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भविष्य के संघर्ष अप्रत्याशित होंगे, तैयार रहें!

रक्षामंत्री ने की नौसेना की सैन्य अभियानगत क्षमताओं की समीक्षा

गोवा में आईएनएस विक्रांत पर हुआ नौसेना कमांडरों का सम्मेलन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 7 March 2023 01:33:59 PM

defense minister addressed the indian navy commanders' conference

पणजी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भारत के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर आयोजित नौसेना कमांडरों के सम्मेलन केदौरान भारतीय नौसेना की सैन्य अभियानगत क्षमताओं की समीक्षा करते हुए कहा हैकि भविष्य के संघर्ष अप्रत्याशित होंगे, लगातार बदलती विश्व व्यवस्था ने सभी को फिरसे रणनीति बनाने केलिए मजबूर कर दिया है, उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं केसाथ पूरे समुद्र तटपर लगातार निगरानी रखनी चाहिए, हमें भविष्य की सभी चुनौतियों से निपटने केलिए तैयार रहने की जरूरत है। रक्षामंत्री ने नौसेना कमांडरों से बातचीत की और समुद्र में सैन्य प्रदर्शनों को देखा, जिनके अंतर्गत देश के समुद्री हितों की रक्षा केलिए बहुआयामी मिशन शुरू करने की नौसेना की क्षमता पर प्रकाश डाला गया। रक्षामंत्री ने नौसेना की दृढ़ता से खड़े होने तथा साहस और समर्पण से राष्ट्रीय हितों की रक्षा केलिए सराहना की। उन्होंने समुद्री क्षेत्र में उभरती सुरक्षा चुनौतियों को प्रभावी ढंग से दूर करने केलिए भविष्य की क्षमता के विकास पर ध्यान केंद्रित करने केलिए उन्हें प्रोत्साहित किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षित सीमाओं को सामाजिक और आर्थिक प्रगति सुनिश्चित करने केलिए पहली आवश्यकता बताते हुए कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इस उद्देश्य को प्राप्त करने केलिए नए जोश और उत्साह केसाथ अमृतकाल में बढ़ रहा है। उन्होंने कहाकि रक्षाक्षेत्र एक प्रमुख मांग निर्माता के रूपमें उभरा है, जो अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रहा है और देश के विकास को भी सुनिश्चित कर रहा है। रक्षामंत्री ने कहाकि अगले 5-10 वर्ष में रक्षा क्षेत्र के ज़रिए $ 100 बिलियन से अधिक के ऑर्डर दिए जाने की उम्मीद है और यह देश के आर्थिक विकास में एक प्रमुख भागीदार बन जाएगा। उन्होंने कहाकि आज हमारा रक्षाक्षेत्र रनवे पर है, जल्दही जब यह उड़ान भरेगा तो यह देश की अर्थव्यवस्था को बदल देगा। उन्होंने कहाकि अगर हम अमृतकाल के अंततक भारत को दुनिया की शीर्ष आर्थिक शक्तियों में देखना चाहते हैं तो हमें रक्षा महाशक्ति बनने की दिशामें साहसिक कदम उठाने की जरूरत है।
राजनाथ सिंह ने हिंद महासागर क्षेत्र में नौसेना की विश्वसनीय और उत्तरदायी मौजूदगी काभी विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहाकि नौसेना की मिशन आधारित तैनाती ने क्षेत्रमें मित्रवत विदेशी देशों के पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूपमें भारत की स्थिति को मजबूत किया है। रक्षामंत्री ने भारत जैसे विशाल देश को पूरी तरह से आत्मनिर्भर होने और अपनी सुरक्षा केलिए दूसरों पर निर्भर नहीं रहने की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने रक्षा में आत्मनिर्भरता हासिल करने केलिए सरकार के उठाए गए कदम गिनाए, जिसमें चार सकारात्मक स्वदेशीकरण सूचियों की अधिसूचना, एफडीआई सीमा में वृद्धि और एमएसएमई सहित भारतीय विक्रेताओं के लिए अनुकूल वातावरण बनाना शामिल है। उन्होंने 2023-24 में घरेलू उद्योग केलिए रक्षा पूंजी खरीद बजट का रिकॉर्ड 75 प्रतिशत निर्धारित करने की हालिया घोषणा को रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने केलिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता का प्रमाण करार दिया।
राजनाथ सिंह ने आत्मनिर्भर भारत दृष्टि के अनुरूप जहाजों और पनडुब्बियों को शामिल करने और विशिष्ट प्रौद्योगिकियों के विकास के जरिए स्वदेशीकरण और नवाचार में सबसे आगे रहने केलिए नौसेना की प्रशंसा की। आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग पर उन्होंने कहाकि इसने इस विश्वास को और मजबूत किया हैकि भारत की नौसेना डिजाइनिंग और विकास एक आशाजनक चरण में है और आनेवाले समय में और अधिक प्रगति की जाएगी। सैन्य प्रदर्शनों में जटिल विमान वाहक और बेड़े के ऑपेरशन, जहाजों और विमानों से हथियारों की फायरिंग और समुद्र में अंडरवे रीप्लेनिशमेंट शामिल था। रक्षामंत्री ने स्पॉटर ड्रोन, रिमोट नियंत्रित लाइफबॉय और अग्निशमन बॉट सहित स्वदेशी उत्पादों का भी प्रदर्शन देखा। बिग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, लेजर टेक्नोलॉजी और क्रिप्टोग्राफी के क्षेत्रमें स्वदेशी स्रोतों के जरिए पोल वॉल्टिंग की दिशा में भारतीय नौसेना के प्रयासों का भी प्रदर्शन किया गया।

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