स्वतंत्र आवाज़
word map

काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में मैराथन

तमिलनाडु-काशी की सांस्कृतिक एकता का आधार है संगमम्

रन फॉर काशी तमिल संगमम् में युवाओं की भारी भागीदारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 1 December 2025 12:46:46 PM

marathon at banaras hindu university campus

वाराणसी। काशी हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में काशी तमिल संगमम् 4.0 कार्यक्रम के ‘रन फॉर केटीएस 4.0’ में युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। सुबह 7:30 बजे मालवीय भवन से शुरू हुई संत रविदास गेट तक जानेवाली इस दौड़ ने न केवल परिसर को ऊर्जा से भर दिया, बल्कि प्रभावी रूपसे 'विविधता में एकता' का संदेश भी प्रसारित किया। तमिलनाडु और काशी की सांस्कृतिक एकता को सशक्त करता है यह कार्यक्रम। बीएचयू के कुलपति अजित कुमार चतुर्वेदी ने इस मैराथन को झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने कहाकि युवाओं की इतनी संख्या देखकर हमें भी उत्साह आ गया है। कुलपति ने कहाकि काशी विश्वविद्यालय काशी तमिल संगमम्-4.0 में हमारी प्राचीन सभ्यता, आध्यात्मिक और संगीत का भी एक संगम है। उन्होंने कहाकि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में हर राज्य के विद्यार्थी हैं।
रन फॉर केटीएस 4.0 के मुख्य संयोजक प्रोफेसर भुवनचंद्र कपरी, विभाग फिजिकल एजुकेशन कला संकाय बीएचयू ने बतायाकि इस दौड़ का मकसद केवल खेल को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि काशी और तमिलनाडु की ऐतिहासिक साझेदारी को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है। उन्होंने कहाकि ऐसे आयोजनों से युवाओं की ऊर्जा सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ती है और राष्ट्रीय एकता का संदेश मजबूत होता है। सह संयोजक डॉ राजीव कुमार सिंह असिस्टेंट डायरेक्टर फिजिकल एजुकेशन एवं स्पोर्ट्स (रैकेट गेम्स) ने बतायाकि इसबार मैराथन में बीएचयू के छात्रों केसाथ आसपास के कॉलेजों और समुदाय से भी बड़ी संख्या में युवाओं ने भाग लिया। डॉ राजीव कुमार सिंह ने कहाकि प्रतिभागियों में जोश और अनुशासन दोनों देखने को मिला, जो विश्वविद्यालय की खेल संस्कृति की पहचान है।
प्रोफेसर अंचल श्रीवास्तव जोकि दौड़ के निगरानी और समन्वय नोडल ऑफिसर थे, ने कहाकि काशी तमिल संगमम् बीएचयू का एक प्रमुख सांस्कृतिक सेतु है, जो दक्षिण और उत्तर भारत के प्राचीन संबंधों को वर्तमान में जीवंत करता है। उन्होंने कहाकि रन फॉर केटीएस 4.0 इसी कड़ी का एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसमें युवाओं ने बड़े उत्साह केसाथ हिस्सा लेकर इसे सफल बनाया। दौड़ शुरू होने से पहले सभी प्रतिभागियों को कार्यक्रम के उद्देश्यों, सुरक्षा दिशा-निर्देशों और मार्ग के बारेमें जानकारी दी गई। जैसेही संकेत मिला सैकड़ों युवक-युवतियों ने दौड़ की शुरुआत की और संदेश दियाकि काशी और तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत कितनी मजबूत है।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]