन्हें दिसंबर 1990 में 87वें कोर्स में कमीशन दिया गया था और अब अपने देश की सेना के कमांडर के रूपमें उन्होंने पासिंग आउट परेड का निरीक्षण किया तथा श्रीलंका के कैडेटों सहित विदेशी अधिकारियों की नई पीढ़ी को कमीशन प्रदान करते हुए देखा। यह पासिंग आउट परेड अत्यंत प्रतीकात्मक थी, जिसमें ब्रिगेडियर आरएमएसपी रथनायके के पुत्र आरएमएनएल रथनायके सहित दो श्रीलंकाई अधिकारी कैडेटों ने भाग लिया, जो कमीशन प्राप्त अधिकारी के रूपमें उत्तीर्ण हुए। आईएमए से कमीशन प्राप्त श्रीलंकाई सैन्य अधिकारियों की संख्या 296 हो गई है, जो मित्र विदेशी सेनाओं के नेतृत्व को आकार देने में भारत की निरंतर भूमिका को उजागर करता है।
लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासांथा रोड्रिगो ने आईएमए में पासिंग आउट परेड का निरीक्षण करने पर गहरा सम्मान व्यक्त किया और अपने भूतपूर्व संस्थान में फिरसे वापस आनेको अत्यंत भावनात्मक क्षण बताया। उन्होंने सैन्य कैडेटों से कहाकि सशस्त्र बलों में कमीशन प्राप्त करना केवल रैंक प्राप्त करना नहीं है, बल्कि सेवा, जिम्मेदारी एवं नेतृत्व का आजीवन मार्ग अपनाना है। लासांथा रोड्रिगो ने आईएमए के सिद्धांत-राष्ट्र, सैनिकों तथा पूर्व बहादुर सैनिकों के परिवारों केप्रति कर्तव्य और अनुशासन, अखंडता, निष्ठा, सम्मान के स्थायी मूल्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कैडेटों से आग्रह कियाकि वे गर्व और उद्देश्य केसाथ वर्दी पहनें और स्वयं को देशभक्तों की अटूट श्रृंखला का हिस्सा मानें। लासांथा रोड्रिगो ने विदेशी कैडेटों को आईएमए के मूल्यों का राजदूत बताया, जो सीमाओं से परे हैं। लासांथा रोड्रिगो ने अधिकारियों से बुद्धिमत्ता केसाथ नेतृत्व करने, न्याय को बनाए रखने व आईएमए की विरासत में निडरता से योगदान देने का आह्वान किया और फील्ड मार्शल मानेकशॉ के शब्दों को उद्धृत कियाकि ‘सत्यवादी बनें, ईमानदार बनें, निडर बनें।’
लेफ्टिनेंट जनरल लासांथा रोड्रिगो ने भारत दौरे के दौरान भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों केसाथ पेशेवर सैन्य सहयोग, संयुक्त प्रशिक्षण और क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचे को बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा की। गौरतलब हैकि भारत-श्रीलंका द्विपक्षीय अभ्यास ‘मित्र शक्ति’ का आयोजन करते हैं, जो दोनों देशों केबीच सैन्य स्तरपर उग्रवाद व आतंकवादरोधी प्रशिक्षण पहल का प्रमुख कार्यक्रम है। इसका 10वां संस्करण अगस्त 2024 में श्रीलंका में हुआ था और यह सेनाओं केबीच सैन्य परिचालन तालमेल तथा विश्वास निर्माण केलिए आधारशिला के रूपमें कार्य करता रहेगा। श्रीलंकाई सेना भारतीय सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सबसे बड़ी विदेशी भागीदार बन गई है, इनमें रक्षा सेवा स्टाफ कॉलेज, इन्फैंट्री स्कूल, काउंटर इनसर्जेंसी एंड जंगल वारफेयर स्कूल, आर्मी एयर डिफेंस कॉलेज, स्कूल ऑफ आर्टिलरी, आर्मर्ड कोर सेंटर एंड स्कूल, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री सेंटर एंड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी जैसे प्रतिष्ठित संस्थान शामिल हैं। यह प्रशिक्षण सहयोग न केवल पेशेवराना क्षमता का निर्माण करता है, बल्कि दोनों सेनाओं केबीच पारस्परिक एवं संस्थागत संबंधों को भी विस्तार देता है।
भारतीय सेना के भूतपूर्व प्रमुखों ने भी विभिन्न महत्वपूर्ण द्विपक्षीय कार्यक्रमों केलिए श्रीलंका का दौरा किया है, जिनमें मित्र शक्ति अभ्यास के पिछले संस्करण और उच्चस्तरीय रक्षा वार्ताएं शामिल हैं। इसी प्रकार श्रीलंका के सैन्य कमांडरों ने लगातार भारत की आधिकारिक यात्राएं की हैं, जिससे संरचित सहयोग और साझा प्रशिक्षण लोकाचार के माध्यम से दोनों देशों केबीच रक्षा कूटनीति को मजबूती मिली है। श्रीलंकाई सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल बीकेजीएम लासांथा रोड्रिगो की यह भारत यात्रा एक नियमित सैन्य भेंट से कहीं अधिक थी, यह साझा मूल्यों, आपसी विश्वास और स्थायी मित्रता का उत्सव था। लासांथा रोड्रिगो के इस भारत दौरे ने आईएमए में परेड की समीक्षा से लेकर दिल्ली और जयपुर में रणनीतिक चर्चा तक हिंद महासागर क्षेत्रमें रक्षा संबंध सशक्त बनाने में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रतिबिंबित किया।