भारत की उन्नत और आत्मनिर्भर रेल प्रौद्योगिकी में उल्लेखनीय उपलब्धि
कोटा-नागदा केबीच 180 किलोमीटर प्रतिघंटे रफ्तार से दौड़ी वंदे भारतस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 31 December 2025 06:18:40 PM
कोटा/ नागदा। भारतीय रेलवे ने रेल सुरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की देखरेख में स्वदेशी रूपसे डिजाइन और निर्मित वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का अंतिम उच्चगति परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह परीक्षण कोटा-नागदा खंड पर किया गया, इस दौरान ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की अधिकतम गति प्राप्त की, जो उन्नत और आत्मनिर्भर रेल प्रौद्योगिकी की दिशामें भारत की यात्रा में एक और उल्लेखनीय उपलब्धि है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन परीक्षण के दौरान व्यापक तकनीकी मूल्यांकन किए गए, जिनमें सवारी स्थिरता, दोलन, कंपन व्यवहार, ब्रेकिंग प्रदर्शन, आपातकालीन ब्रेकिंग प्रणाली, सुरक्षा प्रणाली और महत्वपूर्ण मापदंडों का आकलन शामिल था। उच्चगति पर ट्रेन का प्रदर्शन पूरी तरह संतोषजनक पाया गया और रेल सुरक्षा आयुक्त ने परीक्षण को सफल घोषित किया।
रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर वंदे भारत स्लीपर का हाईस्पीड ट्रायल का वीडियो साझा किया, जिसमें कोटा-नागदा खंड पर 180 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के सफल सीआरएस ट्रायल को दिखाया गया है। वीडियो में पानी से भरे गिलासों की स्थिरता का प्रदर्शन किया गया, जिसमें पानी से भरे गिलास तेजगति पर भी बिना छलके स्थिर रहे। यह नई पीढ़ी की वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की उन्नत सवारी गुणवत्ता, बेहतर सस्पेंशन और तकनीकी मजबूती को दर्शाता है। परीक्षण में इस्तेमाल की गई 16 कोच वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन लंबी दूरी की यात्रा को ध्यान में रखकर बनाई गई है, इसमें अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं मौजूद हैं, इनमें आरामदायक स्लीपर बर्थ, उन्नत सस्पेंशन सिस्टम, स्वचालित दरवाजे, आधुनिक शौचालय, अग्नि सुरक्षा और निगरानी प्रणाली, सीसीटीवी आधारित निगरानी, डिजिटल यात्री सूचना प्रणाली और ऊर्जा कुशल तकनीकें शामिल हैं। इन सुविधाओं का उद्देश्य यात्रियों को सुरक्षित, आरामदायक और विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव प्रदान करना है।
वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों में तकनीकी प्रगति और सुरक्षा सुविधाएं इस प्रकार हैं-कवच से सुसज्जित, क्रैशप्रूफ और जर्क-फ्री सेमी परमानेंट कपलर और एंटी क्लाइम्बर, प्रत्येक कोच के अंत में अग्निरोधक दरवाजे, विद्युत कैबिनेट और शौचालयों में एरोसोल आधारित अग्नि पहचान और शमन प्रणाली से अग्नि सुरक्षा में सुधार हुआ है। ऊर्जा दक्षता केलिए पुनर्योजी ब्रेकिंग प्रणाली, एयर कंडीशनिंग यूनिटों में स्वदेशी रूपसे विकसित यूवी-सी लैंप आधारित कीटाणुशोधन प्रणाली लगाई गई है। केंद्रीय रूपसे नियंत्रित स्वचालित प्लग दरवाजे और पूरी तरह से सीलबंद चौड़े गलियारे, सभी कोचों में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, आपातकालीन स्थिति में यात्री और ट्रेन प्रबंधक या लोको पायलट केबीच संचार केलिए आपातकालीन टॉक-बैक यूनिट। दिव्यांगजन यात्रियों केलिए प्रत्येक छोर पर स्थित कोचों में विशेष शौचालय की व्यवस्था की गई है। एयर कंडीशनिंग, सैलून लाइटिंग आदि जैसी यात्री सुविधाओं की बेहतर स्थिति की निगरानी केलिए केंद्रीकृत कोच निगरानी प्रणाली और ऊपरी बर्थ पर चढ़ने में आसानी केलिए एर्गोनॉमिक रूपसे डिज़ाइन की गई सीढ़ी है।