चिपको आंदोलन व पर्यावरण संरक्षण की प्रतीक हैं गौरा देवी
डाक विभाग का गौरा देवी की जन्मशती पर विशेष कार्यक्रमस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 26 October 2025 12:32:45 PM
चमोली (उत्तराखंड)। भारतीय डाक विभाग ने रैणी गांव जोशीमठ चमोली में चिपको आंदोलन की प्रणेता और पर्यावरण संरक्षण की प्रतीक गौरा देवी की जन्म शताब्दी पर एक विशेषीकृत माई स्टाम्प एवं विशेष आवरण जारी किया है। गौरा देवी का जन्म 1925 में जोशीमठ के लाता गांव में हुआ था। विवाहोपरांत वह रैणी गांव की निवासी बन गईं। मार्च 1974 में उनके नेतृत्व में रैणी और लाता गांव की महिलाओं ने ठेकेदारों से गांव के समीप जंगलों, जो वर्तमान में नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व का हिस्सा हैं, के पेड़ों को कटने से बचाने केलिए निर्भीकतापूर्वक पेड़ों को गले से लगाया। ठेकेदारों को पीछे हटना पड़ा और वह वन जिसे महिलाएं अपना मायका मानती थीं, सुरक्षित बचा लिया।
गौरा देवी के चिपको आंदोलन ने हिमालयी पारिस्थितिकी में महिलाओं की सामाजिक चेतना, पर्यावरण न्याय, ग्राम्यजीवन पर आधारित आजीविका के अधिकार का सशक्त प्रतीक बनाया और विश्वभर के पर्यावरणीय आंदोलनों को नई दिशा प्रदान की। इस अवसर पर सुबोध उनियाल वनमंत्री उत्तराखंड, लखपत बुटोला विधायक बद्रीनाथ विधानसभा क्षेत्र, गौरा देवी के सुपुत्र चंद्रसिंह राणा, शशि शालिनी कुजूर मुख्य पोस्टमास्टर जनरल उत्तराखंड परिमंडल, अनसूया प्रसाद निदेशक डाक सेवाएं उत्तराखंड परिमंडल, डॉ रंजन कुमार मिश्र प्रमुख वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, पंकज कुमार निदेशक नंदा देवी बायोस्फियर रिज़र्व, सर्वेश दुबे प्रभागीय वन अधिकारी बद्रीनाथ वन प्रभाग, महातिम यादव उप वन संरक्षक नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान और बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे।