शस्त्रों की जांच, जब्ती और गिरफ्तारी की जाएगीस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
नई दिल्ली। भारत सरकार ने 11 नवम्बर 2010 को एक राजपत्र जारी कर शस्त्र अधिनियम 1959 के तहत एसएसबी समेत केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के अधिकारियों और अधीनस्थ अधिकारियों को भी अवैध शस्त्रों की तलाशी और उन्हें जब्त करने का अधिकार दे दिया है। अवैध शस्त्रों की तलाशी और उन्हें जब्त करने के अधिकार संबंधी यह निर्णय भारत सरकार के पास कुछ समय से विचाराधीन था।
शस्त्र अधिनियम 1959 (1959 का 54) की धारा 19ए 22(2) 23 और 24 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों के सहायक कमांडेंट और उससे ऊपर के अधिकारियों और उप निरीक्षक और उससे ऊपर के अधीनस्थ अधिकारियों को सभी क्षेत्रों में जहां भी वे तैनात हैं और जहां उन्हें कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए बुलाया जाए, को इस अधिनियम के तहत शक्तियां प्रदान कर दी है। इन धाराओं के तहत किसी शस्त्र धारक से शस्त्र का लाइसेंस न प्रस्तुत कर पाने की दशा में शस्त्र को जब्त करने और उस व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार देता है, उस अवस्था में जब यदि वह व्यक्ति गलत नाम पता बताने या भागने की मंशा रखता है।
यह अधिनियम की विभिन्न धाराएं अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारियों को वाहन या यात्रा के लिये प्रयोग होने वाला कोई भी प्रकार को रोकने, उसकी तलाशी लेने और अवैध शस्त्र को जब्त करने की, शक्ति प्रदान करता है। इसके अतिरिक्त नागरिकों की शांति और सुरक्षा के लिये अर्द्ध सैनिक बल का अधिकारी उपरोक्त सामग्री को सरकारी आदेश के तहत रोक सकता है। यह अधिनियम अशांत क्षेत्र में नोटिफाइड आर्म्स को रखने, लाने और ले जाने पर भी प्रतिबंध लगाता है।