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विमानन मंत्रालय में पैसेंजर असिस्टेंट कंट्रोल रूम शुरू

भारतीय सिविल एविएशन इकोसिस्टम में यात्री सबसे आगे-विमानन मंत्री

अब यात्री केंद्रित समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 29 December 2025 01:49:44 PM

the aviation ministry has launched a passenger assistance control room.

नई दिल्ली। भारतीय विमानन क्षेत्रमें अभूतपूर्व वृद्धि देखी जा रही है, इस एक दशक में विशेष रूपसे इसके परिणामस्वरूप यात्री यातायात और कनेक्टिविटी में तेज़ी से इजाफा हुआ है। हालांकि इस विस्तार से कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल हुई हैं, लेकिन इसके साथही उड़ानों में देरी, रिफंड से जुड़ी शिकायतें, सामान (बैगेज) से संबंधित समस्याएं, भीड़भाड़, लंबी कतारें और पीक आवर्स में यात्रियों केलिए अपर्याप्त सुविधाएं जैसी लगातार चुनौतियां भी सामने आई हैं। इन समस्याओं ने यह स्पष्ट कर दियाकि यात्री केंद्रित मुद्दों के समाधान केलिए एक सुव्यवस्थित, समन्वित और रियल टाइम प्रतिक्रिया तंत्र की आवश्यकता है। इनको पहचानते हुए नागर विमानन मंत्री राममोहन नायडू के नेतृत्व में नागर विमानन मंत्रालय ने एक स्थायी 24×7 पैसेंजर असिस्टेंट कंट्रोल रूम शुरू कर दिया है। इसकी पहल नागर विमानन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने की, जिसका उद्देश्य यात्रियों की सहायता और संकट प्रबंधन केलिए एक एकीकृत भविष्य केलिए तैयार और संस्थागत तंत्र को स्थापित करना है, ताकि यात्रियों से जुड़ी समस्याओं का त्वरित और प्रभावी समाधान सुनिश्चित किया जा सके।
नागर विमानन मंत्रालय में सचिव समीर कुमार सिन्हा ने बतायाकि पीएसीआर एक एकीकृत केंद्र के रूपमें कार्य करता है, इसमें नागर विमानन मंत्रालय, नागर विमानन महानिदेशालय, एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एयरलाइन ऑपरेटरों और प्रमुख हितधारकों के अधिकारी उड़ान भवन दिल्ली में एक ही छत के नीचे साथ मिलकर काम करते हैं। उन्होंने बतायाकि पीएसीआर चौबीस घंटे संचालित होता है, यहां विमानन संचालन की लगातार निगरानी की जाती है, यात्रियों की कॉल्स सुनी जाती है और समय पर सहायता तथा शिकायतों के समाधान केलिए प्रभावी व कुशल समन्वय किया जाता है। एयरसेवा प्रणाली को भी पूरी तरह पीएसीआर केसाथ एकीकृत कर दिया गया है, जिससे प्राप्त यात्री शिकायतों का निर्बाध निपटान संभव हो सका है। एक ओम्नी चैनल तकनीकी ढांचा यात्रियों से प्राप्त इनपुट को कार्रवाई योग्य मामलों में बदलता है, जिसे डेटा आधारित डैशबोर्ड का समर्थन मिलता है। ये डैशबोर्ड शिकायतों के प्रकार समयसीमा और संबंधित हितधारकों की कार्रवाई पर लाइव निगरानी उपलब्ध कराते हैं। कंट्रोल रूम में एयरलाइन प्रतिनिधियों की भौतिक मौजूदगी से त्वरित समन्वय और मौके पर ही समस्याओं का समाधान सुनिश्चित हो पाता है।
समीर कुमार सिन्हा ने बतायाकि 3 दिसंबर 2025 से अबतक पीएसीआर में केंद्रित निगरानी और त्वरित हस्तक्षेप से 13000 से अधिक यात्री शिकायतों का समाधान किया जा चुका है। इसके अलावा परिचालन में बाधा के दौरान यात्रियों को सीधे सहायता देने केलिए 500 से अधिक कॉल आधारित हस्तक्षेप भी किए गए हैं। उन्होंने कहाकि उड़ान में देरी, उड़ान रद्द होने, रिफंड और सामान से जुड़ी शिकायतों को यात्री चार्टर के प्रावधानों के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर निपटाया जा रहा है। उन्होंने कहाकि पीएसीआर की नींव एक स्पष्ट दृष्टि पर आधारित है, जिसका उद्देश्य भारत के नागरिक उड्डयन इकोसिस्टम में यात्री को केंद्र में रखना है। उन्होंने बतायाकि यह व्यवस्था पैसेंजर फर्स्ट, समन्वित प्रयास, स्टेकहोल्डर्स को साथ लाने और भविष्य केलिए तैयार टेक्नोलॉजी आधारित फ्रेमवर्क के सिद्धांतों पर चलता है, जो रियलटाइम कोऑर्डिनेशन, डेटाआधारित फैसले लेने और यात्रियों की मदद में सतत सुधार सुनिश्चित करती है।
समीर कुमार सिन्हा प्रतिदिन व्यक्तिगत रूपसे पैसेंजर असिस्टेंस कंट्रोल रूम का दौराकर संचालन की समीक्षा करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैंकि यात्रियों की शिकायतों का त्वरित निपटारा हो। उन्होंने कहाकि एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के चेयरमैन, डीजीसीए के संयुक्त महानिदेशक, नागर विमानन मंत्रालय के उपमहानिदेशक और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों का नेतृत्व और सहयोग पीएसीआर के प्रभावी संचालन में अहम भूमिका निभा रहा है। शिकायत निवारण की गति, पारदर्शिता और प्रभावशीलता में आए उल्लेखनीय सुधार को लेकर यात्रियों और संबंधित हितधारकों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। सचिव ने कहाकि नागर विमानन मंत्रालय पीएसीआर को और सशक्त बनाने केलिए समर्पित मानव संसाधन, उन्नत तकनीकी सहयोग और बेहतर लॉजिस्टिक सुविधाएं उपलब्ध कराने केप्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है, ताकि यह प्रणाली हर समय संवेदनशीलता, दक्षता और जवाबदेही केसाथ यात्रियों की सेवा करती रहे।

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