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सर्बानंद सोनोवाल के दिल्ली निवास पर असम दिवस

असम की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान विरासत एवं शानदार इतिहास की चर्चा

ग्रेटर असम के आर्किटेक्ट चाओलुंग सुकाफा को श्रद्धासुमन अर्पित ​किए गए

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Wednesday 3 December 2025 11:44:37 AM

tributes paid to chaolung sukapha, the architect of greater assam

नई दिल्ली\ गुवाहाटी। पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने असम दिवस पर राजधानी दिल्ली में सरकारी आवास पर एक शानदार कार्यक्रम आयोजित किया। उन्होंने अहोम साम्राज्य के संस्थापक और ग्रेटर असम के आर्किटेक्ट चाओलुंग सुकाफा को श्रद्धांजलि अर्पित की। सर्बानंद सोनोवाल ने चाओलुंग सुकाफा की तस्वीर के सामने पुष्प अर्पित किए और उनकी अनोखी विरासत का क्रमवार उल्लेख किया। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि ग्रेटर असमिया समुदाय के पूर्वज चाओलुंग सुकाफा को समर्पित इस खास कार्यक्रम में हिस्सा लेना बहुत गर्व की बात है। चाओलुंग सुकाफा ने 13वीं सदी की शुरुआत में असम के मूल निवासियों को एकजुट करने केलिए कदम उठाए, उन्होंने शांति और सद्भाव वाले समाज की नींव रखी। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि पूरा असमिया राष्ट्र हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
सर्बानंद सोनोवाल ने असम दिवस का खास महत्व बताते हुए कहाकि इसका उद्देश्य भारत के लोगों के सामने असम की समृद्ध सांस्कृतिक पहचान, विरासत और शानदार इतिहास को दिखाना है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि चाओलुंग सुकाफा का नेतृत्व दया न्याय और एकता पर आधारित था, उन्होंने ग्रेटर असम की नींव रखने केलिए पटकाई पहाड़ियों को पार किया, उन्होंने महसूस कियाकि एकता, सद्भावना, विश्वास और सहानुभूति से लोगों का दिल जीते बिना विकास और खुशहाली नामुमकिन है। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि अलग-अलग इलाकों में भाषा, संस्कृति और परंपरा में अलग-अलग होनेके बावजूद चाओलुंग सुकाफा ने सद्भाव की ताकत से एकता बनाई और सभी केलिए समान अवसर एवं अधिकार सुनिश्चित किए। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि इतिहास हमें सिखाता हैकि जब नेतृत्व मजबूत, ईमानदार और भरोसेमंद होता है तो देश का तेज विकास जरूरी हो जाता है। उन्होंने कहाकि चाओलुंग सुकाफा के दिखाए रास्ते पर ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘सबका साथ, सबका विकास’ की सोच से प्रेरित गवर्नेंस मॉडल बनाया है, अच्छे शासन और सबको साथ लेकर चलने वाले विकास से प्रधानमंत्री ने ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की नींव मजबूत की है।
सर्बानंद सोनोवाल ने याद कियाकि असम के मुख्यमंत्री के तौरपर उनके समय में राज्य ने पहलीबार 2 दिसंबर 2016 को चाओलुंग सुकाफा की याद में चराईदेव में आधिकारिक असम दिवस मनाया था। सर्बानंद सोनोवाल ने कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से महान अहोम राजाओं से जुड़े चराईदेव मैदाम को यूनेस्को वैश्विक धरोहर की पहचान मिली है, जो असम के लोगों केलिए गर्व की बात है। केंद्रीय मंत्री ने कहाकि जैसे चाओलुंग सुकाफा ने हर समुदाय और संस्कृति का सम्मान करके एक एकजुट विकसित और आत्मनिर्भर असम बनाया, वैसेही हमें भी उसी भावना केसाथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिए। सर्बानंद सोनोवाल ने दिल्ली में पढ़ रहे असम और उत्तर-पूर्व के छात्रों से भी बातचीत की। कार्यक्रम में डिब्रूगढ़ विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जितेन हजारिका, गुवाहाटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीब संदिकोई और आईसीएचआर दिल्ली के सदस्य सचिव डॉ ओमजी उपाध्याय ने भी असम दिवस के महत्व और राष्ट्रनिर्माण में चाओलुंग सुकाफा की भूमिका पर रोशनी डाली। इस अवसर पर केंद्रीय राज्यमंत्री पबित्र मार्गेरिटा, शांतनु ठाकुर, सांसद दिलीप सैकिया, रामेश्वर तेली, रंजीत दत्ता, बीरेंद्र प्रसाद बैश्य, जयंत बसुमतारी, कृपानाथ मल्लाह, बिजुली कलिता मेधी, भुवनेश्वर कलिता, परिमल शुक्लबैद्य, प्रदान बरुआ, अमर सिंह टिचू, असम के पूर्व मुख्य सचिव जिष्णु बरुआ और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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