मुसलमान, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी नेताओं ने व्यक्त किए विचार
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने 18 दिसंबर को मनाया अल्पसंख्यक दिवसस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 20 December 2025 05:11:09 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने 18 दिसंबर को देशभर में अल्पसंख्यक दिवस मनाया। इस अवसर पर अल्पसंख्यक समुदाय-मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन और पारसी (ज़ोरोस्ट्रियन) के समुदायिक नेताओं ने विभिन्न कार्यक्रमों में अपने विचार व्यक्त किए। माउंट कार्मेल स्कूल के डॉ माइकल वी विलियम्स ने याद दिलायाकि अल्पसंख्यक दिवस क्यों महत्वपूर्ण है और शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा से राष्ट्र निर्माण में ईसाई समुदाय के लंबे और मौन योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि ये ऐसी संस्थाएं हैं, जो सांप्रदायिक सीमाओं से कहीं आगे बढ़कर सेवा करती हैं। जामिया हमदर्द के मोहम्मद तौहीद आलम ने 'सबका साथ, सबका विश्वास, सबका विकास' के व्यापक ढांचे के भीतर अल्पसंख्यक कल्याण पर प्रकाश डाला और कहाकि वर्तमान में शासन का मूल आधार समावेश है। खालसा कॉलेज के प्रोफेसर हरबंस सिंह ने गुरुबानी से प्रेरणा लेते हुए समझायाकि सहअस्तित्व और सामूहिक समृद्धि केवल नारे नहीं, बल्कि जीवंत परंपराएं हैं।
आचार्य येशी फुंटसोक और डॉ इंदु जैन ने बौद्ध एवं जैन समुदायों के सामने आनेवाली चुनौतियों के बारेमें खुलकर बात की और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से उचित समाधान की मांग की। पारसी नेता मराज़बान नरीमन ज़ैवाला ने अल्पसंख्यक केंद्रित कार्यक्रमों और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की भूमिका का विस्तार से वर्णन किया। गौरतलब हैकि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग देश के विभिन्न समुदायों को एक साझा नागरिक मंच पर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों ने कार्यक्रम में सक्रिय रूपसे भाग लिया। अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र से लेकर विभिन्न सरकारी योजनाओं के कार्यांवयन तकके मुद्दों पर कई प्रश्न उठाए गए। संवाद में सशक्त भागीदारी और संवाद के माध्यम से चिंताओं के समाधान केप्रति साझा प्रतिबद्धता दिखाई देती है। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सचिव अलका उपाध्याय ने अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान के उद्देश्य से चलाई जा रहीं सरकारी योजनाओं के बारेमें विस्तार से बताया। उन्होंने कहाकि अल्पसंख्यक समुदायों ने राष्ट्र के समृद्ध सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक ताने-बाने में अमूल्य योगदान दिया है। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग एक समावेशी और न्यायसंगत समाज के निर्माण केलिए अथक प्रयास कर रहा है।
अलका उपाध्याय ने अल्पसंख्यक समुदायों के उत्थान केलिए शुरू की गईं विभिन्न पहलों के बारेमें बात की, जिनमें शिक्षा, कौशल विकास, वित्तीय सहायता और सशक्तिकरण से संबंधित योजनाएं प्रमुख हैं। उन्होंने कहाकि सरकारी कार्यों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना होता हैकि कोई भी पीछे न छूटे और सभी समुदायों को, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, प्रगति और समृद्धि के समान अवसर प्राप्त हो। उन्होंने विभिन्न समुदायों केबीच निरंतर संवाद के महत्व को रेखांकित किया। अलका उपाध्याय ने कहाकि अपनी स्थापना से ही राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों के संरक्षण, कल्याण और सशक्तिकरण को सुनिश्चित करने में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने आश्वासन दियाकि राज्य सरकारों, हितधारकों और अल्पसंख्यक समुदायों केसाथ निरंतर संपर्क से अल्पसंख्यकों की आवाज़ सुनी जाती है सुनी जाएगी, उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है किया जाएगा और उनकी आकांक्षाओं को पूरा किया जाता है और आगे भी किया जाएगा।