स्वतंत्र आवाज़
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लोकसभा की तैयारियों के साथ यूपीए पर हल्ला बोल

देश के अक्षम नेतृत्व ने हालात और भी बदतर बनाए

मुंबई में गडकरी का भाजपा की शानदार वापसी का दावा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

मुंबई में बी. जे.पी. की बैठक/b.j.p. meeting in mumbai

मुंबई। ‘आइए! जनता कीआशाओं और अपेक्षाओं को पूरा करने के लिये एकजुट होकर विस्तार करते हुए आगे बढ़ें।’ देश की जनता को अपनी नाकामियों से भारी अवसाद और संकट मेंडालने वाली भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मुंबई में भाजपा की दो दिवसीयराष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आंतरिक कलह और भयानक गुटबाजी से तिल-‌तिल भाजपा को दिलासा से भरे उपदेश दिए। कार्यकारिणी की बैठकमें अनेक अवसरों पर भाजपा के कड़वे सच से दूर भागने की कोशिश देखी गई। उत्तर प्रदेशके चुनाव नतीजों के ख़तरों को नज़र अंदाज किया गया। भाजपा नेताओं ने कार्यकर्ताओं कोजबरदस्ती का संतोष दिलाने की असफल कोशिश की। नितिन गडकरी की बीजेपी की मुंबई में यहएक नुमाईश भर है, जिसमें वह एक गुब्बारा फुलारहे हैं, जिसका कोई सुरक्षित भविष्य नहींहोता है।
आइए जानते हैं कि उन्होंने आंतरिक घात और निराशा से भाजपा को बचाने के लिए इस बैठक मेंऔर क्या तीर चलाए हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि ‘भारतीयजनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक मुंबई में कई वर्षों के अंतराल पर होरही है, इस राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठकका मुख्य उद्देश्य आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारियों की शुरुआत करना है, फिर चाहे चुनाव 2014 में हों या उससे पहले, इन चुनावों में हमें जनादेश मिलता दिखायी दे रहा है, आइए, सिंधुसागरके तट पर बसे मुंबई से हम अपनी विजय यात्रा की तैयारी प्रारंभ करें।’ नितिन गडकरी का यह भाषण भाजपा में कितनी जान डालेगा यह तोसमय ही बताएगा।  
उन्होंनेकहा कि 22 मई को कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के कार्यकाल के आठ वर्ष पूरेहुए हैं और साथ ही आरोप लगाया कि जब किसान आत्महत्या कर रहे हैं, रुपया गिर रहा है, आवश्यकवस्तुओं के दाम बढ़ रहे हैं, तब यूपीएने जश्न मनाकर अपनी असंवेदनशीलता का परिचय दिया है, यहसरकार पहले से ही पंगु और बेअसर हो चुकी है, भाजपामुंबई से इस भ्रष्ट, घोटालों से घिरी, गरीब विरोधी और निरंतर अलोकप्रिय होती जा रही सरकार को ज़ोरदारऔर स्पष्ट रूप से यह बताना चाहती है कि ‘तुम्हारेदिन अब गिनती के हैं। भारत अब तुम्हारे कुशासन को और बर्दाश्त नहीं कर सकता, वक्त आ गया है कि भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए की वापसी हो, ताकि यूपीए की फैलाई जा रही अराजकता खत्म की जा सके और हमदेश को सही दिशा में आगे ले जा सकें।’
