ऐतिहासिक रंगारंग कार्यक्रमों के साथ 56वां इफ्फी संस्करण शुरु
दुनियाभर के विचारों कहानियों क्रिएटिव माइंड्स का गोवा में संगमस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 21 November 2025 02:30:53 PM
पणजी। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) का 56वां संस्करण गोवा में ऐतिहासिक रंगारंग कार्यक्रमों केसाथ शुरु हो चुका। एक बोल्ड रीइमेजिनिंग में इफ्फी-2025 ने पूरे गोवा को एक विशाल जीवंत कैनवास में बदल दिया, जहां सिनेमाई प्रतिभा सांस्कृतिक वैभव केसाथ घुलमिल गई और कहानी सुनाने का चिरस्थायी जादू गोवा की सड़कों पर नृत्यकर उठा। कलाकारों, परफॉर्मर्स और सिनेप्रेमियों ने शहर को मनोरंजन से भर दिया और गोवा रचनात्मकता के एक धड़कते हुए गलियारे में बदल गया, यह केवल एक महोत्सव की शुरुआत का संकेत नहीं है, बल्कि इफ्फी की विरासत में नए अध्याय के उदय का भी सूचक है। गोवा के राज्यपाल पुसापति अशोक गजपति राजू ने इफ्फी का उद्घाटन करते हुए इफ्फी के बढ़ते वैश्विक कद की प्रशंसा की। उन्होंने कहाकि इफ्फी रचनात्मक आदान प्रदान, नए सहयोग और सिनेमाई उत्कृष्टता के उत्सव केलिए एक सार्थक मंच बन गया है। उन्होंने कहाकि गोवा के कॉस्मोपॉलिटन कैरेक्टर, सांस्कृतिक समृद्धि और ग्लोबल कनेक्टिविटी को देखते हुए यहां फिल्मप्रेमी इतनी बड़ी संख्या में यहां एकत्र होते हैं।
गोवा के राज्यपाल ने कहाकि इफ्फी एक पारंपरिक फिल्म महोत्सव की सीमाओं से परे दुनियाभर के विचारों, कहानियों और क्रिएटिव माइंड्स का संगम स्थल बन गया है। उन्होंने कहाकि इफ्फी युवा फिल्म निर्माताओं का सहयोग करता है, सिनेमाई प्रतिभा को सम्मानित करता है और फिल्म तथा रचनात्मक उद्योगों के वैश्विक केंद्र के रूपमें भारत की स्थिति को मजबूत करता है। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत ने गोवा के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्माण गंतव्य के रूपमें बढ़ते कद पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहाकि गोवा विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे केसाथ तैयार है और यही कारण हैकि इफ्फी का यह स्थायी स्थान बन गया है। उन्होंने कहाकि गोवा की प्राकृतिक सुंदरता फिल्म निर्माताओं को आकर्षित करती है, लेकिन हमारे मजबूत नीतिगत सुधार ही उन्हें बार-बार यहां वापस लाते हैं। उन्होंने कहाकि इफ्फी-2025 क्रिएटिविटी और टेक्नोलॉजी का मेल थीम पर मनाया जा रहा है, जो ग्लोबल क्रिएटिव क्रांति में भारत की लीडरशिप को दिखाता है। उन्होंने कहाकि हमारा सपना गोवा को भारत की 'रचनात्मक राजधानी' बनाना है, गोवा आएं, अपनी कहानियां सुनाएं, अपनी फिल्में शूट करें। डॉ प्रमोद सावंत ने कहाकि इफ्फी भारतीय सिनेप्रतिभा को वैश्विक संभावनाओं से जोड़ता है।
मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत ने भारतीय सिनेमा को अभूतपूर्व अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने और भारत को कहानी कहने की दुनिया में एक उभरती हुई सॉफ्ट पावर बनाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण को दिया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री डॉ एल मुरुगन ने कहाकि इफ्फी हर संस्करण केसाथ बेहतर होता जा रहा है। उन्होंने जिक्र कियाकि पारंपरिक रूपसे महोत्सव की शुरुआत श्यामा प्रसाद मुखर्जी स्टेडियम में हुआ करती थी, लेकिन इस वर्ष यह एक