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मोदी श्रीसत्य साईं बाबा की निस्वार्थ सेवा से प्रेरित!

आंध्रा के पुट्टपर्थी में श्रीसत्य साईं बाबा का जन्म शताब्दी समारोह

सौ रुपये का स्‍मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया गया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 19 November 2025 05:50:01 PM

birth centenary celebrations of sri sathya sai baba in puttaparthi

पुट्टपर्थी (आंध्र प्रदेश)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज साईं राम के दिव्य मंत्रों केबीच आंध्र प्रदेश के पुट्टपर्थी पहुंचे, जहां श्रीसत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह में उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत साईं राम से की। उन्होंने कहाकि पुट्टपर्थी आकर उन्हें भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव हो रहा है। इससे पहले प्रधानमंत्री ने प्रशांति निलयम के साईं कुलवंत हॉल में श्रीसत्य साईं बाबा को श्रद्धासुमन अर्पित किए और फिर दर्शन केलिए ओंकार हॉल गए। उन्होंने कहाकि उन्हें ये पवित्र स्‍थल श्रीसत्य साईं बाबा की असीम अनुकम्‍पा और मानवता के उत्‍थान केलिए आजीवन प्रतिबद्धता का स्‍मरण कराते हैं। उन्होंने कहाकि श्रीसत्य साईं बाबा का नि:स्वार्थ सेवा संदेश लाखों करोड़ों लोगों को निरंतर मार्गदर्शित और प्रेरित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने श्रीसत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के आयोजित गौदान समारोह में भी हिस्सा लिया, जिसने जीव जंतुओं के हित को लेकर महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। समारोह के हिस्से के रूपमें किसानों को गायें दी गईं। प्रधानमंत्री ने श्रीसत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी वर्ष को इस पीढ़ी केलिए केवल एक उत्सव नहीं, बल्कि दिव्य आशीर्वाद बताया। उन्होंने कहाकि यद्यपि बाबा अब शारीरिक रूपसे उपस्थित नहीं हैं, लेकिन उनकी शिक्षाएं, प्रेम और सेवा भावना दुनियाभर में करोड़ों लोगों का मार्गदर्शन कर रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि श्रीसत्य साईं बाबा का जीवन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के आदर्श का एक जीवंत रूप था, इसलिए उनका यह जन्म शताब्दी वर्ष सार्वभौमिक प्रेम, शांति और सेवा का भव्य उत्सव बन गया है। प्रधानमंत्री ने संयुक्त रूपसे बाबा की सेवा की विरासत को दर्शाता 100 रुपये का स्‍मृति सिक्का और डाक टिकट जारी किया। उन्होंने देश-दुनिया में बाबा के भक्तों, स्वयंसेवकों और अनुयायियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं भी दीं। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारतीय सभ्यता का केंद्रीय मूल्य सेवा है, भारत की सभी विविध आध्यात्मिक और दार्शनिक परंपराएं अंततः इसी एक आदर्श की ओर ले जाती हैं, चाहे कोई भक्ति, ज्ञान या कर्म के मार्ग पर चले, प्रत्‍येक सेवा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहाकि सेवा परमो धर्मः वह लोकाचार है, जिसने भारत को सदियों के बदलावों और चुनौतियों केबीच टिकाए रखा है और हमारी सभ्यता को उसकी आंतरिक शक्ति प्रदान की है। प्रधानमंत्री ने कहाकि शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, ग्रामीण विकास और कई क्षेत्रों में श्रीसत्य साईं बाबा के संस्थान इस दर्शन के जीवंत प्रमाण के रूपमें खड़े हैं। उन्होंने रेखांकित कियाकि ये संस्थान दर्शाते हैंकि आध्‍यात्मिकता और सेवा अलग अलग नहीं, बल्कि एकही सत्य की विभिन्न अभिव्यक्तियां हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि श्रीसत्य साईं बाबा का संदेश कभीभी पुस्तकों, प्रवचनों या किसी आश्रम की सीमाओं तक सीमित नहीं रहा, उनकी शिक्षाओं का प्रभाव लोगों केबीच स्पष्ट दिखाई देता है, शहरों से दूरदराज के गांवों तक, स्कूलों से जनजातीय बस्तियों तक, पूरे भारत में संस्कृति, शिक्षा और चिकित्सा सेवा का एक उल्लेखनीय प्रवाह है। प्रधानमंत्री ने कहाकि बाबा के लाखों अनुयायी व भक्तों केलिए मानव सेवा ही माधव सेवा सर्वोच्च आदर्श है। उन्होंने कहाकि श्रीसत्य साईं बाबा ने आध्यात्मिकता का उपयोग समाज और जनकल्याण केलिए किया, उन्होंने कोई सिद्धांत या विचारधारा नहीं थोपी, बल्कि ग़रीबों की मदद करने और उनके दुखों को कम करने का कार्य किया। नरेंद्र मोदी ने याद कियाकि गुजरात भूकंप केबाद बाबा का सेवा दल राहत कार्यों में सबसे आगे था, उनके अनुयायियों ने कई दिन तक समर्पण केसाथ सेवा की और प्रभावित परिवारों तक सहायता पहुंचाने, आवश्यक आपूर्ति प्रदान करने और मनो सामाजिक समर्थन प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रधानमंत्री ने कहाकि श्रीसत्य साईं बाबा से प्रेरित श्रीसत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट, उससे जुड़े संगठन, संस्थागत और दीर्घकालिक तरीके से सेवा को आगे बढ़ा रहे हैं, आज यह हमारे सामने एक व्यावहारिक मॉडल के रूपमें खड़ा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि राष्ट्र कर्तव्य भावना केसाथ विकसित भारत की ओर बढ़ रहा है और इस लक्ष्य की प्राप्ति केलिए सक्रिय नागरिक भागीदारी आवश्यक है। उन्होंने सभीसे वोकल फ़ॉर लोकल के मंत्र को मज़बूत करने का आग्रह किया और कहाकि विकसित भारत केलिए स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना बहुत आवश्यक है। प्रधानमंत्री ने याद दिलायाकि स्थानीय उत्पादों की ख़रीद सीधे तौर पर एक परिवार, एक छोटे उद्यम और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला को सशक्त बनाती है, जिससे आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होता है। नरेंद्र मोदी ने कहाकि इस पवित्र भूमि में सचमुच एक अनूठी ऊर्जा है, जहां प्रत्येक आगंतुक की वाणी में करुणा, विचारों में शांति और कार्यो में सेवा परिलक्षित होती है। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि जहां कहींभी अभाव या पीड़ा होगी, वहां भक्त आशा और प्रकाश के एक प्रतीक के रूपमें खड़े रहेंगे। इसी भावना केसाथ उन्होंने प्रेम, शांति और सेवा के इस पवित्र मिशन को आगे बढ़ाने केलिए दुनियाभर के सत्य साईं परिवार, संस्थाओं, स्वयंसेवकों और भक्तों को बधाई देते हुए अपने संबोधन का समापन किया। शताब्दी समारोह में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू, जी किशन रेड्डी, भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा, राज्य सरकार में मंत्री नारा लोकेश, श्रीसत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी आरजे रत्नाकर, वाइस चांसलर के चक्रवर्ती, भारतरत्न क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, विश्व सुंदरी ऐश्वर्या राय और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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