'वन्यजीव संरक्षण में भारत-बोत्सवाना सहयोग का एक नया अध्याय'
राष्ट्रपति की अफ्रीकी देश अंगोला और बोत्सवाना की यात्रा सफलस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Friday 14 November 2025 02:14:25 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की दो महत्वपूर्ण अफ्रीकी देशों अंगोला और बोत्सवाना की यात्रा सफल हुई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दूसरे चरण की अपनी बोत्सवाना यात्रा पर बोत्सवाना के राष्ट्रपति एडवोकेट ड्यूमा गिदोन बोको केसाथ मोकोलोडी नेचर रिजर्व का दौरा किया। दोनों नेताओं ने भारत और बोत्सवाना के विशेषज्ञों की ओर से घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को क्वारंटाइन केंद्र में छोड़े जाने के दृश्य को बड़े ही करीब से देखा। यह कार्यक्रम 'प्रोजेक्ट चीता' केतहत बोत्सवाना की ओरसे भारत को आठ चीतों के प्रतीकात्मक उपहार का प्रतीक है और यह आयोजन वन्यजीव संरक्षण में भारत-बोत्सवाना सहयोग में एक नए अध्याय की शुरुआत का भी प्रतीक है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु की इससे पहले अलग-अलग बैठकों में बोत्सवाना के उपराष्ट्रपति नदाबा नकोसिनथी गौलाथे और अंतर्राष्ट्रीय संबंध मंत्री डॉ फेन्यो बुटाले से मुलाकात हुई। स्वदेश वापसी से पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गाबोरोन में भारत के उच्चायुक्त के आयोजित स्वागत समारोह में बोत्सवाना में रहने वाले भारतीय समुदाय को संबोधित किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत और बोत्सवाना केबीच संबंध विश्वास, सम्मान और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। उन्होंने इस मौके पर बतायाकि बोत्सवाना के राष्ट्रपति केसाथ चर्चा में उन्होंने यह निर्णय लिया हैकि भारत और बोत्सवाना व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य, डिजिटल प्रौद्योगिकी, कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे क्षेत्रोंमें और अधिक सहयोग करेंगे।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहाकि भारत के लोगों को उनके योगदान पर गर्व है, वे भारत के सच्चे सांस्कृतिक राजदूत हैं, जो कड़ी मेहनत, ईमानदारी और सद्भाव के उन मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो भारत और बोत्सवाना दोनों की पहचान हैं। उन्होंने उनसे भारत केसाथ अपने संबंधों को मज़बूत करते हुए बोत्सवाना की प्रगति में योगदान जारी रखने का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें ओसीआई योजना और प्रवासी भारतीय दिवस जैसी पहलों का लाभ उठाने और भारत के विकास में अपने अनुभव साझा करने केलिए भी प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर भारत सरकार में जल शक्ति और रेल राज्यमंत्री वी सोमन्ना, सांसद प्रभुभाई नगरभाई वसावा और डीके अरुणा भी उपस्थित थे।