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पतंजलि विश्वविद्यालय के मेधावियों को उपाधियां

राष्ट्रपति ने योग आयुर्वेद प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा व अनुसंधान सराहे

'पतंजलि ने आधुनिक संदर्भों में भारतीय ज्ञान परंपरा को बढ़ावा दिया'

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Monday 3 November 2025 12:50:24 PM

2nd convocation of patanjali university

हरिद्वार (उत्तराखंड)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरिद्वार में पतंजलि विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह में मेधावी स्नातकों को उपाधियां प्रदान कीं। राष्ट्रपति ने योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा क्षेत्रमें शिक्षा और अनुसंधान के विकास केलिए पतंजलि विश्वविद्यालय की सराहना की। उन्होंने कहाकि सार्वभौमिक कल्याण की कामना भारतीय संस्कृति की पहचान है, यह कल्याण सद्भाव और समावेशी विकास का मार्ग प्रशस्त करता है। द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि व्यक्ति के पोषण से परिवार का पोषण होता है, इससे समाज व राष्ट्रनिर्माण होता है और पतंजलि विश्वविद्यालय ने व्यक्तिगत विकास के जरिए राष्ट्रनिर्माण का मार्ग अपनाया है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विश्वास व्यक्त कियाकि पतंजलि विश्वविद्यालय के छात्र अपने सद्गुण आचरण से एक स्वस्थ समाज और विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देंगे। राष्ट्रपति ने उल्लेख कियाकि भारत की कई महान विभूतियों का मानव संस्कृति के विकास में अनुकरणीय योगदान है और मुनियों में श्रेष्ठ महर्षि पतंजलि ने योग से मन की, व्याकरण से वाणी की और आयुर्वेद से शरीर की अशुद्धियों को दूर किया है। उन्‍होंने इस बातपर खुशी जताईकि पतंजलि विश्वविद्यालय महर्षि पतंजलि की महान परंपरा को समाज केलिए आसान बना रहा है। राष्ट्रपति ने कहाकि पतंजलि विश्वविद्यालय के योग आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा शिक्षा अनुसंधान विकास के उल्लेखनीय प्रयास है, स्वस्थ भारत के निर्माण में सहायक हैं। राष्ट्रपति ने पतंजलि विश्वविद्यालय की भारत केंद्रित शैक्षिक दृष्टि पर प्रसन्नता व्यक्त की।
द्रौपदी मुर्मू ने कहाकि विश्वबंधुत्व की भावना, प्राचीन वैदिक ज्ञान, अत्याधुनिक वैज्ञानिक अनुसंधान के एकीकरण और वैश्विक चुनौतियों के समाधान की दृष्टि से शिक्षा, आधुनिक संदर्भों में भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाया है। राष्ट्रपति ने कहाकि पतंजलि विश्वविद्यालय के आदर्शों के अनुरूप शिक्षा प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों ने यह महसूस किया होगाकि पर्यावरण की रक्षा और अपनी जीवनशैली को प्रकृति के अनुकूल बनाना मानवता के भविष्य केलिए कितना जरूरी है। उन्होंने स्नातकों से कहाकि वे जलवायु परिवर्तन सहित वैश्विक चुनौतियों का सामना करने केलिए सदैव तैयार रहेंगे। इस अवसर पर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, योगगुरू बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के सह-संस्थापक आचार्य बालकृष्ण उपस्थित थे।

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