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Tuesday 7 October 2025 05:43:44 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 'रक्षा नवाचार संवाद: आईडेक्स स्टार्टअप्स केसाथ परस्पर संवाद' विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन में कहाकि युद्ध का मैदान बदल गया है, भविष्य के युद्ध एल्गोरिदम, ऑटोनॉमस सिस्टम और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लड़े जाएंगे, ड्रोन, एंटी ड्रोन सिस्टम, क्वांटम कंप्यूटिंग और निर्देशित ऊर्जा हथियार भविष्य की रूपरेखा तैयार करेंगे। रक्षामंत्री ने कहाकि हमने ऑपरेशन सिंदूर में भी ऐसाही एक प्रदर्शन देखा है। उन्होंने नवप्रवर्तकों से विद्यमान समाधानों से आगे सोचने और युद्ध को नई परिभाषा देने वाली प्रौद्योगिकियों का विकास करने का आग्रह किया। उन्होंने कहाकि हमें प्रौद्योगिकी में न तो नकलची बनना है और न ही अनुयायी, बल्कि हमें विश्व केलिए सृजक और मानक निर्धारक बनना है। राजनाथ सिंह ने उल्लेख कियाकि घरेलू स्रोतों से रक्षा पूंजी अधिग्रहण 2024-25 में 1.2 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उन्होंने इस बदलाव को केवल एक सांख्यिकीय परिवर्तन नहीं, बल्कि निर्भरता से आत्मविश्वास की ओर मानसिकता में बदलाव बताया। रक्षामंत्री ने कहाकि रक्षा क्षेत्रमें आत्मनिर्भरता एक नारे से आगे बढ़कर आंदोलन है, नीति से व्यवहार तक और नवाचार से प्रभाव तक, यह परिवर्तन हमारे नवप्रवर्तकों, स्टार्टअप्स और युवा उद्यमियों ने संभव बनाया है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने स्टार्टअप्स को ऊंचे मानक स्थापित करने केलिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को दोहरायाकि सरकार नवप्रवर्तकों और स्टार्टअप्स केसाथ मजबूती से खड़ी है और विचार से लेकर कार्यांवयन तक हर कदम पर उनके साथ रहेगी। रक्षामंत्री ने 2018 में आईडेक्स की शुरुआत का स्मरण करते हुए इसे एक रूपांतरकारी पहल बताया, जिसने भारत में रक्षा नवाचार का लोकतंत्रीकरण किया है। उन्होंने कहाकि जब आईडेक्स की शुरुआत हुई थी तो इसका विचार सरल, लेकिन शक्तिशाली था, जिसका उद्देश्य भारत के युवाओं की प्रतिभा को सशस्त्र बलों की प्रौद्योगिकीय आवश्यकताओं से जोड़ना था। उन्होंने कहाकि आज केवल सात वर्ष में 650 से अधिक आईडेक्स विजेता उभरे हैं और 3000 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के प्रोटोटाइप की खरीद सुनिश्चित की गई है, यह भारत के रक्षा नवाचार परिदृश्य में एक क्रांति का प्रतीक है। रक्षामंत्री ने कहाकि आईडेक्स से पहले भारतीय प्रतिभाएं, विशेष रूपसे आईटी, दूरसंचार और अंतरिक्ष के क्षेत्रमें विश्वस्तर पर उल्लेखनीय योगदान दे रही थीं, लेकिन रक्षा क्षेत्रमें उनका कम उपयोग हो रहा था। उन्होंने कहाकि आईडेक्स के जरिए हमने यह सुनिश्चित किया हैकि देश की प्रतिभाएं देश की सुरक्षा केलिए काम करें। उन्होंने कहाकि आज यह पहल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो भारतीय रक्षा विनिर्माण के भविष्य को आकार दे रहा है। राजनाथ सिंह ने कहाकि सरकार ने रक्षा खरीद, उत्पादन और परीक्षण अवसंरचना में सुधारों के जरिए स्टार्टअप्स और एमएसएमई की सहायता करने केलिए कई ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
राजनाथ सिंह ने रक्षा नवाचार इकोसिस्टम को मजबूत करने की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करते हुए कहाकि आईडीईएक्स, प्रौद्योगिकी विकास निधि, रक्षा परीक्षण अवसंरचना योजना और स्वप्रमाणन प्रावधानों के माध्यम से हम एक व्यापक ढांचा विकसित कर रहे हैं, जहां नवाचार को प्रोत्साहित, समर्थित और बढ़ाया जाता है। उन्होंने कहाकि हमारा उद्देश्य भारत को न केवल एक रक्षा विनिर्माता, बल्कि विश्व केलिए एक रक्षा नवप्रवर्तक बनाना है। ऑपरेशन सिंदूर में उत्कृष्ट भूमिका केलिए सम्मानित रेफी एम फाइबर और ग्रेविटी सिस्टम्स जैसे आईडेक्स विजेताओं की सराहना करते हुए राजनाथ सिंह ने कहाकि भारतीय स्टार्टअप्स से विकसित नवाचार अब वैश्विक सराहना प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहाकि यह बहुत गर्व की बात है, जब हमारे सैनिक भारत की धरती से निर्मित नवाचार की सराहना करते हैं, कई भारतीय स्टार्टअप अब दुबई एयरशो-2025 जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर क्रांतिकारी प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन कर रहे हैं और दुनिया भारत की नवोन्मेषण क्षमता पर ध्यान दे रही है। रक्षामंत्री ने कहाकि रक्षा मंत्रालय, स्टार्टअप्स को संपूर्ण सहायता प्रदान करने केलिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग और प्रमुख वित्तीय संस्थानों केसाथ रणनीतिक गठजोड़ कर रहा है। उन्होंने कहाकि हमारा उद्देश्य एक ऐसा इकोसिस्टम बनाना है, जहां हर विचार को एक व्यवहार्य उत्पाद के रूपमें विकसित होने का और हर प्रोटोटाइप को उत्पादन में विस्तार का अवसर मिले तथा हर नवाचार भारत की रक्षा में योगदान दे।
रक्षामंत्री ने बतायाकि आत्मनिर्भर भारत केतहत रक्षा विनिर्माण अब निजी निवेश, अनुसंधान एवं विकास, रोज़गार सृजन केलिए सबसे आशाजनक क्षेत्रों मेंसे एक बन गया है। उन्होंने कहाकि एक मज़बूत स्वदेशी रक्षा उद्योग न केवल एक रणनीतिक आवश्यकता है, बल्कि एक आर्थिक गुणक भी है। रक्षामंत्री ने कहाकि भारत की रक्षा नवाचार यात्रा अवधारणा से सृजन और विजन से विजय की ओर निरंतर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहाकि सभी मिलकर भारत को न केवल आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्रमें वैश्विक रूपसे अग्रणी भी बनाएंगे। रक्षा मंत्रालय के रक्षा उत्पादन विभाग के तत्वावधान में आईडेक्स के इस कार्यक्रम में आईडेक्स और अदिति केतहत विकसित अत्याधुनिक रक्षा नवाचारों को दर्शाने वाली करने वाली प्रदर्शनी भी लगाई गई, जहां रक्षामंत्री ने नवप्रवर्तकों से परस्पर बातचीत की और उनकी प्रौद्योगिकीय उपलब्धियों की सराहना की। इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, रक्षा मंत्रालय, रक्षा विकास विभाग, नवप्रवर्तक, स्टार्टअप्स, एमएसएमई, उद्योग जगत, सशस्त्र बलों के प्रतिनिधि और रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों के अधिकारी भी उपस्थित थे।