नितिन गडकरी ने कहा कि अटलजी हमारे प्रेरणा के स्त्रोत हैं। इस तरह अटल बिहारी वाजपेयी कोआगे रखकर कहा कि सत्ता में भाजपा की वापसी आज राष्ट्रीय आवश्यकता बन गयी है, इस कर्तव्य को निभाने में हमें सफल होना ही है, राजनीतिक हालात और लोगों का मन, दोनोंही भाजपा की वापसी का समर्थन कर रहे हैं, बस, हमें इस अवसर को खोना नहीं है। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भारतकी वर्तमान आर्थिक बदहाली के लिए यूरोज़ोन नहीं बल्कि यूपीए-ज़ोन जिम्मेदार है, भारत के लोग बड़ी आशा और उम्मीद के साथ भाजपा की ओर देख रहेहैं। निस्संदेह, जिस अनुपात में लोगों का कांग्रेससे मोहभंग हो रहा है और उसके प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है, उसीअनुपात में उनकी भाजपा से उम्मीदें भी बढ़ती जा रही हैं, यूपीएका शासनकाल भ्रष्टाचार, घोटालों, नाकामियों और धोखाधड़ी की शर्मनाक कहानी है, यूपीए सरकार की धोखाधड़ी का सबसे बड़ा शिकार है-आम आदमी, जो भयंकरऔर निरंतर बढ़ती महंगाई के बोझ तले दबता और पिसता चला जा रहा है। गरीबों और मध्यमवर्गकी परेशानियां कम करने के बजाय इस सरकार ने पेट्रोल के दाम बढ़ाकर लोगों की कमर तोड़दी है, यह सरकार की असंवेदनशीलता का एकऔर उदाहरण है।
नितिन गडकरी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे अर्थशास्त्री-प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारतका रुपया गिरता ही जा रहा है, ये डर बेबुनियादनहीं है कि जल्दी ही रूपया इतना नीचे चला जाएगा कि एक अमेरिकी डॉलर 60 रुपए का हो जाएगा, जीतोड़ मेहनत से इकट्ठा किया गया भारत का विदेशी मुद्रा भंडारभारी दबाव में है, सरकार की गलत नीतियों केकारण भारतीय कारोबारियों को देश के बजाय विदेशों में निवेश करने को मजबूर होना पड़ रहाहै, जैसीकि उम्मीद की जा रही थी, सरकार के प्रवक्ता भारतीय अर्थव्यवस्था की समस्याओं के लिएबाहरी कारणों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं, मगर येसरासर बहानेबाजी है। भारत की समस्याओं की असली जड़ यूरोज़ोन नहीं, बल्कि यूपीए-ज़ोन है। पूरे मामले में सच बस इतना है कि येसरकार फैसला लेने और नीतियां बनाने में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है, सक्षम नेतृत्व के अभाव ने हालात को और भी बदतर बना दिया है।
यूपीए सरकार के कुशासन का एक और संकेतक केंद्र और राज्यों के संबंधो में बढ़ता तनाव है। कईगैर-कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों ने शिकायत की है कि केंद्र में बैठी कांग्रेस पार्टीके अहंकारी नेतृत्व ने राज्य सरकारों की हालत नगर निकायों जैसी कर दी है, जो भाजपा को कतई मंजूर नहीं है। इसके विपरीत भाजपा केंद्रऔर राज्यों के बीच वैसे ही सद्भावपूर्ण रिश्ते विकसित करना चाहती है, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार केशासनकाल में थे। कांग्रेस ने समस्याएं पैदा की हैं, भाजपाउनका समाधान करेगी। भाजपा का मानना है कि भारत की आर्थिक नीतियां, स्थायी विकास, रोजगारसृजन, कृषि, ग्रामीणविकास को प्राथमिकता देने की है, ताकि येनीतियां अर्थव्यवस्था के अनौपचारिक क्षेत्रों, अनुसूचितजाति, जनजातियों और अन्य वंचित वर्गो तथाअल्पसंख्यकों को लाभ पहुंचा सकें। कांग्रेस से इसकी अपेक्षा नहीं की जा सकती। वह तोकेवल राहत के झूठे वायदे करती रही है-गडकरी नेकहा।
