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Thursday 24 July 2025 12:32:08 PM
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ऊर्जामंत्री एके शर्मा ने बिजली विभाग की समीक्षा बैठक में टॉप टू बॉटम अधिकारियों को अपने तीखे तेवर दिखाए। ऊर्जामंत्री ने समीक्षा बैठक में वो तक कह दिया जो किसी मंत्री ने आजतक नहीं कहा होगा। विद्युत बोर्ड के चेयरमैन से लेकर राज्य के बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता ऊर्जामंत्री के ज्वलंत प्रश्नों से निरुत्तर रहे, उनकी बिजली विभाग की कार्यप्रणाली से निराशा का कोई पारावार नहीं था। ऊर्जामंत्री ने बैठक में पहले विद्युत बोर्ड के चेयरमैन और अधिकारियों को सुना और फिर उनके दावों से निराश और नाखुश होकर उनकी तगड़ी वॉट लगाई। बताया जाता हैकि इस बैठक में ऊर्जामंत्री के तेवरों के सामने चेयरमैन से लेकर अधिकारी तक बगले झांक रहे थे। बैठक में यूपीपीसीएल के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक, डीजी विजिलेंस, निदेशक यूपीनेडा, ऊर्जा विभाग के उच्च अधिकारियों, वर्चुअल माध्यम से जुड़े डिस्काम के प्रबंध निदेशक, विजिलेंस टीम, मुख्य अभियंता, अधीक्षण और अधिशासी अभियंता मौजूद थे, जिनके साथ विद्युत आपूर्ति सहित कई विषयों पर व्यापक चर्चा और समीक्षा हुई।
ऊर्जामंत्री एके शर्मा ने विद्युत आपूर्ति में जानबूझकर लापरवाही करनेवाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर सख़्त कार्रवाई करने को कहा है। सुना जा रहा हैकि ऊर्जामंत्री ने बैठक में कुछ इस तरह अधिकारियों को अपने तीखे तेवर दिखाए-‘आप लोग अपनी बकवास बंद करिए, मैं यहां आपकी बकवास सुनने को नहीं बैठा हूं, नीचे ज़मीनी हकीकत एक दम अलग है, जनता को फेस करिए तब मालूम पड़ेगा, मैं कई जिलों का दौरा करके कल ही लौटा हूं, आप लोग अंधे, बहरे, काने होकर बैठे हो, जनता पर क्या बीत रही है और लोग विभाग के बारेमें क्या सोच रहे हैं यह आपको मालूम ही नहीं, पुलिस से भी ख़राब काम है आप लोगों का, जो झूठी रिपोर्ट नीचे से आती है, वही आप लोग ऊपर तक बताते हो, बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं हैकि ख़ाली बिल के पैसे वसूलने केलिए काम करे, यह एक जनसेवा है और हमें उस हिसाब से बर्ताव करना पड़ेगा।’ पूरा फीडर या गांव की लाइन काटने पर अधिकारियों को फटकारते हुए ऊर्जा मंत्री बोलेकि ‘उन उपभोक्ताओं की क्या ग़लती है, जो समय से बिल भर रहे हैं, उनका जला हुआ ट्रांसफार्मर नहीं बदलना या उच्चीकरण नहीं करना कौन सा न्याय है?’
ऊर्जामंत्री एके शर्मा ने अपनी घोर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा-‘लगता है बिजली विभाग ने हमें बदनाम करने के लिए सुपारी ले ली है, कंप्यूटर के ज़माने में एक सामान्य आदमी का 72 करोड़ रुपए का बिल आता है और फिर उसे ठीक करने केलिए पैसा लेते हो तुम लोग? ग़लत जगह विजिलेंस के छापे डाले जा रहे हैं, जहां बड़ी चोरी हो रही है, वहां नहीं जाते? पैसा वसूली हो रही है एफआईआर करने के नाम पर? आज की ये सब बातें लिखी जाएं, मौखिक बोल-बोल कर मैं थक गया, आप लोग मीटिंग में हमारी बात सुनने केबाद कहीं और से संचालित होकर उल्टा ही करते हो, अब ये सब नहीं चलेगा, मैं जनता के प्रति जवाबदेह हूं, विधानसभा में जवाब देता हूं, आपको किसने अधिकार दिया मनमानी करने का? आप लोगों के ग़लत और असामयिक निर्णयों का ख़ामियाज़ा पूरा प्रदेश भुगत रहा है, मेरे बार-बार कहने के बावजूद आप लोग सतर्क नहीं हो रहे हो, जैसे संविदाकर्मियों को निकालने का विषय, फ़ोन उठाने का विषय, विद्युत दुर्घटनाओं का विषय।
ऊर्जामंत्री एके शर्मा गुस्सा प्रकट करते हुए मीटिंग से निकल गए। कुछ अधिकारियों ने उनके पीछे चलकर उनको रोकने मनाने की कोशिश भी की, लेकिन ऊर्जामंत्री ने उनकी एक नहीं सुनी। गौरतलब हैकि ऊर्जा मंत्री एके शर्मा शुरू से ही अधिकारियों से कहते रहे हैंकि वे जनता के बीच में रहकर उनकी समस्याएं सुनें और उनका त्वरित समाधान करें, लेकिन ऊर्जा मंत्री को फील्ड से यह फीडबैक लगातार मिलता आ रहा हैकि अधिकारी लोग और उनके अधीन कर्मचारी बिजली उपभोक्ताओं का उत्पीड़न कर रहे हैं, गांव की बिजली काट देते हैं और कनेक्शन जोड़ने के नाम पर गुंडा टैक्स की तरह वसूली करते हैं। पूरे प्रदेश में शिकायतें बढ़ने केबाद ऊर्जा मंत्री ने फील्ड के दौरे किए। ऊर्जा मंत्री को बिजली उपभोक्ताओं के जबरदस्त आक्रोश और मीडिया के असहज सवालों का सामना करना पड़ा। इसके बाद ऊर्जा मंत्री ने बिजली विभाग की यह बैठक ली और अधिकारियों को अपने तेवर दिखा दिए और उनसे जवाब मांगा कि वे लिखकर देंकि उन्होंने अपने समय में कहां-कहां और क्या-क्या विद्युत उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान किया है। लग रहा हैकि उत्तर प्रदेश के बिजली विभाग में इस अत्यंत खराब कार्यप्रणाली और भ्रष्टाचार पर कुछ बड़ी कार्रवाई होने जा रही है।