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रेल टिकट दलालों पर 'ऑपरेशन उपलब्‍ध'

रेलवे ने लाखों के टिकट और फर्जी साफ्टवेयर जब्त किए

रेलवे टिकट दलाल और साफ्टवेयर के एडमिन गिरफ्तार

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 30 August 2022 01:11:30 PM

rail ticket

नई दिल्ली। भारतीय रेल के पश्चिम रेलवे ने रेल टिकटों के दलालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। रेलवे की आरपीएफ टीम ने 6 दलालों की गिरफ्तारी करके उनके पास से 43 लाख रुपये मूल्‍य के रेलवे टिकट जब्‍त किए हैं। गौरतलब हैकि करीब 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले इस देशकी मांग को पूरा करने केलिए भारतीय रेलवे के यात्री परिवहन में सीटों और बर्थ की बहुत अधिक मांग रहती है और भारतीय रेलवे की क्षमता वृद्धि के बावजूद मांग आपूर्ति के अंतर में पिछले कुछ वर्ष में वृद्धि हुई है। सीटों और बर्थ की मांग और आपूर्ति के अंतर के कारण दलालों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है, जो आरक्षित सीटों का अलग-अलग तरीकों से उपयोग करते हैं और उन्‍हें जरूरतमंदों को अधिक मूल्‍य पर ब्लैक करते हैं। इससे ऑनलाइन कंफर्म रेलवे आरक्षण में अवैध सॉफ्टवेयर के उपयोग करने से आम आदमी केलिए कंफर्म टिकटों की उपलब्धता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है।
रेलवे टिकटों की खरीद और आपूर्ति के व्यापार को अनधिकृत रूपसे चलाने में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कोडनेम 'ऑपरेशन उपलब्‍ध' के तहत मिशन मोड में गहन और निरंतर कार्रवाई कर रहा है। ह्यूमन इंटेलिजेंस के डिजिटल इनपुट के आधार पर दीगई जानकारी के आधार पर आरपीएफ की टीम ने 8 मई 2022 को राजकोट के मन्नान वाघेला (ट्रैवल एजेंट) को पकड़ने में सफलता हासिल की, जो बड़ी मात्रा में रेलवे टिकटों को हथियाने केलिए अवैध सॉफ्टवेयर यानी कोविड-19 का उपयोग कर रहा था। इसके अलावा अवैध सॉफ़्टवेयर कोविड-एक्‍स, एएनएमएसबीएसीके, ब्‍लैक टाइगर आदि के सुपर विक्रेता कन्हैया गिरी को मन्नान वाघेला की जानकारी के आधार पर 17 जुलाई 2022 को मुंबई से गिरफ्तार किया जा चुका है। पूछताछ के दौरान कन्हैया गिरी ने अपने अन्य सहयोगियों और वापी के एडमिन अभिषेक शर्मा के नामों का खुलासा किया था, जिन्हें 20 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पश्चिम रेलवे के प्रवक्ता ने बतायाकि अभिषेक शर्मा ने स्वयं के इन सभी अवैध सॉफ्टवेयर्स के एडमिन होनेकी बात कबूल की है। गिरफ्तार आरोपियों द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के आधार पर 3 और आरोपी व्यक्तियों-अमन कुमार शर्मा, वीरेंद्र गुप्ता और अभिषेक तिवारी को क्रमशः मुंबई, वलसाड (गुजरात) और सुल्तानपुर (यूपी) से गिरफ्तार किया गया। आरपीएफ इस मामले में शामिल कुछ और संदिग्धों की तलाश कर रही है। ये आरोपी व्यक्ति आईआरसीटीसी के फर्जी वर्चुअल नंबर और फर्जी यूजर आईडी प्रदान करने केसाथ-साथ सोशल मीडिया यानी टेलीग्राम, व्हाट्सएप आदि का उपयोग करके इन अवैध सॉफ्टवेयरों के विकास और बिक्रीमें शामिल थे। उनके पास नकली आईपी पते बनाने वाले सॉफ्टवेयर थे, जिनका इस्तेमाल ग्राहकों पर प्रति आईपी पते की सीमित संख्या में टिकट प्राप्त करने केलिए लगाए गए प्रतिबंध को दूर करने केलिए किया जाता था। उन्होंने डिस्पोजेबल मोबाइल नंबर और डिस्पोजेबल ईमेल भी बेचे हैं, जिनका उपयोग आईआरसीटीसी की फर्जी यूजर आईडी बनाने के लिए ओटीपी सत्यापन के लिए किया जाता है।
पश्चिम रेलवे ने आरोपित सभी दलालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने से 43,42,750 मूल्‍य के 1688 टिकटों को जब्त किया है, जिनपर यात्रा शुरू नहीं की जा सकी थी। विगत में इन आरोपियों ने 28.14 करोड़ रूपये मूल्‍य के टिकट खरीदे और बेचे थे, जिसमें उन्हें भारी कमीशन मिला था। रेलवे के प्रवक्ता का कहना हैकि यह काले धन की उत्पत्ति की सीमा को दर्शाता है, जो अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों को वित्तपोषित करते हैं। आरोपियों की जानकारी पर एक टीम जांच कर रही है, ताकि रेलवे के साफ्टवेयर की खामियों को दूर किया जा सके और इस तरह की गलत प्रथा को रोकने के उपाय किए जा सकें। प्रवक्ता ने बतायाकि रेलवे टिकटों के अवैध धंधे में लिप्त दलालों के विरुद्ध सख्‍त कार्रवाई केलिए इस तरह का ऑपरेशन भविष्य में भी जारी रहेगा। 

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