उन्होंने कहा कि जल, ऊर्जा, खाद्यऔर पर्यावरण सुरक्षा जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों से निपटने के लिए अल्पकालीन और दीर्घकालीन-दोनोंतरह के उपाय तत्काल करने की भी आवश्यकता है, आजयह बैठक महाराष्ट्र में हो रही है, जहां केबड़े हिस्से में सूखा पड़ा हुआ है, यह रोजमर्राकी बात हो गई है, राज्य सरकार ने इस समस्यासे निपटने के लिए फिर से पानी के टैंकरों का उपाय किया है। आसानी से यह समझा जा सकताहै कि पानी गांवों तक नहीं पहुंच सकता, क्योंकिटैंकरों से पानी ‘रिसता’ रहता है, इसी तरह से भ्रष्ट नेता भी जनता के पैसे को हड़पते रहते हैं।‘टैंकर के उपाय’ को मैं उपमा के रूप में इस्तेमालकर रहा हूं, इसका कारण यह है कि नरेगा, एनआरएचएम, इंदिराआवास योजना, राजीव गांधी राष्ट्रीय पेयजल मिशनऔर इसी तरह की कांग्रेस की विकास और कल्याण योजनाओं के साथ ऐसा ही हो रहा है।
नितिन गडकरी ने कहा कि मेरा मानना है कि इन सारी बुनियादी समस्याओं का समाधान, सुशासन, विकास केअभिनव प्रयोगों, अंत्योदय से होगा जो राष्ट्रवादीविचारधारा का मूल है। उन्होंने कहा कि इज़राइल बहुत छोटा सा देश है, जिसकी आबादी मुंबई की आबादी की आधी से भी कम है, उसके पास पानी और हाइड्रोकार्बन संसाधन भी बहुत कम हैं, उसकी सुरक्षा को अपने पड़ोसियों से लगातार खतरा बना रहता हैऔर इसके बावजूद इज़राइल की सरकार और जनता ने समूची आबादी की पानी, ऊर्जा, खाद्यान्न, शिक्षा और स्वास्थ्य की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए आत्मनिर्भरतावाले उपाय विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि वाकई में इज़राइल को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवीनता के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया है।हमें उसी तरह का राष्ट्रवादी, आत्मनिर्भर, विकासोन्मुखी और नवीनतम रवैया अपनाकर भारत की समस्याओं कोहल करने की जरूरत है।
उन्होंने साथियों से अपील की कि वे समस्याओं की चर्चा के साथ-साथउनके समाधान भी दें। जब लोग हमें केंद्र में सरकार बनाने के लिए जनादेश दें, तो हमारी प्राथमिकताएं महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरु करने कीहोंगी। अटलजी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना तथाप्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना चलायी थी, उसी तर्जपर भारत के कृषि और ग्रामीण विकास के लिए हमें युद्ध स्तर पर जलसंरक्षण मिशन शुरु करनाहोगा। संसाधनों के अभाव में राज्य सरकारें सिंचाई जैसी बुनियादी समस्या पर ध्यान नहींदे पा रही हैं, इसी प्रकार केंद्र एवं राज्य सरकारसिंचाई के लिए मिलकर संसाधन जुटा सकते हैं, मेरामानना है कि इस एक पहल से ग्रामीण भारत की स्थिति उसी तरह बदल सकती है, जैसे सड़क परियोजना से शहरों का कायाकल्प हो रहा है। भारतीयसंसद ने 60 वर्ष पूरे किए हैं, इस अवसरपर हमें ‘सशक्त संसदीय प्रणाली’ बनाने केलिए देश को आह्वान करना चाहिए, न केवलसंसद बल्कि राज्य विधानसभाओं और पंचायती राज संस्थाओं को अधिक प्रभावी और जवाबदेह बनानेके लिए राष्ट्रीय स्तर पर बहस शुरू करनी चाहिए। चुनावी सुधारों का ब्लू प्रिंट भी देशके सामने प्रस्तुत करना चाहिए। हमारी दो राज्य सरकारों-उत्तराखंड (पूर्ववर्ती) और हिमाचलप्रदेश ने अपने-अपने राज्यों में प्रभावी और मजबूत लोकायुक्त विधेयक पारित करने काप्रशंसनीय काम किया है।
