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नवयुग खादी फैशन शो 'नए भारत की नई खादी'

राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय और हस्तकला अकादमी ने किया आयोजन

दिल्ली के प्रगति मैदान में खादी कारीगरों का परिधान शिल्प कौशल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 1 December 2025 02:03:14 PM

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय शिल्प संग्रहालय एवं हस्तकला अकादमी ने प्रगति मैदान दिल्ली में नवयुग खादी फैशन शो का आयोजन किया। शो में ‘नए भारत की नई खादी’ को आधुनिक और नए तरीके से प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में खादी के आधुनिक और नए रूप को आधुनिक तरीके से प्रदर्शित किया गया। शो से जुड़ी प्रदर्शनी का उद्घाटन एक दिन पहले 28 नवंबर को किया गया। इसी दिन खादी ज्ञान पोर्टल के दूसरे खंड का भी लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष मनोज कुमार थे। उन्होंने रैंप पर प्रदर्शित परिधानों की सराहना की और खादी के कारीगरों के समर्पण एवं शिल्प कौशल की प्रशंसा की। शो 3 दिसंबर 2025 की सुबह 11 बजे से शाम 5:30 बजे तक चलेगा। इसमें प्रदर्शनियां, बिक्री काउंटर, हाथ से कताई, प्राकृतिक रंगाई और साड़ी ड्रेपिंग पर आकर्षक कार्यशालाएं होंगी। आगंतुकों को चर्चा सत्रों के माध्यम से खादी का प्रत्यक्ष अनुभव करने का अवसर मिलेगा।
अध्यक्ष खादी बोर्ड ने खादी को नया जीवन देने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। उन्होंने कहाकि प्रधानमंत्री ने खादी को एक सूती कपड़े से ऊपर उठाकर उसे देशभक्ति की प्रतीक और आधुनिक भारतीय जीवनशैली का प्रतीक बना दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शक मंत्र ‘खादी राष्ट्र केलिए, खादी फैशन केलिए और खादी परिवर्तन केलिए’ को दोहराया, जिसने खादी को नई पहचान और लोकप्रियता दी है। उन्होंने कहाकि आज की खादी न केवल पूज्यबापू की विरासत को आगे बढ़ा रही है, बल्कि आधुनिक डिज़ाइन और वैश्विक फ़ैशन में भी तेज़ी से अपनी जगह बना रही है। उन्होंने कहाकि खादी अब केवल गांवों तक सीमित नहीं रही, शहरों, फ़ैशन बाज़ार और अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में भी तेज़ी से इसकी लोकप्रियता बढ़ रही है। मनोज कुमार ने कहाकि नए ज़माने की खादी डिज़ाइन, तकनीक और परंपरा का एक अनूठा संगम है। उन्होंने कहाकि खादी युवा पीढ़ी की पहली पसंद बन गई है और यह रोज़गार सृजन, पर्यावरणीय अनुकूलता और देश की आत्मनिर्भरता की यात्रा से जुड़ी हुई है।
खादी फैशन शो को केवीआईसी, खादी उत्कृष्टता केंद्र (सीओईके), राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) और भारतीय फैशन डिज़ाइन परिषद (एफडीसीआई) ने संयुक्त रूपसे आयोजित किया था। रैंप पर खादी परिधानों और उत्पादों की विविध श्रृंखला प्रदर्शित की गई। इसे दर्शकों की भरपूर सराहना मिली। विशेष रूपसे प्रेरक क्षण तब आया, जब देशभर से खादी संस्थानों और कारीगरों के प्रतिनिधियों ने रैंप पर वॉक किया। केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार भी कारीगरों केसाथ रैंप में शामिल हुए। खादी को और अधिक आधुनिक और भविष्य केलिए तैयार बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे यह संदेश गयाकि खादी की असली ताकत उसके बुनकरों और निर्माताओं में निहित है, जो गांव से ग्लैमर तककी यात्रा की सशक्त अभिव्‍यक्ति है। फैशन शो में केवीआईसी के वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित थे।
खादी फैशन शो में पहलीबार एक समर्पित डिज़ाइनर टीम के मार्गदर्शन में देशभर के खादी संस्थानों द्वारा निर्मित साड़ियों, परिधानों, धागों, सहायक उपकरणों और घरेलू सजावट के उत्पादों को एक ही छत के नीचे प्रदर्शित किया गया है। शो में ओडिशा के इक्‍कत, असम के एरी सिल्क, गुजरात के तंगालिया, कर्नाटक के रेशम, बंगाल के सूती और तेलंगाना व बिहार के पारंपरिक बुनाई सहित विविध क्षेत्रीय शिल्प कला को एक साथ प्रदर्शित किया गया। यह शो प्रधानमंत्री के नए भारत की नई खादी के दृष्टिकोण को साकार करता है। इस प्रकार खादी को एक आधुनिक, समावेशी और विश्वस्तरीय वस्त्र विरासत के रूपमें प्रस्तुत किया गया है। इस प्रदर्शनी में खादी ज्ञान पोर्टल (खंड II) का भी शुभारंभ किया गया। केवीआईसी अध्यक्ष ने खादी संस्थाओं से बातचीत कर उनकी ज़रूरतों को समझा और उन्हें केवीआईसी की ओर से निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया।

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