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Sunday 21 September 2025 03:20:52 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मेक इन इंडिया पहल के एक दशक पूरा होने पर नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में मेक इन इंडिया स्मारक सिक्का जारी किया। पीयूष गोयल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहाकि बीते दस वर्ष में मेक इन इंडिया पहल ने निवेश को सुगम बनाया, नवाचार को प्रोत्साहित किया, विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण किया और देश को विनिर्माण डिजाइन एवं नवाचार के क्षेत्रमें एक वैश्विक केंद्र के रूपमें स्थापित किया है। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस पहल ने घरेलू विनिर्माण बढ़ाने, नवाचार बढ़ाने, कौशल विकास बढ़ाने और विदेशी निवेश को और ज्यादा सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीयूष गोयल ने कहाकि 25 सितंबर 2014 को मेक इन इंडिया पहल की शुरुआत हुई थी, आज इसके एक दशक पर हम एक लचीली, आत्मनिर्भर और वैश्विक रूपसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था के रूपमें भारत की ताकत की पुष्टि करते हैं।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहाकि एक दशक में मेक इन इंडिया पहल ने भारत के विनिर्माण क्षेत्रमें विश्वास को फिरसे जगाया है, इससे देश को मुख्य रूपसे सेवा आधारित अर्थव्यवस्था से एक मान्यता प्राप्त वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति के रूपमें देखा जाने लगा है। उन्होंने उल्लेख कियाकि 2014 और 2024 केबीच भारत को 667 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ, जो उदारीकरण केबाद से अबतक हुए सभी निवेशों का लगभग दो-तिहाई है। उन्होंने कहाकि देश ने कारोबार सुगमता के मामले में भी उल्लेखनीय प्रगति की है, जो 2014 में 142वें स्थान से बढ़कर विश्वबैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट 2020 में 63वें स्थान पर पहुंच गया है। पीयूष गोयल ने कहाकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में व्यापारिक निर्यात 437.42 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया, जिससे भारत वैश्विक व्यापार में एक महत्वपूर्ण देश के रूपमें स्थापित हो गया है। पीयूष गोयल ने कहाकि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम 1.80 लाख से अधिक डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त स्टार्टअप तक बढ़ गया है, यह अमरीका और चीन केबाद वैश्विक स्तरपर तीसरा सबसे बड़ा है, इसने 2025 तक 118 यूनिकॉर्न केसाथ 17.6 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं।
पीयूष गोयल ने कहाकि 14 क्षेत्रों में 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय केसाथ उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना ने लगभग 1.88 लाख करोड़ रुपये का निवेश आकर्षित किया है, जिसमें 806 स्वीकृत आवेदन सक्रिय कार्यांवयन में हैं, जिनसे 12 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित हुए हैं। पीयूष गोयल ने कहाकि औद्योगिक क्षमताओं का विस्तार हुआ है, भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है, जो 99 प्रतिशत स्मार्टफ़ोन का घरेलू उत्पादन करता है। उन्होंने कहाकि वंदे भारत ट्रेन और आईएनएस विक्रांत जैसी स्वदेशी परियोजनाएं इंजीनियरिंग उत्कृष्टता का प्रदर्शन करती हैं, जबकि रक्षा उत्पादन 2024-25 में बढ़कर 1.51 लाख करोड़ रुपये हो गया है और 80 से ज़्यादा देशों को 23622 करोड़ रुपये का निर्यात पहुंच रहा है। उन्होंने कहाकि 5500 से अधिक वस्तुओं को शामिल करते हुए पांच सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियां जारी की गई हैं, जिनमें से 3000 वस्तुओं का पहले ही स्वदेशीकरण हो चुका है, इसमें लड़ाकू विमान, टैंक, तोपखाना, जलपोत, सोनार प्रणालियां और हेलीकॉप्टर शामिल हैं। उन्होंने कहाकि दवा एवं चिकित्सा विनिर्माण क्षेत्रमें पीएलआई योजना केतहत 21 परियोजनाएं 54 अद्वितीय उपकरणों का उत्पादन कर रही हैं, जिनमें एमआरआई मशीन, सीटी स्कैनर, हृदय वाल्व, स्टेंट तथा डायलिसिस मशीनें प्रमुख हैं।
पीयूष गोयल ने कहाकि भारत में एयर कंडीशनर एवं एलईडी लाइटों के प्रमुख घटकों का घरेलू उत्पादन भी हो रहा है, जिससे आयात निर्भरता में उल्लेखनीय कमी आई है और घरेलू विनिर्माण क्षमताएं मजबूत हुई हैं। पीयूष गोयल ने कहाकि सेमीकंडक्टर क्षेत्रमें भारत अपनी पहली 2 एनएम चिप के निर्माण की ओर बढ़ रहा है, जो पहले की 7, 5 और 3 एनएम प्रौद्योगिकियों से एक बड़ी प्रगति है। पीयूष गोयल ने कहाकि यह कृत्रिम बुद्धिमत्ता, स्मार्टफोन, उच्च प्रदर्शन प्रणालियों केसाथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा और अंतरिक्ष अनुप्रयोगों में भविष्य के विकास में सहायता करेगी। उन्होंने कहाकि ये उपलब्धियां सामूहिक रूपसे इस दस दशक में मेक इन इंडिया के परिवर्तनकारी प्रभाव को प्रदर्शित करती हैं, जो भविष्य केलिए तैयार भारत केलिए एक मजबूत आधारशिला हैं और विकसित भारत@2047 के विजन में योगदान देती हैं।