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छठ महापर्व यूनेस्को विरासत सूची में होगा शामिल

इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में हुई बहुराष्ट्रीय नामांकन के लिए बैठक

भारत की सांस्कृतिक कूटनीति व जीवंत परंपराओं के संरक्षण की पहल

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 18 September 2025 05:39:22 PM

chhath mahaparva (file photo)

नई दिल्ली। भारतभर में आस्था और पूर्ण श्रद्धाभाव से मनाए जाने वाले छठ महापर्व को 2026-27 की यूनेस्को सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने की तैयारी करली गई है। इसे लेकर केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने नई दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) में संयुक्त अरब अमीरात, सूरीनाम और नीदरलैंड के वरिष्ठ राजनयिक प्रतिनिधियों केसाथ बैठक की, जिसका उद्देश्य 2003 कन्वेंशन केतहत मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में ऐतिहासिक भारतीय संस्कृति, परंपरा और श्रद्धा से ओतप्रोत छठ महापर्व को शामिल करने केलिए बहुराष्ट्रीय नामांकन में उनका भी सहयोग प्राप्त करना था। गौरतलब हैकि अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में पहले से ही 15 तत्वों को शामिल करके भारत अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की सुरक्षा में अग्रणी देशों में से एक है। वर्ष 2026-27 केलिए छठ महापर्व का बहुराष्ट्रीय नामांकन भारत की सांस्कृतिक कूटनीति और जीवंत परंपराओं की सुरक्षा केप्रति प्रतिबद्धता में एक और बड़ी उपलब्धि है।
भगवान सूर्य देव और देवी छठी मैया को समर्पित छठ महापर्व भारत के सबसे प्राचीन त्योहारों में से एक है, यह बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड के प्रवासी समुदायों में व्यापक रूपसे मनाया जाता है। अपने पारिस्थितिक और समतावादी लोकाचार केलिए विख्यात यह त्योहार प्रकृति केप्रति श्रद्धा, स्थिरता, समावेशिता और सामुदायिक भावना को बढ़ावा देता है। इसमें भागीदारी जाति, पंथ और धर्म से ऊपर उठकर होती है और इसके अनुष्ठान सादगी, भक्ति और आत्म अनुशासन पर बल देते हैं। छठ महापर्व का प्रस्तावित बहुराष्ट्रीय नामांकन भारत केलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यूनेस्को की छठ महापर्व को मान्यता वैश्विक मंच पर भारत की जीवंत सांस्कृतिक परंपराओं और सार्वभौमिक मूल्यों को प्रदर्शित करेगी, साथही विश्वभर के प्रवासी समुदायों केबीच सांस्कृतिक गौरव को भी सुदृढ़ करेगी। यह पहल यूनेस्को की संरचना के अंतर्गत साझा विरासत और अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने में भारत के नेतृत्व को भी दर्शाती है।
छठ महापर्व केलिए बहुराष्ट्रीय साझीदार देशों में सद्भावना और जीवंत परंपराओं के संरक्षक के रूपमें भारत की सॉफ्ट पॉवर को बढ़ावा मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैकि इस मान्यता से सदियों पुराने छठ महापर्व का व्यवस्थित प्रलेखन, प्रसारण और संरक्षण तथा आनेवाली पीढ़ियों केलिए इसकी प्रथाओं की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। इस बैठक की अध्यक्षता संस्कृति सचिव विवेक अग्रवाल ने की। बैठक में संस्कृति मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, संगीत नाटक अकादमी और आईजीएनसीए के अधिकारियों ने भाग लिया। प्रतिनिधियों ने इस बहुराष्ट्रीय पहल का स्वागत किया, अपने देशों में प्रवासी भारतीयों केबीच इस उत्सव के महत्व को स्वीकार किया और नामांकन केलिए सहायता का आश्वासन भी दिया। सचिव (संस्कृति) ने मॉरीशस, फिजी, सूरीनाम, संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड में भारतीय राजदूतों और उच्चायुक्तों केसाथ वर्चुअल रूपसे परस्पर बातचीत की, जिन्होंने समुदायों की पहचान करने और नामांकन प्रक्रिया केलिए डेटा उपलब्ध कराने में पूर्ण सहयोग व्यक्त किया।

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