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सीएसएल और कोरिया शिपबिल्डिंग में समझौता

समुद्र से समृद्धि-भारत के समुद्री क्षेत्रमें परिवर्तन ऐतिहासिक कार्यक्रम

भारत में जहाज निर्माण क्षेत्र में एक दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 23 September 2025 06:39:50 PM

cochin shipyard and korea shipbuilding sign agreement

भावनगर (गुजरात)। भारत के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (सीएसएल) ने आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम बढ़ाते हुए जहाज निर्माण के क्षेत्रमें दीर्घकालिक रणनीतिक सहयोग केलिए एचडी कोरिया शिपबिल्डिंग एंड ऑफशोर इंजीनियरिंग (एचडी केएसओई) केसाथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। ‘समुद्र से समृद्धि-भारत के समुद्री क्षेत्रमें परिवर्तन’ नाम के ऐतिहासिक कार्यक्रम में इस समझौता ज्ञापन का आदान-प्रदान किया गया, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 20 सितंबर 2025 को गुजरात के भावनगर में किया था। इस अवसर पर केंद्रीय पत्तन पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर, हुंडई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं वैश्विक व्यापार प्रबंधन प्रभाग के प्रमुख जंग चांगिन और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मधु एस नायर, गाइडेंस तमिलनाडु के प्रबंध निदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ दारेज़ अहमद भी उपस्थित थे।
सीएसएल और एचडी कोरिया शिपबिल्डिंग की साझेदारी सीएसएल की विरासत, बुनियादी ढांचे और घरेलू विशेषज्ञता और एचडी केएसओई की उन्नत तकनीक एवं वैश्विक अनुभव को एकसाथ जोड़ने का प्रयास है। यह भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं को और ज्यादा मज़बूत करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके अंतर्गत सीएसएल के 310 मीटर लंबे नए ड्राई डॉक का उपयोग स्वेजमैक्स टैंकरों, कंटेनर जहाजों और केपसाइज़ बल्क कैरियर जैसे बड़े जहाजों के निर्माण केलिए किया जाएगा, जिनकी क्षमता सालाना छह जहाजों तक की होगी। प्रधानमंत्री ने 17 जनवरी 2024 को नए ड्राई डॉक का उद्घाटन किया था। इसके सहयोग केलिए कोच्चि में लगभग 80 एकड़ में एक समर्पित ब्लॉक फैब्रिकेशन व्यवस्था की योजना बनाई गई है, जिसकी वार्षिक क्षमता 1,20,000 मीट्रिक टन होगी और इसमें लगभग ₹3,700 करोड़ का निवेश होगा। प्रस्तावित व्यवस्था और इसके नक्शे का विवरण इस कार्यक्रम में प्रस्तुत किया गया। इस पहल से लगभग 2,000 प्रत्यक्ष रोज़गार, लॉजिस्टिक्स, एमएसएमई, आपूर्ति श्रृंखला और सहायक उद्योगों जैसे क्षेत्रोंमें 2 से 5 गुना अधिक अप्रत्यक्ष रोज़गार सृजित होने का अनुमान है।
सीएसएल की वर्तमान व्यवस्था में जहाज निर्माण परियोजनाओं का संयुक्त कार्यांवयन नए व्यावसायिक क्षेत्रों, ग्रीनफील्ड शिपयार्ड और कौशल विकास के क्षेत्रोंमें अवसरों की खोज भी करेगा। यह साझेदारी उत्पादन क्षमता में वृद्धि और अगली पीढ़ी के जहाजों की आपूर्ति के जरिए मैरीटाइम इंडिया विजन-2030 और मैरीटाइम अमृतकाल विजन-2047 जैसी राष्ट्रीय पहलों के अनुरूप है, जो भारत को एक वैश्विक जहाज निर्माण केंद्र के रूपमें स्थापित करने के मिशन को सुदृढ़ करती है। सीएसएल ने जहाज निर्माण क्लस्टर विकसित करने के भारत सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप गाइडेंस नाम की तमिलनाडु सरकार की नोडल एजेंसी केसाथ भी एक समझौता किया है। सीएसएल अपनी दीर्घकालिक विकास रणनीति के हिस्से के रूपमें कोरियाई भागीदार के सहयोग से तमिलनाडु में अत्याधुनिक शिपयार्ड स्थापित करने केलिए लगभग ₹15,000 करोड़ के ग्रीनफील्ड निवेश पर विचार कर रहा है, इससे पहले चरण में लगभग 10000 नौकरियों का सृजन होने का अनुमान है, जिसमें 4000 प्रत्यक्ष और 6000 अप्रत्यक्ष अवसर शामिल हैं। जहाजों के मरम्मत की आधुनिक व्यवस्था भी इसमें शामिल हो सकती है।

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