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एसीटीआरईसी और टाटा हॉस्पिटल साझेदार

एनएसई हॉस्पिटल और बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेंटर का भूमि पूजन

हॉस्पिटल प्रोजेक्ट 2027 से सस्ता कैंसर इलाज देना शुरू करेगा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 7 October 2025 04:01:09 PM

actrec and tata hospitals partner

भोपाल/ मुंबई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) ने अपनी सीएसआर पहल केतहत टाटा मेमोरियल सेंटर केसाथ नवी मुंबई में एक जी+11 मंजिला कैंसर हॉस्पिटल प्रोजेक्ट शुरू किया है। इसमें एक मल्टीस्पेशियलिटी ब्लॉक और 60 बिस्तरों वाला बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेंटर बनाया जाएगा, जो देश का सबसे बड़ा और दक्षिण एशिया के सबसे बड़े सेंटर में से एक होगा। यह हॉस्पिटल हर साल लगभग 1.3 लाख ओपीडी मरीजों को सेवा देगा। इसमें एकवर्ष में 600 से अधिक जीवनरक्षक बोन मैरो ट्रांसप्लांट सर्जरी करने की क्षमता होगी। यह प्रोजेक्ट लगभग 2.4 लाख वर्ग फुट क्षेत्रमें करीब ₹380 करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो (एल&टी) ईपीसी मोड में करेगा। इसके जुलाई 2027 तक शुरू होने की उम्मीद है। अस्पताल का भूमि पूजन रविवार को एनएसई और टीएमसी के गणमान्य नागरिकों और हितधारकों की उपस्थिति में हुआ।
प्रोजेक्ट के एमडी और सीईओ एनएसई आशीष कुमार चौहान का कहना हैकि एनएसई की इस ऐतिहासिक टाटा मेमोरियल सेंटर केसाथ साझेदारी उसके लिए सम्मान की बात है। उन्होंने कहाकि उनका उद्देश्य कैंसर मरीजों और उनके परिवारों की स्वास्थ्य ज़रूरतों में सहयोग देना और भारत में कैंसर के खिलाफ लड़ाई में सार्थक योगदान करना है, यह प्रोजेक्ट हर साल हज़ारों मरीजों के जीवन पर दीर्घकालिक और सकारात्मक प्रभाव डालेगा। आशीष कुमार चौहान का कहना हैकि पिछले 30 वर्ष से एनएसई बदलाव का प्रतीक रहा है, इसने भारत के वित्तीय क्षेत्र में क्रांति लाई है, घरेलू बचत को उत्पादक पूंजी में बदला है, धन और रोज़गार सृजन में मदद की है और आर्थिक विकास को आगे बढ़ाया है, हमारी सोच हमेशा एक भरोसेमंद, जीवंत और परिवर्तनकारी संस्था बनने की रही है। उन्होंने कहाकि आज हम इसी भावना को टाटा मेमोरियल के नवी मुंबई एसीटीआरईसी कैंपस में एक अत्यंत आवश्यक मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल ब्लॉक का निर्माण करके आगे बढ़ाते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में योगदान दे रहे हैं।
टाटा मेमोरियल सेंटर के डायरेक्टर डॉ सुदीप गुप्ता ने कहाकि यह नया हॉस्पिटल ब्लॉक कैंसर मरीजों केलिए उन विशेष उपचार सेवाओं की कमी को पूरा करेगा, जो अन्य बीमारियों जैसे हृदय, फेफड़ों, तंत्रिका तंत्र, गुर्दे और पाचन तंत्र से जुड़ी बीमारियों के इलाज केलिए आवश्यक होती हैं। उन्होंने कहाकि अबतक एसीटीआरईसी एक स्वतंत्र कैंसर सेंटर था, इसलिए मरीजों को इन सेवाओं केलिए अन्य अस्पतालों में जाना पड़ता था, इस प्रोजेक्ट की बड़ी खासियत 60 बिस्तरों वाले बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट का निर्माण है, जो एसीटीआरईसी दक्षिण एशिया के सबसे बड़े बीएमटी सेंटर्स में से एक बन जाएगा। उनका कहना हैकि बढ़ते कैंसर मामलों और हजारों मरीजों के बीएमटी उपचार की प्रतीक्षा को देखते हुए अस्पताल का निर्माण बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह प्रक्रिया बहुत जटिल और महंगी होती है। उन्होंने कहा हैकि नई सुविधा में यह जीवनरक्षक उपचार बहुत कम या रियायती दरों पर उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि एडवांस केयर सभी जरूरतमंद मरीजों तक पहुंच सके।