भव्य सांस्कृतिक कार्निवल के रूपमें शुरू हुआ है, जो देशभर के राज्यों की विविध परंपराओं को प्रदर्शित कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भारत की बढ़ती ऑरेंज इकॉनमी के विज़न को याद किया, जो कंटेंट, क्रिएटिविटी और कल्चर से चलेगी। उन्होंने बतायाकि मुंबई में विश्व ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट शिखर सम्मेलन (वेव्स) जैसी पहलें देशभर की उभरती रचनात्मक प्रतिभाओं को सशक्त बना रही हैं। उन्होंने देश के रक्षामंत्री और गोवा के मुख्यमंत्री रहे मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि अर्पित की और गोवा को इफ्फी का स्थायी स्थान बनाने में उनकी अहम भूमिका को भी याद किया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव संजय जाजू ने इसवर्ष के इफ्फी संस्करण की अनूठी विशेषताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने उल्लेख कियाकि पहलीबार इफ्फी का उद्घाटन भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का उत्सव मनाते हुए एक भव्य कार्निवल केसाथ हो रहा है। उन्होंने कहाकि इस एडिशन में फिल्मों का अबतक का सबसे बड़ा कलेक्शन दिखाया जा रहा है, जो लगभग 80 देशों को दिखाता है, साथही कई इंटरनेशनल और ग्लोबल प्रीमियर भी होंगे। उन्होंने एआई फिल्म हैकाथॉन और अबतक के सबसे बड़े वेव्स फिल्म बाजार जैसे नए जुड़ावों को रेखांकित किया। उन्होंने कहाकि ये पहलें इफ्फी को रचनात्मकता, प्रौद्योगिकी और उद्योग नवाचार में सबसे आगे स्थापित करती हैं। इस अवसर पर दिग्गज अभिनेता नंदमुरी बालकृष्ण को सिनेमा में उनके 50 गौरवशाली वर्ष और तेलुगु सिनेमा को समृद्ध बनाने में उनके उल्लेखनीय योगदान केलिए सम्मानित किया गया। इफ्फी में छोटा भीम, मोटू पतलू और बिट्टू बहानेबाज़ जैसे पसंदीदा एनिमेटेड कैरेक्टर्स की मज़ेदार बातचीत ने दर्शकों को जोश से भर दिया। इफ्फी की उद्घाटन फिल्म गैब्रियल मस्कारो की डायस्टोपियन कहानी 'द ब्लू ट्रेल', जिसे अपनी मूल पुर्तगाली भाषा में 'ओ अल्टिमो अज़ुल' के नाम से जाना जाता है, थी। विशिष्ट कहानी के कारण फिल्म ने दर्शकों केबीच प्रशंसा और आश्चर्य अर्जित किया है।
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव वर्ष 1952 में शुरू हुआ था। दक्षिण एशिया का सबसे पुराना और सबसे बड़ा सिनेमा सेलिब्रेशन है। भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के नेशनल फिल्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एनएफडीसी) और गोवा राज्य सरकार की एंटरटेनमेंट सोसाइटी ऑफ गोवा (ईएसजी) के संयुक्त रूपसे आयोजित यह महोत्सव एक वैश्विक सिनेमाई शक्ति केंद्र के रूपमें विकसित हुआ है, जहां रिस्टोर की गईं क्लासिक फिल्में बोल्ड एक्सपेरिमेंट से मिलती हैं और लेजेंडरी निर्माता पहलीबार फिल्म बनाने वालों केसाथ मंच साझा करते हैं। इफ्फी को वास्तव में जो ख़ास बनाता है, वह है इसका इलेक्ट्रिक मिक्स-इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन, कल्चरल शोकेस, मास्टरक्लास, ट्रिब्यूट और हाई एनर्जी वेव्स फिल्म बाज़ार, जहां आइडिया, डील और कोलेबोरेशन एक नई उड़ान भरते हैं। गोवा के शानदार कोस्टल बैकग्राउंड पर 28 नवंबर तक 56वें संस्करण में भाषाओं, शैलियों, नवाचारों, आवाज़ों का एक चकाचौंधभरा स्पेक्ट्रम प्रस्तुत करने वाला विश्वमंच पर भारत की रचनात्मक प्रतिभा का एक विस्तृत और गहन उत्सव है।