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भारतीय फुटवियर क्षेत्र बना 'चैंपियन सेक्टर'

दिल्ली में फुटवियर डिजाइन व विकास संस्थान का दीक्षांत समारोह

फुटवियर बिज़नेस को और विस्तार की ज़रूरत है-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 2 December 2025 12:31:33 PM

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नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान दिल्ली के दीक्षांत समारोह में कहा हैकि भारत तेज़ी से आत्मनिर्भर बन रहा है और वैश्विक आर्थिक मंच पर आर्थिक भूमिका विस्तारित करने में सक्षम है। उन्होंने 500 से ज़्यादा स्नातकों को सर्टिफिकेट दिए। राष्ट्रपति ने कहाकि उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई हैकि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत फुटवियर क्षेत्र को 'चैंपियन सेक्टर' का दर्जा दिया है। उन्होंने कहाकि सरकार फुटवियर क्षेत्रमें निवेश आकर्षित करने केलिए पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करने के साथही प्रोत्साहन दे रही है। राष्ट्रपति ने कहाकि वित्तीय वर्ष 2024-25 में भारत का फुटवियर निर्यात 2500 मिलियन डॉलर से कुछ अधिक था, जबकि इसका आयात लगभग 680 मिलियन डॉलर था, इसे देखते हुए भारत का फुटवियर निर्यात आयात का लगभग चार गुना है। उन्होंने कहाकि भारत विश्व में फुटवियर का प्रमुख निर्यातक है, पर इसे और बढ़ाने केलिए फुटवियर व्यवसाय का विस्तार ज़रूरी है, जिससे इस क्षेत्र के विद्यार्थियों को उद्यम स्थापितकर रोज़गार सृजन या उद्यमों में रोज़गार पाने के अवसर बढ़ेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने जिक्र कियाकि एफडीडीआई को 2017 में राष्ट्रीय महत्व का संस्थान घोषित किया गया था। उन्होंने कहाकि जैसे-जैसे ये स्नातक भारत में अपने स्टार्टअप शुरू करेंगे, निर्यात और बढ़ने की उम्मीद है, इससे आत्मनिर्भरता के ज़रिए आमदनी बढ़ेगी और रोज़गार मज़बूत होगा। उन्होंने कहाकि भारत फुटवियर प्रोडक्शन और खपत में दुनियाभर में दूसरे स्थान पर है। राष्ट्रपति ने फुटवियर डिजाइन एंड डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट और नॉर्थम्प्टन विश्वविद्यालय केबीच समझौते पर हर्ष प्रकट किया। उन्होंने कहाकि इससे भारत-ब्रिटेन केबीच मुक्त व्यापार समझौते के अंतर्गत सहयोग और गहन होगा। उन्होंने कहाकि यह समझौता टिकाऊ सामग्रियों और चक्रीय अर्थव्यवस्था पर विशेष ज़ोर देता है, ऐसे प्रयास पर्यावरण संरक्षण केप्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता दर्शाते हैं। राष्ट्रपति ने स्नातकों को अपने कार्यों से समाज और देश केलिए बहुमुखी योगदान देने के व्यापक दृष्टिकोण केसाथ आगे बढ़ने की सलाह दी। उन्होंने उनसे कहाकि वे फुटवियर डिज़ाइन से लोगों के स्वास्थ्य और उपादेयता, कार्यक्षमता में सुधार, अपने कार्य से लोगों केलिए रोज़गार सृजित करने, अपेक्षाकृत पीछे रह गए लोगों को आर्थिक विकास में भागीदार बनाने, भारत के निर्यात में योगदान देकर अर्थव्यवस्था को मज़बूत बनाने, गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के जरिए वैश्विक बाज़ार में भारत को ब्रांड एंबेसडर बनाने और आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में अपना योगदान देने की हेतु कार्य करें।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने स्नातकों को बधाई देते हुए कहाकि वे ऐसे प्रोफेशनल हैं, जो गांवों में कारीगरों, फैक्ट्रियों में इंजीनियरों और सबसे अच्छे उत्पाद चाहने वाले उपभोक्ताओं को जोड़ेंगे। उन्होंने कहाकि भारत कई विकसित देशों केसाथ मुक्त व्यापार समझौते कर रहा है, जिससे उद्योग और एफडीडीआई स्नातकों केलिए नए अवसर खुल रहे हैं। स्वामी विवेकानंद के 1897 के कथन को याद करते हुए पीयूष गोयल ने कहाकि आज दुनिया भारत के युवाओं पर उतना ही भरोसा करती है। उन्होंने कहाकि वैश्विक समुदाय भारत केसाथ काम करने, नए व्यापार समझौते में शामिल होने और देश केसाथ आर्थिक सहयोग को मजबूत करने केलिए उत्सुक है। उन्होंने कहाकि एफडीडीआई महिला नेतृत्व का भी प्रतीक है, जिसके 70 प्रतिशत से ज़्यादा विद्यार्थी महिलाएं हैं, वे संस्थान और देश को गर्व महसूस कराती हैं। वाणिज्य मंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि स्नातक विद्यार्थी दुनिया के मार्केट पर अधिकार करके भारत का झंडा ऊंचा रखेंगे और यह सुनिश्चित करेंगेकि भारत में बने भारतीय उत्पाद दुनियाभर में मिलें।उन्होंने कहाकि यहां के विद्यार्थी जहां भी जाएंगे, वे 140 करोड़ भारतीयों की ताकत और उम्मीदों को लेकर भारत के ब्रांड एंबेसडर बनेंगे।
पीयूष गोयल ने विद्यार्थियों से लगातार बढ़ती अर्थव्यवस्था की ज़रूरतों को पूरा करने केलिए उद्योग को बढ़ाने में मदद करने की अपील की। उन्होंने कहाकि जैसे-जैसे भारत आज 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से 2047 तक 30 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ रहा है, इस क्षेत्रमें वृद्धि की बहुत गुंजाइश होगी और 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करना सामूहिक संकल्प है। पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक उद्धरण केसाथ अपनी बात खत्म की, जिसमें उन्होंने 2047 में विकसित भारत बनाने केलिए युवाओं की क्षमता पर भरोसा प्रकट किया है। उन्होंने स्नातक विद्यार्थियों से अपनी पहचान बनाने, देश को और ऊंचाइयों पर ले जाने और विकसित भारत 2047 की यात्रा का हिस्सा बनने की अपील की। वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने भी समारोह को संबोधित किया और कहाकि 12 परिसरों के नेटवर्क केसाथ एफडीडीआई फुटवियर डिज़ाइन, टेक्नोलॉजी और इससे जुड़े क्षेत्रोंमें विशेष शिक्षा देने वाला बड़ा संस्थान बनकर उभरा है। उन्होंने कहाकि वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय केतहत विशेष राष्ट्रीय संस्थान के तौरपर एफडीडीआई डिज़ाइन, टेक्नोलॉजी, विनिर्माण और खुदरा क्षेत्रके संगम पर है और यह उद्योग से सीखता है और बदले में उद्योग को मूल्य शृंखला में ऊपर जाने में सहायता करता है।

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