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Wednesday 1 October 2025 01:38:14 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने ‘राष्ट्रपति अंगरक्षक हीरक जयंती’ पर राष्ट्रपति भवन में हुए भव्य समारोह में अंगरक्षकों को रजत बिगुल और ध्वज प्रदान किया। राष्ट्रपति ने कहाकि हम सभीको अंगरक्षकों पर गर्व है, यह सम्मान 1950 में रेजिमेंट के पीबीजी के रूपमें पदनामित होने केबाद से 75 वर्ष की उनकी गौरवशाली सेवा के सम्मान में उन्हें दिया गया है। राष्ट्रपति ने अंगरक्षकों को उनकी पेशेवर उत्कृष्टता और उत्कृष्ट सैन्य परंपराओं के पालन की बधाई देते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त कियाकि सभी अंगरक्षकों को यह एहसास होना चाहिएकि यह सम्मान अपने साथ एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी लेकर आया है। इस अवसर पर 2022 में सेवानिवृत्त कमांडेंट चार्जर 'विराट' भी उपस्थित था, जिसे राष्ट्रपति के अंगरक्षकों ने गोद लिया है और जो अंगरक्षक कर्मियों एवं अंगरक्षक घोड़ों केबीच एक अनूठा बंधन का प्रतीक है।
गौरतलब हैकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस परेड में कमांडेंट चार्जर 'विराट' घोड़े की पीठ थपथपाई थी। राष्ट्रपति अंगरक्षक (प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड) भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजिमेंट है, इसकी स्थापना 1773 में गवर्नर जनरल के अंगरक्षक (बादमें वायसराय के अंगरक्षक) के रूपमें हुई थी। वर्ष 27 जनवरी 1950 को इसका नाम बदलकर राष्ट्रपति अंगरक्षक कर दिया गया था। भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने 14 मई 1957 को राष्ट्रपति अंगरक्षक को अपना रजत बिगुल और ध्वज प्रदान किया था। प्रेसिडेंट्स बॉडीगार्ड एकमात्र ऐसी रेजिमेंट है, जिसे दो मानकों यानि राष्ट्रपति अंगरक्षक मानक और पीबीजी रेजिमेंटल मानक की अनुमति है।