विमानन सुरक्षा में सतर्कता, नियमों का पालन व जवाबदेही तय
विमानन पेशेवरों ने सेफ्टी सेमिनार में अपने विचार साझा किएस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Saturday 20 December 2025 03:00:34 PM
नई दिल्ली। नागर विमानन मंत्रालय के तहत नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने नई दिल्ली में भारतीय विमानन अकादमी में सेफ्टी सेमिनार-2025 का आयोजन किया, जिसका विषय ‘सहयोग के माध्यम से विमानन सुरक्षा को बढ़ाना’ था। सेमिनार में एमओसीए, डीजीसीए के वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत के लीडर और भारतीय नागर विमानन इकोसिस्टम के विमानन पेशेवरों ने अपने विचार साझा किए। नागर विमानन मंत्रालय के सचिव समीर कुमार सिन्हा ने सेमिनार का उद्घाटन किया और कहाकि सुरक्षा कोई तय मंजिल नहीं है, बल्कि एक लगातार चलने वाली यात्रा है, जिसके लिए सतर्कता, नियमों का पालन और जवाबदेही जरूरी है। उन्होंने उदाहरण देकर विमानन सुरक्षा से जुड़ी अहम चिंताओं को साफ तौरपर समझाया, जिससे सुरक्षित विमानन माहौल बनाए रखने की सामूहिक जिम्मेदारी को मजबूती मिली।
समीर कुमार सिन्हा ने कहाकि भारत दुनिया के तीसरे सबसे बड़े घरेलू नागरिक विमानन बाजार के रूपमें गर्व से खड़ा है। उन्होंने कहाकि पिछले एक दशक में देश के अंदर यात्री यातायात में सालाना औसतन 9 प्रतिशत की शानदार बढ़ोतरी हुई है, जबकि कार्गो वॉल्यूम में 2.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहाकि हमारे फ्लीट की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है, जो 2014 में 395 एयरक्राफ्ट से बढ़कर 2025 तक 844 हो गई है, जो इस सेक्टर की जबरदस्त तेजी को दिखाता है। समीर कुमार सिन्हा ने कहाकि साल 2025 भारतीय नागर विमानन केलिए सीखने और बदलाव का समय रहा है। उन्होंने कहाकि चुनौतियों ने भलेही हमारी सहनशक्ति की परीक्षा ली हो, लेकिन हमने सुरक्षा दक्षता से जनता के भरोसे को बढ़ाने के संकल्प को भी मजबूत किया है। उन्होंने कहाकि इन अनुभवों ने विमानन समुदाय को देश में हवाई यात्रा केलिए एक सुरक्षित और मजबूत भविष्य बनाने के दृढ़ संकल्प केसाथ एकजुट किया है। समीर कुमार सिन्हा ने कहाकि एक और क्षेत्र जिसपर ध्यान देने की जरूरत है, वह है रखरखाव की गलतियों से होने वाला परिचालन जोखिम, इनसे मैकेनिकल खराबी और सिस्टम फेलियर होते हैं।
डीजीसीए के महानिदेशक फैज अहमद किदवई ने सक्रिय सुरक्षा निरीक्षण और वैश्विक संरेखण केप्रति नियामक की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने भारतीय वायुयान अधिनियम-2024, राज्य सुरक्षा कार्यक्रम और राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा योजना (2024-2028) के कार्यांवयन सहित मुख्य पहलों के बारेमें बताया। दिनभर चले कार्यक्रम में तीन तकनीक सत्र हुए, जिनमें सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों जैसे-रनवे इनकर्शन, विमानन में सकारात्मक सुरक्षा संस्कृति और रखरखाव में खामी पर बात हुई। हर सत्र में नियामक और उद्योग दोनों क्षेत्रों के विशेषज्ञ एकसाथ आए और उन्होंने मूल कारणों पर चर्चा की, सर्वश्रेष्ठ तौर-तरीके साझा किए और बचाव की रणनीतियां बताईं। इस मौके पर सुरक्षा प्रबंधन केलिए एक सक्रिय, जोखिम आधारित नजरिये के महत्व पर जोर दिया गया। हितधारकों ने पारदर्शिता लाने, सुरक्षा संस्कृति को मजबूत करने और राष्ट्रीय मानकों को वैश्विक विमानन मानकों केसाथ जोड़ने की दिशा में नियामक के प्रयासों की सराहना की। सेमिनार ने भारत के विमानन सुरक्षा ढांचे को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से गहरी साझेदारी और लगातार बातचीत केलिए मंच प्रदान किया।