भाजपा अध्यक्ष ने नक्सली बंधक समस्या (जिलाधिकारी एलेक्स पॉल मेनन समेत) से मजबूती और सफलतासे निपटने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को बधाई दी और कहा कि आंतरिक सुरक्षा के इस गंभीरखतरे से निपटने के लिए राष्ट्र के सम्मुख व्यापक उपाय भी प्रस्तुत करने चाहिएं। भाजपाकी समस्या-निराकरण की प्रतिबद्धता का प्रमाण हमारी गुजरात सरकार की उपलब्धियों और कार्योंमें भी दिखता है, जहां कृषि का रिकॉर्ड उत्पादनहुआ, सौराष्ट्र और कच्छ में पानी की स्थायीसमस्या को हल किया गया, सौर ऊर्जा, महिला साक्षरता, जनजातीयकल्याण और इसी तरह के अन्य मामलों में हमने देश के सामने मिसाल पेश की है। यही क्रमकर्नाटक में सुशासन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी को अपनाने में, बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन को बेहतर बनाने में औरमध्यप्रदेश में सिटीजन चार्टर के प्रभावी क्रियान्वयन तथा अमल में भी दिखता है।
क्षेत्रीय पार्टियों के प्रति भाजपा के नज़रिए को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा ‌कि उनके बारेमें भाजपा का रवैया स्पष्ट है, इन दलोंकी सोच भी राष्ट्रीय होती है, वास्तवमें इनमें से कई एनडीए में भाजपा के महत्वपूर्ण सहयोगी रहे हैं। एनडीए के शासन ने यहदिखा दिया है कि स्थायी और उद्देश्यपूर्ण सरकार तभी संभव है, जब सत्तारूढ़ गठबंधन के केंद्र में भाजपा की तरह राष्ट्रीयऔर राष्ट्रवादी पार्टी मजबूत रूप में हो। हमें यह बात लोगों को खासतौर पर समझानी होगीकि केंद्र में अस्थिरता की बड़ी भारी कीमत राष्ट्र की सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को चुकानीपड़ती है, इस कारण हमें लोगों को समझाना होगाकि न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर आधारित भाजपा के नेतृत्व वाली मजबूत गठबंधन सरकार हीएकमात्र सच्चा विकल्प है, जो नई दिल्लीमें सरकार परिवर्तन की आकांक्षा को पूरा कर सकती है। भाजपा ही एक विकल्प है, जिसकी तलाश भारत की जनता को है।
गडकरीने कहा कि सार्थक विकल्प के पांच निर्धारक तत्व होते हैं-सशक्त, सक्षम और विश्वसनीय नेतृत्व जिसमें टीम भावना हो और जो देशको पार्टी से ऊपर और पार्टी को स्वयं से ऊपर रखता हो, देशके सम्मुख आसन्न चुनौतियों और अवसरों को समझने की दूरदर्शिता, सही फैसले लेने की क्षमता और जन समर्थन से उन्हें लागू करना, पारदर्शी और ईमानदार कार्य पद्धति और राष्ट्रवाद, सुशासन, विकास औरअंत्योदय हेतु प्रतिबद्धता। स्वामी विवेकानंद ने हमसे कहा था-जब तक लाखों लोग भूख और अज्ञानता में जीवन बिता रहे हैं, तब तक मैं हर उस व्यक्ति को देशद्रोही कहूंगा, जिसने उन लोगों के खर्चे पर पढ़ाई की और उन्हीं की ओर बिल्कुलध्यान नहीं देता। उन्होंने कहा कि आज की वंशवादी और भ्रष्ट कांग्रेस भारत की तरक्कीऔर विकास की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बन गई है। इसके लिए यह आवश्यक है कि कांग्रेस कोकेंद्र की सत्ता से उखाड़ फेकें।
