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'वैज्ञानिक अनुसंधान समाज केलिए प्रासंगिक हों'

उपराष्ट्रपति का जेएनसीएएसआर में वैज्ञानिकों व छात्रों को संबोधन

बैंगलुरू में जल निकायों के पुनरूद्धार और संरक्षण की अपील की

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 16 August 2021 05:57:22 PM

venkaiah naidu addressing a gathering at the jncasr

बैंगलुरू। उपराष्‍ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने वैज्ञानिकों से जलवायु परिवर्तन से लेकर कृषि, स्‍वास्‍थ्‍य और चिकित्‍सा जैसी चुनौतियों को हल करने केलिए अनूठे समाधान प्रस्‍तुत करने की अपील की है। बैंगलुरु में जवाहरलाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिकों और छात्रों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने वैज्ञानिकों से उत्कृष्टता हासिल करने और लोगों के जीवन में सुधार लाने केलिए नवोन्‍मेषण के लिए कहा। उन्‍होंने दोहराया कि विज्ञान का उद्देश्य लोगों के जीवन को सुखी, स्वस्थ और आरामदायक बनाना है। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में अनुवाद संबंधी शोध का बहुत महत्व है। उन्होंने 300 से अधिक पेटेंट सृजित करने और स्वदेशी आविष्कारों पर आधारित स्टार्टअप को बढ़ावा देने केलिए जेएनसीएएसआर की सराहना की।
उपराष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि जेएनसीएएसआर को व्यापक क्षेत्रों में अनुसंधान करने केलिए जाना जाता है। उन्होंने वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं को सिंथेटिक जीव विज्ञान, कम्प्यूटेशनल जीव विज्ञान, हाई-परफोरमेंस इंजीनियरिंग सामग्रियों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे नए उभरते क्षेत्रों में शोध करने का सुझाव दिया। उपराष्‍ट्रपति ने कृषि को देश की मूल संस्कृति बताते हुए इच्‍छा जताई कि वैज्ञानिकों को अपना ध्यान कृषक समुदाय के सामने आनेवाले मुद्दों पर केंद्रित करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने भारत के विशाल जनसांख्यिकीय लाभांश का उल्लेख किया और कहा कि समय की आवश्‍यकता है कि कम उम्र से ही वैज्ञानिक सोच विकसित की जाए और विश्वस्तरीय वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जेएनसीएएसआर देश में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने और अनुसंधान परिणामों में सुधार करने की दिशा में बहुत योगदान दे सकता है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करेगी कि छात्रों को सभी क्षेत्रों में नई अध्‍यापन और अध्‍ययन की कार्यनीतियों की सुविधा प्राप्‍त हो, यह सही शैक्षिक प्रणाली का निर्माण करेगी और न केवल उनके ज्ञान के आधार को समृद्ध करेगी, बल्कि उनका कौशल भी बढ़ाएगी।
उपराष्ट्रपति ने छात्रों से कहा कि वे अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में कोई कसर न छोड़ें और याद रखें कि कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है, हमेशा अपनी सीमाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करें और कभी भी यथास्थिति से संतुष्ट या उदासीन नहीं होना चाहिए। उन्होंने बैंगलुरू में जल निकायों के पुनरूद्धार और संरक्षण की अपील और चिंता जताई कि इनमें से कई जल निकाय लोगों की उपेक्षा या अवैध अतिक्रमण के कारण नष्‍ट हो रहे हैं। इस तथ्य पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कि जेएनसीएएसआर के 40 प्रतिशत छात्र लड़कियां हैं, उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह अन्य वैज्ञानिक संस्थानों में भी इसी तरह की स्वस्थ प्रवृत्ति देखना चाहेंगे। प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय एनी पुरस्कार-2020 केलिए नामांकित प्रख्यात वैज्ञानिक प्रोफेसर सीएनआर राव को बधाई देते हुए उन्होंने न केवल भारत में बल्कि विश्व में युवा वैज्ञानिकों को प्रेरित करने केलिए उनकी सराहना की। कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, कर्नाटक के उच्चतर शिक्षा, आईटी, विज्ञान प्रौद्योगिकी और कौशल विकास मंत्री सीएन अश्वथ नारायण और जेएनसीएएसआर के अध्यक्ष प्रोफेसर जीयू कुलकर्णी भी इस अवसर पर उपस्थित थे। 

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