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लखनऊ के लघु एवं कुटीर उद्योगों को बचाएं

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Saturday 29 December 2012 09:02:23 AM

लखनऊ। नगर निगम लखनऊ के कांग्रेस पार्षद दल के उप नेता मुकेश सिंह चौहान ने भारत सरकार के लघु एवं कुटीर उद्योग राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) केएच मुनियप्पा को एक पत्र लिखकर उनका ध्यान लखनऊ नगर के अंतर्गत आने वाले लघु एवं कुटीर उद्योगों की ओर आकर्षित किया है, जहां पर राज्य सरकार से प्रोत्साहन न मिलने के कारण आज ये उद्योग बंदी के कगार पर हैं और इससे जुड़े हुए उद्यमियों के सामने आजीविका की समस्या उत्पन्न हो रही है। ज्ञातव्य है कि लखनऊ में चिकन एवं जरदौजी के कार्य में लगभग 5 लाख कुशल एवं अकुशल मजदूर लगे हुए हैं। आम की खेती के लिए मशहूर होने के कारण यहां आम के अचार, अमावट एवं इससे बनाए जाने वाले विभिन्न उत्पादों से भी लगभग 2 लाख लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है।
मुकेश सिंह चौहान ने लघु एवं कुटीर उद्योगों से जुड़े इन मजदूरों के हितों को देखते हुए ज्ञापन में कई बिंदुओं की ओर लघु एवं कुटीर उद्योग राज्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है जैसे-चिकनकारी एवं जरदौजी उद्योग को बचाने के लिए लखनऊ में केंद्र सरकार की तरफ से एक एक्सपोर्ट हाऊस खोला जाए, जिससे इस उद्योग में लगे कारीगरों को बिचैलियों से मुक्ति मिलेगी और साथ ही साथ वे अपने निर्मित चिकन के कपड़ों का उन्हें विदेशों में एक्सपोर्ट करके उचित दाम हांसिल करके अपनी माली हालत सुधार कर पाएंगे। यहां पर एक्सपोर्ट हाऊस खोलने से लखनऊ सहित इसके आस-पास के जिलों यथा- सीतापुर, बाराबंकी, उन्नाव, रायबरेली आदि के चिकन एवं जरदौजी के कारीगरों को इसका सीधा फायदा मिल सकेगा।
चिकन, जरदौजी एवं अचार उद्योग से जुड़े कारीगरों को आसानी से उचित दरों पर ऋण उपलब्ध कराया जाए, जिससे वे अपना रोजगार स्थापित कर सकें।लखनऊ आम के लिए मशहूर है, आम से बने हुए खाद्य पदार्थों के निर्यात के लिए केंद्र सरकार की ओर से विशेष ध्यान दिया जाए, जिससे बंदी की कगार पर चल रहे इस उद्योग को बचाया जा सके और यहां के कारीगरों के जीवन स्तर को उठाया जा सके। ज्ञापन में अनुरोध किया गया है कि उद्योग राज्यमंत्री सकारात्मक निर्णय लेते हुए इनकी समस्याओं का निदान कराएंगे। ज्ञापन में बोधलाल शुक्ला, तारिक सिद्दीकी, प्रदीप कन्नौजिया शामिल हैं।

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