गडकरीने फिर कहा कि भाजपा का रणनीतिक लक्ष्य भाजपा के वोट प्रतिशत में कम से कम 10 प्रतिशतकी वृद्धि और एनडीए का विस्तार है। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए राष्ट्रीय औरराज्य स्तरों पर-वैचारिक, राजनीतिकऔर संगठनात्मक मोर्चों पर कुछ आवश्यक कदम उठाने होंगे। इन पर हमारी सोच और कार्य मेंकुछ उत्साहवर्द्धक प्रगति हुई है। कई मोर्चों और प्रकोष्ठों ने पिछले कुछ महीनों मेंसराहनीय कार्य किये हैं। किसान मोर्चे ने इस महीने की शुरुआत में राष्ट्रीय राजधानीमें एक सफल ‘किसान संसद’ का आयोजनकिया। बुनकर प्रकोष्ठ ने हाल ही में ‘समर शंखनाद’ नामका राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जिसमें बुनकरों की दयनीय स्थिति और उनके संघर्ष कीबात खुलकर सामने आई। मछुआरा प्रकोष्ठ भी सक्रिय है। उद्योग एवं व्यापार प्रकोष्ठ नेभी भाजपा सरकारों की उपलब्धियों के प्रदर्शन के लिए एक आयोजन किया, जिसमें करीब 500 कारोबारी शामिल हुए।      मज़दूर महासंघ ने देश भर में कई आंदोलनों और अभियानोंका नेतृत्व किया। पिछले वर्ष ऐसे ही एक आयोजन में करीब 500 से ज्यादा ट्रेड यूनियनके प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इनसे समाज के विभिन्न वर्गों में भाजपा के प्रति लोगोंकी सद्भावना को बल मिलेगा।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले महीनों में उसने असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों, शिक्षकों, डॉक्टरों, व्यापारियों, चार्टर्डअकाउंटेंट्स इत्यादि के लिए विशाल राष्ट्रीय सम्मेलनों की योजना बनाई है। खेतिहर मजदूरों, निर्माण कार्य में लगे मजदूरों, ढुलाईकरने वालों, रिक्शाचालकों, घरों में कार्य करने वाली महिलाओं (मेड सर्वेंट्स) और इसीतरह के अन्य सभी लोगों को विश्वास दिलाना है कि भाजपा ही उनकी पार्टी है, जब हम इस कार्य में सफल होंगे तो हमारा वोट प्रतिशत स्वाभाविकरूप से निरंतर बढ़ता जाएगा। इस संदर्भ में उन्होंने दक्षिण के तमिलनाडु की एक उत्साहवर्द्धकघटना का उल्लेख विशेष तौर पर किया, भाजपा नेमदुरै में हाल ही में विशाल सम्मेलन किया, जिसमेंएक लाख से अधिक कार्यकर्ता शामिल हुए। इस सफलता के लिये उन्होंने राज्य इकाई को बधाईदी।
उन्होंनेदावा किया कि हाल के चुनावों में भाजपा का प्रदर्शन अच्छा रहा। मुंबई म्यूनिसिपल चुनावोंमें शानदार सफलता मिली। गठबंधन के साथियों शिव सेना और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया(अठावले) के साथ मिलकर हमने मुंबई और महाराष्ट्र के दूसरे शहरों में हुए चुनावों मेंअच्छा प्रदर्शन किया। ये सफलता उस बड़ी सफलता की शुरुआत भर है जो भाजपा और हमारे गठबंधनको मिलने वाली है। इसी तरह उन्होंने भाजपा की दिल्ली प्रदेश इकाई को भी बधाई दी जिसेहाल ही में हुए नगर निगम चुनावों में जबरदस्त जीत मिली है। ये जीत भी, सन् 2013 में होने वाले विधान सभा चुनावों में पार्टी कीइससे भी बड़ी जीत की शुरुआत है। गोवा में, भाजपा नेहाल के विधान सभा चुनावों में कांग्रेस को सत्ता से हटाने में कामयाबी हासिल की है।मुख्यमंत्री मनोहर परिकर, श्रीपादनाईक और लक्ष्मीकांत पार्सेकर तथा गोवा के तमाम कार्यकर्ताओं को उन्होंने बधाई दी।