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'सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि' पुस्तक का विमोचन

उपराष्ट्रपति ने राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष के पुस्तक लेखन को सराहा

देश मना रहा है भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी

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Wednesday 24 December 2025 12:22:05 PM

book launch of 'the unwavering vision of sanatan culture'

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की पुस्तक 'सनातन संस्कृति की अटल दृष्टि' का उपराष्ट्रपति निवास दिल्ली पर आयोजित कार्यक्रम में विमोचन किया। उपराष्ट्रपति ने वासुदेव देवनानी को पुस्तक लिखने केलिए बधाई दी और इसे एक समयोचित एवं महत्वपूर्ण योगदान कहा, विशेषकर तब जब देश प्रधानमंत्री रहे भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी मना रहा है। उपराष्ट्रपति ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहाकि अटल बिहारी वाजपेयी केवल एक व्यक्ति नहीं, बल्कि स्वयं में एक संस्था थे, जिनका जीवन और नेतृत्व सिद्धांतों एवं मूल्यों केप्रति अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक था।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने अटल बिहारी वाजपेयी केसाथ अपने व्यक्तिगत संबंधों को याद करते हुए कहाकि उन्हें 12वीं और 13वीं लोकसभा के सदस्य के रूपमें अटलजी के प्रधानमंत्री रहते हुए उनसे सीखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सीपी राधाकृष्णन ने जनसंघ के दिनों की सुखद यादें साझा कीं, जिनमें आपातकाल से पहले कोयंबटूर में अटलजी केलिए एक बड़े सार्वजनिक सम्मेलन का आयोजन करना शामिल था, यह अनुभव उनके जीवन में गहरा एवं अमिट छाप छोड़ा। राष्ट्रनिर्माण में अटलजी के अनुकरणीय योगदान पर उपराष्ट्रपति ने कहाकि अटलजी के दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को कई क्षेत्रों में रूपांतरित किया। मई 1998 में ऑपरेशन शक्ति के अंतर्गत पोखरण में सफल परमाणु परीक्षणों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहाकि अटलजी का निर्णायक नेतृत्व वैश्विक मंच पर भारत के आत्मविश्वास एवं संकल्प को प्रदर्शित करता है। उन्होंने अटलजी के प्रेरणादायक नारे ‘जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान’ को भी याद किया, जो राष्ट्रीय शक्ति केलिए उनकी समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है।
उपराष्ट्रपति ने छत्तीसगढ़, उत्तराखंड और झारखंड राज्यों के गठन में अटलजी की दूरदर्शिता को भी रेखांकित किया, जो क्षेत्रीय आकांक्षाओं तथा विकेंद्रीकृत एवं उत्तरदायी शासन की आवश्यकता की उनकी गहरी समझ को दर्शाता है। उन्होंने कहाकि जनजातीय कार्य मंत्रालय की स्थापना भी अटल बिहारी वाजपेयी की समावेशी विकास एवं सबसे दूरदराज़ लोगों केलिए न्याय केप्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। झारखंड के राज्यपाल के रूपमें अपने अनुभवों को साझा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें इन दूरदर्शी निर्णयों के दूरगामी प्रभाव को प्रत्यक्ष रूपसे देखने का अवसर प्राप्त हुआ है। उपराष्ट्रपति ने कहाकि अटलजी हमेशा सुशासन पर बल देते थे, यही कारण हैकि उनका जन्मदिवस 'सुशासन दिवस' के रूपमें मनाया जाता है। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना और विद्युत क्षेत्रमें सुधार जैसी महत्वपूर्ण पहलों का उल्लेख किया, जिन्होंने भारत के विकास के लिए मजबूत नींव रखी। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री भागीरथ चौधरी भी उपस्थित थे।

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