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युवा वैदिक साधक वेदमूर्ति महेश रेखे सम्मानित

देवव्रत महेश रेखे ने यजुर्वेद की कठिन तपस्या सफलतापूर्वक पूर्ण की

शंकराचार्य एवं संत महात्माओं ने देवव्रत महेश रेखे को दिया आर्शीवाद

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Wednesday 3 December 2025 12:46:11 PM

vedic seeker vedamurthy devvrat mahesh rekhe

काशी। वाराणसी में समारोहपूर्वक महाराष्ट्र के 19 वर्षीय युवा वैदिक साधक वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे को शुक्ल यजुर्वेद (माध्यंदिन शाखा) के अत्यंत कठिन दण्डक्रम पारायण को सफलतापूर्वक पूर्ण करने पर सम्मानित किया गया है। माना जाता हैकि पिछले तीन सौ वर्ष में केवल कुछही बार इस प्रकार की साधना पूर्ण हुई है। जगद्गुरु शंकराचार्य श्रीश्री भारती तीर्थ महास्वामीजी और जगद्गुरु शंकराचार्य श्रीश्री विदुशेखर भारती महास्वामीजी के आशीर्वाद से इस अवसर पर भव्य शोभायात्रा और नागरिक अभिनंदन का आयोजन किया गया। शोभायात्रा में काशी की सड़कों पर वैदिक मंत्रोच्चार, शंखध्वनि, दक्षिण भारतीय वाद्ययंत्रों की ताल और बड़ी संख्या में जुटे श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने पूरे वातावरण को दिव्य बना दिया। मार्गभर पुष्पवृष्टि और पारंपरिक संगीत ने कार्यक्रम को विशेष रूपसे आकर्षक बना दिया।
दक्षिणाम्नाय श्री शारदापीठ शृङ्गेरी की ओर से देवव्रत महेश रेखे को ₹5 लाख का बहुमूल्य स्वर्ण कंगन और ₹1,11,116 की सम्मान राशि दी गई। डॉ तंगीराल शिवकुमार शर्मा ने पीठ की ओर से देवव्रत महेश रेखे को यह सम्मान उभय जगद्गुरुओं के आशीर्वाद केसाथ प्रदान किया। विद्वानों के अनुसार दण्डक्रम पारायण वैदिक अध्ययन की सबसे कठिन विधियों में से एक मानी जाती है, जिसमें स्वरों, संधि विच्छेद और विरोध संधि की अत्यंत सूक्ष्म गणनाएं शामिल होती हैं। इसे परंपरागत रूपसे वेद के मुकुट के रूपमें भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के 19 वर्षीय युवा वैदिक साधक वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे को बिना किसी रुकावट के 50 दिन में दंडक्रम परायणम जिसमें शुक्ल याजुर्वेद की मध्यंदिनी शाखा के 2000 मंत्र शामिल हैं, पूरा करने केलिए बधाई दी है। नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहाकि भारतीय संस्कृति के प्रति जुनूनी हर व्यक्ति को उनपर गर्व है और वेदमूर्ति देवव्रत महेश रेखे का यह उल्लेखनीय कार्य पीढ़ियां याद रखेंगी। उन्होंने कहाकि काशी के सांसद के रूपमें मुझे प्रसन्नता हैकि यह असाधारण उपलब्धि इस पवित्र शहर में हुई है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि उनके परिवार, पूरे भारत के कई संतों, ऋषियों, विद्वानों और संगठनों को मेरा प्रणाम, जिन्होंने उनकी सहायता की।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी देवव्रत महेश रेखे को सम्मानित किया और कहाकि देवव्रत महेश रेखे ने अद्वितीय साधना और अद्भुत स्मरण शक्ति से 2000 वैदिक मंत्रों को कंठस्थ करते हुए जो अभूतपूर्व उपलब्धि अर्जित की है, वे आध्यात्मिक जगत केलिए प्रेरणा का नवदीप है। उन्होंने कहाकि शुक्ल यजुर्वेद की माध्यंदिन शाखा के दण्डकर्म पारायणम् को 50 दिन तक अखंड, शुद्ध और पूर्ण अनुशासन से करना हमारी प्राचीन गुरु परंपरा के गौरव का पुनर्जागरण है। योगी आदित्यनाथ ने कहाकि उनके लिए विशेष गर्व का विषय हैकि यह वैदिक अनुष्ठान पवित्र काशी की ही दिव्य धरा पर हुआ, देवव्रत महेश रेखे के परिवार, आचार्यों, संत-मनीषियों और उन सभी संस्थाओं का हृदय से अभिनंदन जिनके सहयोग से यह तपस्या सिद्धि को प्राप्त हुई। मुख्यमंत्री ने कहाकि देवव्रत महेश रेखे की यह उपलब्धि आनेवाली पीढ़ियों केलिए प्रेरणा का प्रकाशस्तंभ बने ऐसी मंगलकामना केसाथ हार्दिक बधाई।

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