सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी की नवनियुक्त अधिकारियों को बधाई
सैन्य अकादमी देहरादून में 157वीं ऐतिहासिक पासिंग आउट परेडस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Sunday 14 December 2025 02:48:06 PM
देहरादून। भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून अपने ऐतिहासिक ड्रिल स्क्वायर में 157वीं पासिंग आउट परेड के अवसर पर गौरव, परंपरा और सैन्य वैभव से ओतप्रोत दिखाई दी। पासआउट अधिकारी कैडेटों को भारतीय सेना में विधिवत कमीशन प्रदान किया गया। यह अवसर अकादमी के चिरस्थायी आदर्श वाक्य 'वीरता एवं बुद्धिमत्ता' की जीवंत अभिव्यक्ति था, जो कैडेटों के कठोर प्रशिक्षण, अनुशासन, समर्पण और अदम्य साहस का सशक्त प्रमाण प्रस्तुत करता है। सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने परेड का अवलोकन किया और नवनियुक्त अधिकारियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहाकि सैन्य पेशा मात्र आजीविका नहीं, बल्कि एक पवित्र आह्वान है, जो अटूट समर्पण, नि:स्वार्थ सेवा और आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र केलिए सर्वोच्च बलिदान की अपेक्षा करता है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून की गौरवशाली विरासत की प्रशंसा करते हुए कहाकि इसने सदैव दूरदर्शी नेतृत्व और साहसी अधिकारियों को गढ़ा है, जिन्होंने बारबार शौर्य, कर्तव्य एवं सम्मान की सर्वोच्च परंपराओं को अक्षुण्ण रखा है। सेना प्रमुख ने आधुनिक सुरक्षा परिवेश की गतिशील, जटिल व बहुआयामी प्रकृति का उल्लेख किया, जो तीव्रगति से सैन्य, तकनीकी तथा सामाजिक क्षेत्रोंमें विस्तार कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहाकि समकालीन संघर्षों में कूटनीति और निर्णायक सैन्य कार्रवाई केबीच निर्बाध एवं प्रभावी समन्वय अत्यंत आवश्यक है। सेना प्रमुख ने कहाकि भारतीय सेना आधुनिकीकरण व नवाचार के मार्ग पर निरंतर अग्रसर है और नवनियुक्त अधिकारी इस परिवर्तनशील यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहाकि भविष्य की चुनौतियां हमेशा स्पष्ट समाधान प्रस्तुत नहीं करेंगी, बल्कि वे अधिकारियों की अनुकूलन क्षमता, विवेकशील निर्णय क्षमता और नैतिक ईमानदारी की सच्ची परीक्षा लेंगी।
सेना प्रमुख ने नवनियुक्त अधिकारियों से उदाहरण प्रस्तुत करते हुए नेतृत्व करने, उच्चतम नैतिक आचरण बनाए रखने और अपने अधीनस्थ जवानों केलिए मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत बनने का आग्रह किया। उन्होंने उनसे नैतिक साहस, रचनात्मक सोच और संकट के समय में संयम व संतुलन का प्रदर्शन करने का आह्वान किया। सेना प्रमुख ने 14 मित्र देशों के 34 विदेशी अधिकारी कैडेटों को भी उनके उज्जवल भविष्य केलिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहाकि भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून से ये मित्रवत संबंध देशों केबीच रक्षा सहयोग और आपसी विश्वास को सुदृढ़ करने वाले स्थायी बंधनों का प्रतीक हैं। जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने प्रशिक्षकों एवं अकादमी कर्मियों की भूमिका भी रेखांकित की। सेना प्रमुख ने गर्वित माता-पिता के त्याग, विश्वास और समर्थन केप्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कृतज्ञ राष्ट्र की ओर से उन्हें धन्यवाद दियाकि उन्होंने अपने पुत्र-पुत्रियों को देश की रक्षा के पवित्र दायित्व केलिए समर्पित कर दिया है।
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चाणक्य के शाश्वत ज्ञान का स्मरण कराते हुए उत्तीर्ण अधिकारी कैडेटों को यह संदेश दियाकि भौतिक संपदा और स्वयं जीवन क्षणभंगुर हैं, किंतु धर्म अर्थात कर्तव्य, नैतिकता तथा सत्यनिष्ठा शाश्वत हैं। उन्होंने प्रत्येक अधिकारी से राष्ट्रसेवा में सम्मान, निष्ठा और साहस की उच्चतम परंपराओं को अक्षुण्ण रखने का आह्वान किया। उन्होंने अधिकारियों से सदैव सजग, तैयार व समय से आगे रहने का आग्रह किया। उन्होंने उनको भारत की संप्रभुता और भविष्य की सुरक्षा के सच्चे संरक्षक के रूपमें गर्व, आत्मविश्वास एवं अटूट संकल्प केसाथ सेवा करने केलिए प्रेरित किया। सेनाध्यक्ष ने कहाकि उनकी देशसेवा में नियुक्ति भारत के रक्षा नेतृत्व को मजबूत करने और मित्र देशों केसाथ स्थायी सैन्य साझेदारी की निरंतरता दोनों का प्रतीक है। इस अवसर पर 157वें नियमित पाठ्यक्रम, 46वें तकनीकी प्रवेश योजना पाठ्यक्रम, 140वें तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम, 55वें विशेष कमीशंड अधिकारी पाठ्यक्रम और प्रादेशिक सेना ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा 2023 पाठ्यक्रम से 525 अधिकारी कैडेटों केसाथ 14 मित्र देशों के 34 अधिकारी कैडेटों को कमीशन दिया गया।
पासिंग आउट परेड का समापन पारंपरिक ‘अंतिम पग’ के भावपूर्ण क्षण केसाथ हुआ, जब पासआउट अधिकारी राष्ट्र की संप्रभुता, सम्मान एवं आदर्शों की रक्षा का संकल्प लेकर आत्मविश्वास केसाथ अपने दायित्व पथ पर अग्रसर हुए। पुरस्कृत अधिकारियों में-स्वॉर्ड ऑफ ऑनर अकादमी कैडेट एडजुटेंट निशकल द्विवेदी, स्वर्ण पदक योग्यता क्रम में प्रथम अकादमी कैडेट एडजुटेंट निशकल द्विवेदी, रजत पदक योग्यता क्रम में द्वितीय स्थान बटालियन अंडर ऑफिसर बादल यादव, कांस्य पदक योग्यता क्रम में तीसरा स्थान वरिष्ठ अवर अधिकारी कमलजीत सिंह, रजत पदक योग्यता क्रम में प्रथम तकनीकी स्नातक पाठ्यक्रम अधिकारी कैडेट जाधव सुजीत संपत, रजत पदक योग्यता क्रम में प्रथम तकनीकी प्रवेश योजना 46 विंग कैडेट कैप्टन अभिनव मेहरोत्रा, रजत पदक विशेष कमीशन अधिकारी कैडेट सुनील कुमार छेत्री, पदक योग्यता क्रम में प्रथम विदेशी कैडेट बांग्लादेश के जूनियर अंडर ऑफिसर मोहम्मद सफिन अशरफ को दिया गया है। चीफ ऑफ द आर्मी स्टाफ बैनर इम्फाल कंपनी को शरदकालीन सत्र 2025 केलिए 12 कंपनियों मेंसे समग्र रूपसे प्रथम स्थान प्राप्त हुआ। भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून ऐसे अधिकारियों को तैयार करने केलिए प्रतिबद्ध है, जो साहस, व्यावसायिकता और राष्ट्र केलिए अटूट समर्पण केसाथ नेतृत्व करें।