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इफ्फी में एक सदी पुरानी क्रांति फिर लौटी

निर्देशक कमलेश के मिश्रा ने 'काकोरी' से देशभक्ति जगाई

काकोरी फिल्म में स्वतंत्रता संग्राम और देशभक्ति का जोश

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 22 November 2025 11:42:32 AM

director kamlesh k mishra evokes patriotism with 'kakori'

पणजी। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) के 56वें संस्करण का मंच उस पल अतीत की यादों, राष्ट्रीय गौरव और विशुद्ध सिनेमा के जादू से जगमगा उठा, जब निर्देशक कमलेश के मिश्रा की नई फिल्म, 'काकोरी' ने दर्शकों के सामने अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई। यह केवल एक फिल्म नहीं है, 'काकोरी' दरअसल 1925 के महान 'काकोरी रेल एक्शन' को समर्पित एक शताब्दी श्रद्धांजलि है, एक ऐसा साहसिक कृत्य जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम की गति और दिशा को बदलकर रख दिया था। कमलेश के मिश्रा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में 'काकोरी' का वर्णन करते हुए कहाकि यह जोश और बलिदान से तराशी गई फिल्म है। उन्होंने कहाकि 48 घंटे के भीतर चार क्रांतिकारियों का शहीद हो जाना, क्या ऐसी घटना कभी फीकी पड़ सकती है? उनकी बहादुरी और कुर्बानी की गूंज आजभी पीढ़ी-दर-पीढ़ी सुनाई देती है। इस 9 अगस्त को सौ साल पूरे होने पर हमें लगाकि इतिहास खुद हमें इस कहानी को ईमानदारी, साहस और भावनाओं के साथ दोबारा पेश करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
कमलेश के मिश्रा ने फिल्म की आधारशिला गहन शोध पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि टीम ने घटना के वास्तविक सार को पकड़ने केलिए पुरानी पुस्तकों और पुराने अखबारों को खंगालने से लेकर नामी इतिहासकारों से परामर्श करने और शाहजहांपुर जैसे स्थानों पर बने महत्वपूर्ण स्मारकों का दौरा करने तक हर पहलू पर अथक समर्पण केसाथ काम किया है। उन्होंने कहाकि हमारा लक्ष्य हर तथ्य का ईमानदारी और सटीकता केसाथ दिखाना था, जो काम शुरू में एक डॉक्यूमेंट्री के रूपमें शुरू हुआ, वह धीरे-धीरे एक पूर्ण, गहन सिनेमाई अनुभव में बदल गया। उन्होंने विचार व्यक्त किया कि असली चुनौती यह थी की इतिहास के इतने बड़े अध्याय को भावनात्मक प्रतिध्वनि और ऐतिहासिक गंभीरता को बनाए रखते हुए एक दृश्य रूपसे सम्मोहक तीस मिनट की कहानी में कैसे समेटा जाए। निर्माता जसविंदर सिंह ने कलाकारों की प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहाकि कलाकारों ने क्रांतिकारियों के रोल में जान डाल दी, यह फिल्म उनके अदम्य साहस को श्रद्धांजलि है और उम्मीद हैकि यह भविष्य की पीढ़ियों को देशभक्ति की एक नई भावना से प्रेरित करेगी।
काकोरी फिल्म भारत में 1920 के दशक की घटनाओं को ब्रिटिश अराजकता के बैकग्राउंड में दिखाती है। यह काकोरी में हुई ऐतिहासिक रेल एक्शन की शताब्दी को चिह्नित करती है, जिसे उस समय के औपनिवेशिक शासन को चुनौती देने वाले निडर क्रांतिकारियों ने अंजाम दिया था। इस फिल्म की कहानी हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाकउल्ला खान, चंद्रशेखर आज़ाद और उनके साथियों के नेतृत्व में रेलवे में एक साहसी ट्रेन डकैती के माध्यम से ब्रिटिश खजाने को लूटने के प्लान के पहलुओं के इर्द-गिर्द घूमती है। यह घटना भारत की आज़ादी की लड़ाई में एक अहम पल था। फिल्म इस घटना के मौके पर क्रांतिकारियों के आदर्शों, उनके आपसी सौहार्द और अमर बलिदान को दिखाती है। धोखे, जेल और शहादत के जरिए काकोरी युवा साहस और अटूट देशभक्ति की एक दिल को छू लेने वाली कहानी का रोमांचक चित्रण है। काकोरी फिल्म के कलाकार और क्रू इस प्रकार हैं-निर्देशक कमलेश के मिश्रा, निर्माता केएसआर ब्रदर्स, पटकथा कमलेश के मिश्रा, सिनेमैटोग्राफर देव अग्रवाल, संपादक अभिषेक वत्स और एरोन राम, संगीत निर्देशक बापी भट्टाचार्य। कलाकार हैं-पीयूष सुहाने, मानवेंद्र त्रिपाठी, विकास श्रीवास्तव, संतोष कुमार ओझा, रजनीश कौशिक, ह्रदयजीत सिंह।

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