इस बार भाजपा गोवा में एक बड़े वर्ग का समर्थन पाने में सफल हुई है, जबकि कांग्रेस ने अपने हित के लिए ये दुष्प्रचार किया किभाजपा अल्पसंख्यक विरोधी है। यह विशेष उल्लेखनीय है कि भाजपा के 9 विधायक अल्पसंख्यकसमाज के प्रतिनिधि हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाला गठबंधन जाति, नस्ल, भाषा या लिंग के बिना किसी भेदभाव के सभी भारतीयों को आर्थिकऔर सामाजिक न्याय सुनिश्चित कराने के लिए प्रतिबद्ध है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय केएकात्म मानववाद‘ से हमने यही पाठ सीखा है। उन्होंने पंजाब में भाजपा-शिरोमणि अकाली दल का भी गर्मजोशी से अभिनंदन किया जिसने राज्यमें नए सिरे से जनादेश हासिल करने की उल्लेखनीय उपलब्धि अर्जित की है। उन्होंने कहाकि भाजपा उत्तराखंड में मात्र एक सीट से सरकार बनाने से चूकी। इन परिणामों का हमेंअध्ययन करना होगा। उत्तर प्रदेश में परिणाम हमारी अपेक्षाओं से कम रहे। राज्य की जनताबदलाव चाहती थी, लेकिन हम अपने आप को एक भरोसेमंदऔर मजबूत विकल्प के रूप में प्रस्तुत नहीं कर सके। उत्तर प्रदेश में हमारा प्रदर्शनअपेक्षा अनुरूप नहीं रहा, लेकिन अभीभी प्रदेश में हमारा व्यापक जनाधार है। प्रदेश में पार्टी को हर स्तर पर युवाओं कोभी आगे लाना होगा, इस दिशा में हमारे प्रयासशुरू हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे सामने गुजरात और हिमाचल प्रदेश में आने वाले चुनावों का सफलतापूर्वक सामनाकरने की चुनौती है। हमारी अन्य सरकारों की भांति गुजरात और हिमाचल प्रदेश सरकारों नेसुशासन के नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर व्यापक सराहना पाई हैं। गुजरात ने खास तौर पर, अपने तीव्र और चौतरफा विकास से पूरे देश और दुनिया की नजरोंमें अपना स्थान बनाया है। भरोसा है कि भाजपा की इकाइयां दोनों ही राज्यों में एक बारफिर लोगों का समर्थन और जनादेश हासिल करने में सफल रहेंगी। उन्होंने कहा कि भाजपा यहप्रयास कर रही है कि गैर-कांग्रेसी दलों में एक व्यापक आम सहमति बने ताकि एक ऐसे योग्यउम्मीदवार को खड़ा किया जाए जो संविधान की रक्षा करने के साथ-साथ, गणतंत्र के सर्वोच्च पद को और गरिमामय बना सके। कांग्रेसपार्टी राष्ट्रपति भवन में आसीन होने वाले उम्मीदवार का चयन मुख्य रूप से इस कसौटीपर कर रही है कि वह एक परिवार विशेष के प्रति स्वामी भक्ति रखता हो, न कि संविधान के प्रति। जिस तरह कांग्रेस ने भारतीय लोकतंत्रके दूसरे संस्थानों की गरिमा को कम किया है, उसीतरह वह राष्ट्रपति पद की गरिमा कम करना चाहती है। इस बार इसे किसी हाल में सफल होनेनहीं देना चाहिए।
कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यक्रम का उन्होंने जिक्र किया जिसकी शुरुआत जून, 2012 से हो रही है। पहले ‘प्रगत वर्ग’ में अनुसूचित जाति मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी शामिलहोगी, जिसका आयोजन 15 से 18 जून के बीचमध्यप्रदेश में होगा। इसके बाद अंडमान और अन्य राज्यों में आयोजन होंगे। उन्होंने कहाकि भाजपा के सुशासन प्रकोष्ठ के कार्य भी सराहनीय हैं। उन्होंने ‘सुशासन प्रकोष्ठ’ से कहा है कि वह जल्द ही ‘ई-गवर्नेंस के जरिए सुशासन’ विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करे। ‘ओवरसीज