बिंदुसागर ओडिशा पर्यटन का चलता फिरता अनुभव-अभिषेक स्वैन
ओडिशा की कला संस्कृति व समृद्ध विरासत का दिलचस्प फिल्मांकनस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Wednesday 26 November 2025 02:07:46 PM
पणजी। गोवा में दक्षिण एशिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े सिनेमा उत्सव भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ओडिया फिल्म ‘बिंदुसागर’ प्रदर्शित की गई। बिंदुसागर सिर्फ़ एक नाम नहीं है, यह ओडिया के लाखों लोगों के दिल में बसी एक भावना है, यही भावना बिंदुसागर फ़िल्म के होने की असली वजह है। बिंदुसागर में जीवन के विशुद्ध चक्र की झलक देखने को मिलती है, एक तरफ वह पवित्र झील जिसमें अंतिम संस्कार होते हैं और दूसरी तरफ़ नवजात शिशुओं का नामकरण होता है। बिंदुसागर फिल्म के निदेशक अभिषेक स्वैन ने 56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में मीडिया से बातचीत में कहाकि यह एक अनोखी ऊर्जा, एक शाश्वत अनुभूति लिए हुए है, जिससे हर ओडिया दिल अपने आप जुड़ जाता है। उन्होंने अपने प्रोड्यूसर की कल्पना के बारेमें बतायाकि ओडिया दर्शकों केलिए एक सच्ची ओडिया फिल्म बनाना और प्रोड्यूसर शिलादित्य बोरा बिंदुसागर से तुरंत जुड़ गए। उन्होंने ओडिशा की कला, संस्कृति और समृद्ध विरासत का जश्न मनाते हुए इस कहानी को एक दिलचस्प, कमर्शियल और दिल को छूने वाले तरीके से स्क्रीन पर लाने पर खुशी जताई।
प्रोड्यूसर शिलादित्य बोरा ने कहाकि हम आईएफएफआई केसाथ अपनी यात्रा शुरू कर रहे हैं और बिंदुसागर को इतनी सम्मानजनक शुरुआत देने केलिए आईएफएफआई को तहेदिल से धन्यवाद दिया। उन्होंने कहाकि अब बात करते हैंकि बिंदुसागर क्यों बनी तो फिल्म के निदेशक अभिषेक स्वैन ने शुरू में मुझसे एक हिंदी फिल्म बनाने केलिए संपर्क किया था, मैंने उनसे बस इतना पूछा थाकि आप ओडिशा से हैं, वहां लोग आपको जानते हैं, एक ओडिया फिल्म क्यों नहीं बनाते? मैं हमेशा से एक ऐसी फिल्म बनाना चाहता था, जिससे हर ओडिया जुड़ सके, चाहे वह ओडिशा में काम करने वाला व्यक्ति हो या नासा में काम करने वाला ओडिया प्रोफेशनल। उन्हें यहभी याद आयाकि शीर्षक ने उन्हें तुरंत प्रभावित किया, यह उनके लिए जीवन के चक्र को दर्शाता था। उन्होंने विस्तार से बतायाकि बिंदुसागर फिल्म को दर्शकों के दिलों को छूने के इरादे से बनाया गया है। उन्होंने कहाकि फिल्म का हर गाना कहानी में स्वाभाविक रूपसे घुलमिल जाता है, इस मायने में बिंदुसागर एक बहुतही म्यूज़िकल फिल्म भी है।
बिंदुसागर की एक्ट्रेस प्रकृति मिश्रा ने कहाकि एक आर्टिस्ट के रूपमें सार्थक चरित्र मिलना बहुत अच्छा लगता है और एक महिला अभिनेत्री की ऐसी भूमिकाएं हमें बहुत कम मिलती हैं, जो हमें सच में अपनी कला दिखाने का मौका देती हैं। उन्होंने कहाकि बिंदुसागर में बिना किसी ग्लैमर या दिखावे के वास्तविक और अपरिपक्व होना आज़ादी भरा लगा। अभिनेता दीपानित दासमोहपात्रा ने कहाकि वे खुदको निदेशक का एक अभिनेता मानते हैं, क्योंकि आखिर में यह निदेशक की कल्पना होती है, जिसे हम ज़िंदाकर रहे होते हैं। उन्होंने कहाकि यह फ़िल्म ओडिशा के हर पहलू को खूबसूरती से दिखाती है, ऐसी फ़िल्म का हिस्सा बनना जो हमारी जड़ों को इतने असली तरीके से दिखाती है, सचमें बहुत खास रहा है। निदेशक अभिषेक स्वैन ने कहाकि एक इंडस्ट्री के तौरपर आगे बढ़ने में म्यूज़िक और लोकेशन सबसे मज़बूत पहचान होते हैं। उन्होंने बतायाकि ओडिशा के लोकप्रिय गायक हुमेन सागर का निधन हो चुका है, उनका आखिरी गाना भी फ़िल्म में है। अभिषेक स्वैन ने उनकी स्मृति फिल्म के रूपमें उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उन्होंने पूरी कल्पना एक लाइन में बताईकि ‘बिंदुसागर ओडिशा पर्यटन का चलता फिरता अनुभव’ है।
फिल्म बिंदुसागर का सारांश इस प्रकार हैकि भुवनेश्वर के पुराने मंदिरों और भूलभुलैया जैसी गलियों केबीच 22 साल की श्रीजा लंदन से अपनी गुज़र चुकी मां का एक रहस्यमयी खत लेकर आती है। सागर एक करिश्माई रामलीला कलाकार श्रीजा का गाइड बन जाता है, जो उसे पुरी के तटीय शहर की ओर ले जाता है। वहां उसकी मुलाकात रघुनाथ से होती है, जो उसके बिछड़े हुए दादा हैं, जिनका दुनिया और अपने काम से दुख दूर हो गया है। इस बीच कालिया अपने बच्चे को खोने से जूझते हुए अस्तित्व की उथल-पुथल में पवित्र नज़ारों में घूमता है। ओडिशा की जीती-जागती विरासत के बैकग्राउंड में बनी यह फिल्म विस्थापन और फिरसे खोजने पर एक सोच है। अपनी आपस में जुड़ी कहानियों के ज़रिए बिंदुसागर अपनेपन के कुछ समय के स्वभाव और कहानी कहने की हीलिंग पावर को दिखाती है।