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Thursday 16 October 2025 06:22:43 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से आज संयुक्तराष्ट्र शांति अभियान योगदानकर्ता देशों के सैन्य प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेनेवाले सेना प्रमुखों, उपप्रमुखों ने अपने जीवनसाथी केसाथ राष्ट्रपति भवन दिल्ली में मुलाकात की। राष्ट्रपति ने उन्हें संबोधित करते हुए कहाकि वे अपने देशों के सर्वोत्तम मूल्यों और लोकाचार के गौरवशाली प्रतिनिधि हैं, जो स्थायी शांति और समृद्धि केप्रति अपने राष्ट्रों के अनुभव, विशेषज्ञता और संकल्प का भंडार साथ लाए हैं। राष्ट्रपति ने कहाकि संयुक्तराष्ट्र शांति सैनिक विश्व में 71 विभिन्न अभियानों में तैनात किए गए हैं, इन शांति अभियानों का उद्देश्य निर्दोष व्यक्तियों खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की पीड़ा दूर करनी है। राष्ट्रपति ने कहाकि दुनिया के सुदूर और दूर-दराज के स्थानों पर तैनात संयुक्तराष्ट्र शांति सैनिकों ने अनुकरणीय साहस और करुणा प्रदर्शित की है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के रूपमें भारत बहुपक्षवाद और संयुक्तराष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के दृढ़ता से पालन में विश्वास रखता है। उन्होंने कहाकि संयुक्तराष्ट्र शांति सैनिकों की स्थापना केबाद से ही भारत को निरंतर शांति रक्षकों के योगदान देने का गर्व है। उन्होंने कहाकि हमारे लड़ाकू इंजीनियरों, चिकित्सा दलों और पुलिस ने भी महत्वपूर्ण जीवनरक्षक सेवाएं और अन्य सहायता सुविधाएं प्रदान करने में अमूल्य कार्य किया है। द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि हमारे शांति सैनिकों ने दुनियाभर के कुछ सबसे चुनौतीपूर्ण अभियानों में विशिष्ट भूमिका निभाई है। उन्होंने कहाकि शांति स्थापना के प्रयासों में भारत ने लैंगिक समावेशन में भी सराहनीय प्रगति की है। उन्होंने कहाकि महिला शांति सैनिकों ने स्थानीय समुदायों केबीच विश्वास बढ़ाया और उन्हें सशक्त बनाया है। राष्ट्रपति ने कहाकि शांति स्थापना के बड़े कार्य में वीर महिलाओं और पुरुषों का योगदान देने वाले राष्ट्रों के रूपमें हमें सामूहिक तौरपर ऐसा ढांचे विकसित करने का प्रयास करना चाहिए, जो सैन्य योगदानकर्ता देशों की आवाज़ और मज़बूत करें।
राष्ट्रपति ने कहाकि हमें स्थानीय हितधारकों केसाथ अधिक सक्रियता से जुड़ने केलिए काम करना चाहिए, जो ऐसा वातावरण बनाने में सहायक होगा, जिसमें शांति थोपी नहीं जाएगी, बल्कि सहभागी प्रक्रियाओं के माध्यम से इसे पोषित किया जाएगा। राष्ट्रपति को बताया गयाकि वर्तमान में लगभग 68000 कर्मी ग्यारह संयुक्तराष्ट्र शांति अभियानों में सेवा दे रहे हैं, इनमें से 90 प्रतिशत से अधिक वर्दीधारी कर्मी हैं। राष्ट्रपति ने विश्वास व्यक्त कियाकि प्रौद्योगिकी के लाभ उठाने पर होने वाली चर्चाएं शांति रक्षा अभियानों में नई संभावनाओं को जन्म देंगी, संयुक्तराष्ट्र सैन्य योगदानकर्ता देशों के सैन्य प्रमुखों का सम्मेलन और इसी तरहके उद्देश्यपूर्ण कार्यक्रम नए विचारों, प्रगाढ़ सहयोग और स्थायी मैत्री बढ़ाएंगे। उन्होंने कहाकि शांति संरक्षक के रूपमें हमें एक ऐसा विश्व निर्मित करना चाहिए, जहां हर बच्चा सुरक्षित रहे, हर समुदाय सद्भावना से पूर्ण हो और दुनिया में संघर्ष इतिहास के पन्नों में सिमटकर रह जाएं।