फ्रेंड्सऑफ बीजेपी’ भी अच्छा काम कर रहा है। पिछले वर्षनवंबर में ‘ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी’ अमेरिकाने वहां के कार्यकर्ताओं के लिए दो प्रशिक्षण सत्र चलाए। उन्होंने अमेरिका में भारतीयदूतावास और वाणिज्य दूतावासों में काउंसिल सेवाओं पर एक सर्वे भी किया है। विदेशोंमें राजनीतिक दलों से पार्टी स्तर पर संबंध बनाने के लिए, अमेरिकाकी रिपब्लिकन पार्टी के छह सदस्यों के एक प्रतिनिधिमंडल की इसी वर्ष जनवरी में मेजबानीकी। ये प्रतिनिधिमंडल पहले मुंबई पहुंचा, जहां रामभाऊम्हालगी प्रबोधिनी के एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम में हिस्सा लिया। बाद में, वे अहमदाबाद गए, जहांउन्होंने गुजरात में भाजपा सरकार के बेहतर शासन के लिए उठाए गए कुछ कदमों को करीब सेदेखा। दौरा खत्म होने से पहले, उनका दलदिल्ली में पार्टी मुख्यालय आया, जहां उनकीबातचीत पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं से हुई।
उन्होंनेकहा कि जनवरी में एक ‘आईपी टीवी’ या ‘इंटरनेटटीवी चैनल’ की शुरुआत की गई है, जिसे ‘युवा टीवी’ नामदिया गया है। इसके जरिए देश के युवाओं तक अपनी पहुंच बनाने की कोशिश है, युवाओं का हिस्सा आबादी में करीब 35 प्रतिशत है और हमें उनतक पहुंचने की हर मुमकिन कोशिश करनी होगी। उन्होंने युवा मोर्चा के सदस्यों से अपीलकी कि वे इस चैनल की कार्यवाइयों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और इसके जरिए नए मतदाताओंकी उम्मीदों पर खरा उतरें। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिक प्रकोष्ठ और रक्षा प्रकोष्ठने भी उत्तराखंड चुनावों में मतदाओं से संपर्क बनाने में सराहनीय कार्य किया।  हम केवल अगले चुनाव पर लक्ष्य केंद्रित करने वालीपार्टी नहीं हैं, हमारी सोच, लक्ष्य और प्रतिबद्धताएं दूरगामी हैं और वह पंडित दीनदयालउपाध्याय के ‘एकात्म मानववाद’ के दर्शनसे निर्देशित और प्रेरित है, जो भारतके भूत, वर्तमान और भविष्य को एक सभ्यतागतनजरिए से देखता है।
‘विज़न2025’ दस्तावेज़ को तैयार करने के लिए एक टीम का गठन किया गया है, ये टीमअपना काम दीनदयाल जयंती-25 सितंबर से पहले पूरा कर लेगी। दीनदयाल भवन भाजपा का नयामुख्यालय होगा। भारत सरकार सभी बड़े राजनीतिक दलों के राष्ट्रीय मुख्यालयों के लिए ज़मीनका आवंटन कर रही है, इसी के तहत राष्ट्रीय राजधानी के दीनदयाल उपाध्याय मार्गपर दो एकड़ का प्लाट मंजूर किया गया है, इस प्लाट पर एक भव्य कार्यालय बनाने की तैयारी हैं, जिसमेंपार्टी का कार्यालय, प्रशिक्षण और अनुसंधान एवं विकास की तीन इकाईयां होंगी।एक स्थायी प्रदर्शनी इस भवन की विशिष्टता होगी जिसमें भाजपा की विचारधारा और अब तककी यात्रा दर्शायी जाएगी। इस प्रदर्शनी में भारत की संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने केलिए हुए आंदोलनों और संघर्षों को भी दिखाया जाएगा। कार्यकर्ताओं का कार्यकर्ताओं केद्वारा और कार्यकर्ताओं के लिए एक निर्माण अभियान की डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदानदिवस पर शुरुआत होगी।

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