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ब्रह्माकुमारी साधक विश्वशांति के दूत-प्रधानमंत्री

रायपुर में ब्रह्माकुमारीज़ शांति शिखर ध्यान केंद्र का उद्घाटन किया

'प्रत्येक व्यक्ति की आंतरिक चेतना पर ब्रह्माकुमारी का गहरा प्रभाव'

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Saturday 1 November 2025 04:44:49 PM

brahma kumaris shanti shikhar meditation centre inaugurated in nava raipur

रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर के अटलनगर में आध्यात्मिक शिक्षा, शांति और ध्यान के आधुनिक केंद्र ‘शांति शिखर’ का उद्घाटनकर ब्रह्माकुमारीज़ को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहाकि आजका दिन बहुतही विशेष है, क्योंकि छत्तीसगढ़ ने अपने गठन के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं, छत्तीसगढ़वासियों को राज्य के स्थापना दिवस पर बधाई और शुभकामनाएं! प्रधानमंत्री ने कहाकि देशभर के राज्यों के विकास से राष्ट्र की प्रगति को बढ़ावा मिलने वाले मार्गदर्शक सिद्धांत से प्रेरित होकर हम विकसित भारत निर्माण के मिशन में सक्रिय रूपसे लगे हुए हैं। प्रधानमंत्री ने भारत के विकसित राष्ट्र बनने की यात्रा में ब्रह्माकुमारीज़ जैसी संस्थाओं की उल्लेखनीय भूमिका पर प्रकाश डाला और कहाकि ब्रह्माकुमारीज़ परिवार से जुड़े रहना उनके लिए सौभाग्य की बात है, ब्रह्माकुमारीज़ ने आध्यात्मिक आंदोलन को एक वटवृक्ष की तरह विकसित होते देखा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2011 में अहमदाबाद में 'फ्यूचर ऑफ़ पावर' कार्यक्रम, 2012 में ब्रह्माकुमारीज़ की 75वीं वर्षगांठ और 2013 में ब्रह्माकुमारीज़ के प्रयागराज कार्यक्रम को याद किया। उन्होंने कहाकि दिल्ली आने केबाद भी चाहे वह आज़ादी का अमृत महोत्सव से जुड़ा अभियान हो, स्वच्छ भारत अभियान हो या जल जन अभियान से जुड़ने का अवसर हो, जबभी उन्होंने ब्रह्माकुमारीज़ साधकों से बातचीत की है तो लगातार उनके प्रयासों की गंभीरता और समर्पण को देखा है। नरेंद्र मोदी ने ब्रह्माकुमारी केसाथ अपने गहरे व्यक्तिगत जुड़ाव का ज़िक्र करते हुए दादी जानकी के स्नेह और राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी के मार्गदर्शन को अपने जीवन की अनमोल स्मृति बताया। उन्होंने कहाकि वे 'शांति शिखर-एक शांतिपूर्ण विश्व अकादमी' की अवधारणा में उनके विचारों को साकार होते हुए देख रहे हैं। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त कियाकि आनेवाले समय में यह केंद्र वैश्विक शांति के सार्थक प्रयासों का एक प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा। उन्होंने एक पारंपरिक कहावत कहते हुए समझायाकि आचरण ही धर्म तप और ज्ञान का सर्वोच्च रूप है और सदाचार से कुछभी अप्राप्य नहीं है। उन्होंने कहाकि सच्चा परिवर्तन तब होता है, जब शब्दों को कर्म में रूपांतरित किया जाता है और यही ब्रह्माकुमारी साधकों की आध्यात्मिक शक्ति का स्रोत है। उन्होंने कहाकि यहां प्रत्येक साधक कठोर तपस्या और आध्यात्मिक अनुशासन से गुज़रता है, ब्रह्माकुमारी की पहचान ही विश्व और ब्रह्मांड में शांति की प्रार्थना से जुड़ी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहाकि ब्रह्माकुमारीज़ का पहला आह्वान ॐ शांति है, जहां 'ॐ' ब्रह्म और संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक है और 'शांति' शांति की आकांक्षा का प्रतीक है, यही कारण हैकि ब्रह्माकुमारीज़ के विचार प्रत्येक व्यक्ति की आंतरिक चेतना पर इतना गहरा प्रभाव डालते हैं। प्रधानमंत्री ने कहाकि विश्व शांति की अवधारणा भारत के मूल चिंतन और आध्यात्मिक चेतना का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहाकि भारत एक ऐसा राष्ट्र है, जो प्रत्येक जीव में दिव्यता और स्वयं में अनंतता का दर्शन करता है, यहां प्रत्येक धार्मिक अनुष्ठान विश्व कल्याण और सभी जीवों केबीच सद्भावना की कामना केसाथ संपन्न होते हैं। नरेंद्र मोदी ने कहाकि ऐसी उदार सोच, आस्था और विश्व कल्याण की भावना का सहज संगम भारत के सभ्यतागत चरित्र का अंग है। उन्होंने कहाकि भारतीय अध्यात्म न केवल शांति का पाठ पढ़ाता है, बल्कि हर कदम पर शांति का मार्ग भी दिखाता है। उन्होंने कहाकि हम नदियों को माँ, जल को ईश्वर और वृक्षों में ईश्वर का स्वरूप देखते हैं, यही भावना प्रकृति और उसके संसाधनों के उपयोग का मार्गदर्शन करती है। प्रधानमंत्री ने 'एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड' जैसी पहलों और भारत के 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' के दृष्टिकोण का उल्लेख करते हुए कहाकि दुनिया तेज़ी से इन विचारों से जुड़ रही है। प्रधानमंत्री ने कहाकि भारत ने भू-राजनीतिक सीमाओं से परे जाकर पूरी मानवता केलिए मिशन लाइफ़ की शुरुआत की है। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमन डेका, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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