एसीटीआरईसी के डायरेक्टर डॉ पंकज चतुर्वेदी ने कहाकि टाटा मेमोरियल सेंटर देशभर से आनेवाले अनगिनत कैंसर मरीजों को एडवांस, सस्ते और कईबार जीवनरक्षक उपचार प्रदान करता है, इस प्रोजेक्ट में हमारी भूमिका खासतौर पर उन मरीजों केलिए विशेष चिकित्सा सेवाओं की कमी को पूरा करना है, जिन्हें कैंसर केसाथ अन्य बीमारियां भी होती हैं और सबसे महत्वपूर्ण जरूरतमंदों केलिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट जैसी सुविधाएं सुलभ कराना है। एसीटीआरईसी के उपनिदेशक और बोन मैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ नवीन खत्री ने कहाकि बोन मैरो ट्रांसप्लांट एक बहुत ही महत्वपूर्ण और जटिल चिकित्सीय प्रक्रिया है, जिसके लिए हज़ारों मरीज, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, इलाज की उम्मीद में इंतजार कर रहे हैं, यह नई सुविधा, जिसमें 60 बिस्तरों वाला बीएमटी यूनिट होगा, न केवल एसीटीआरईसी को दक्षिण एशिया के सबसे बड़े सेंटर्स में शामिल करेगी, बल्कि यह जीवनरक्षक उपचार बहुत ही रियायती दरों पर मरीजों को उपलब्ध कराएगी। उन्होंने बतायाकि यह साझेदारी भारत में कैंसर मरीजों केलिए स्वास्थ्य सेवाओं और उपचार को बेहतर बनाने केलिए टीएमसी के निरंतर प्रयासों में एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन साबित होगी, नवी मुंबई एसीटीआरईसी टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में नया मल्टीस्पेशियलिटी ओपीडी हॉस्पिटल ब्लॉक सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली कैंसर देखभाल के नए मानक स्थापित करने केलिए तैयार है।
एनएसई बोर्ड ने मार्च 2023 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी और इसके लिए टाटा मेमोरियल सेंटर केसाथ एक समझौता किया था। इसको अंतिम पर्यावरण स्वीकृति (ईसी) 11 सितंबर 2025 को प्राप्त हुई, जबकि लोकल डेवलपमेंट अथॉरिटी सिडको से निर्माण केलिए कमेंसमेंट सर्टिफिकेट 1 अक्टूबर 2025 को मिला। प्रोजेक्ट का निर्माण लार्सन एंड टुब्रो (एल&टी) ईपीसी मोड में करेगी और इसका जुलाई 2027 तक संचालन शुरू करने की उम्मीद है। उन्होंने बतायाकि एनएसई ने कोविड-19 महामारी केबाद देश में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की जरूरत को महसूस किया, देशभर में बढ़ते कैंसर मामलों और सस्ती चिकित्सा सुविधाओं की आवश्यकता को देखते हुए एनएसई ने नवी मुंबई के खारघर टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर केसाथ साझेदारी की है, एसीटीआरईसी लंबे समय से देश के दूरदराज इलाकों से आनेवाले मरीजों को बहुत कम या लगभग मुफ्त में कैंसर उपचार उपलब्ध करा रहा है। उनका कहना हैकि आर्थिक रूपसे कमजोर सैकड़ों मरीज हरदिन एसीटीआरईसी-टीएमसी कैंपस में एडवांस, सस्ते और कई बार पूरी तरह मुफ्त कैंसर इलाज केलिए पहुंचते हैं।
देश में स्वास्थ्य ढांचे को और ज्यादा मजबूत करने केलिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया ने अपनी सीएसआर पहल, जिसे एनएसई फाउंडेशन के माध्यम से लागू किया जाएगा, नवी मुंबई में एडवांस्ड सेंटर फॉर ट्रीटमेंट, रिसर्च एंड एजुकेशन इन कैंसर केसाथ साझेदारी की है। एसीटीआरईसी की स्थापना टाटा मेमोरियल सेंटर ने की है, जो भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत एक स्वायत्त अनुदान सहायता प्राप्त संस्था है। यह भवन पूरे एसीटीआरईसी कैंपस केलिए एक आउट पेशेंट डिपार्टमेंट यूनिट के रूपमें भी काम करेगा, जहां एनएसई ब्लॉक के अलावा कैंसर उपचार केलिए 3 और इमारतों के निर्माण की योजना है। एनएसई की यह सुविधा कैंसर मरीजों को, जिनको अन्य बीमारियां भी हैं, सामान्य और सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं प्रदान करेगी, इसमें 60 बिस्तरों वाला एक विशेष बोन मैरो ट्रांसप्लांट सेंटर भी होगा, जो देश का सबसे बड़ा और दक्षिण एशिया के सबसे बड़े सेंटर में से एक होगा। यहां यह जीवनरक्षक इलाज मुफ्त या बहुत ही कम लागत पर मिलेगा।

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