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Tuesday 16 September 2025 05:16:29 PM
मुंबई। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने मुंबई विश्वविद्यालय के विद्यानगरी परिसर में अध्ययन को बढ़ावा देने और विरासत परंपराओं को संरक्षित करने केलिए भाषा एवं सांस्कृतिक अध्ययन उत्कृष्टता केंद्र के निर्माण केलिए भूमि पूजन किया। किरेन रिजिजू ने इस अवसर पर कहाकि यह केंद्र विश्वस्तरीय सुविधाओं, भाषा प्रयोगशालाओं, दृश्य-श्रव्य स्टूडियो, पांडुलिपि पुस्तकालयों और डिजिटल अभिलेखागार के जरिए ऐतिहासिक भाषाओं में अनुसंधान को बढ़ावा देगा। उन्होंने कहाक यह सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास से प्रेरित होकर विकसित भारत 2047 के संकल्प को दर्शाता है, जहां ज्ञान, संस्कृति और सभ्यतागत गौरव का मिलन होता है।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहाकि मुंबई विश्वविद्यालय में यह पहल केवल पाठ्यक्रमों के अध्ययन की शुरुआत नहीं है, बल्कि समृद्ध सांस्कृतिक और भाषाई विरासत को साथ लेकर भारत के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत आधारशिला है। उन्होंने कहाकि मुंबई विश्वविद्यालय का देश के विकास में अद्वितीय योगदान है। उन्होंने जियो पारसी योजना सहित मंत्रालय की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहाकि भारत सरकार दुनिया की एकमात्र सरकार है, जो पारसी समुदाय की जनसंख्या बढ़ाने केलिए विशेष प्रयास कर रही है। किरेन रिजिजू ने कहाकि कोईभी अन्य देश अल्पसंख्यकों की उतनी परवाह नहीं करता, जितना भारत करता है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय में सचिव डॉ चंद्रशेखर कुमार ने कहाकि अल्पसंख्यक मंत्रालय भाषा अध्ययन को बढ़ावा दे रहा है और देश की विविध भाषाओं के संरक्षण केलिए विभिन्न प्रयास कररहा है।
मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर रवींद्र कुलकर्णी ने भाषा व सांस्कृतिक अध्ययन केंद्र की पृष्ठभूमि और महत्व को समझाया कि किस प्रकार यह सांस्कृतिक मूल्य प्रणाली और विरासत को संरक्षित करेगा। उन्होंने कहाकि यह केंद्र पर्यावरणीय नैतिकता, तुलनात्मक वैश्विक दर्शन और दुर्लभ पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण में अंतःविषय अनुसंधान के माध्यम से पाली और अवेस्ता-पहलवी पर अकादमिक और सांस्कृतिक ध्यान केंद्रित करेगा। अनुष्ठान पांडुलिपियों, मौखिक परंपराओं और धार्मिक साहित्य को संरक्षित करके व्याकरण मार्गदर्शिकाओं और शब्दकोशों का निर्माण करेगा और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विद्वानों केसाथ सहयोग को बढ़ावा देगा। गौरतलब हैकि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय देश की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करके समावेशी विकास सुनिश्चित करते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के सशक्तीकरण केलिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव रामसिंह, मुंबई विश्वविद्यालय के प्रो-कुलपति डॉ अजय भामरे और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।