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नई दिल्ली। भारत सरकार ने कोल इंडिया लिमिटेड को 11 अप्रैल, 2011 को महारत्न की उपाधि  प्रदान की और इस प्रकार यह देश में महारत्न की उपाधि प्राप्त करने वाला सार्वजनिक क्षेत्र  का 5वां प्रतिष्ठान हो गया है। कोल इंडिया को 4 नवंबर, 2010 को सेंसेक्स की सूची में लिस्ट किया गया  था और उसके बाद के 9 महीनों में 8 अगस्त, 2011 को 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में शामिल कर लिया गया, इस प्रकार  यह विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था के बैरोमीटर समझे जाने वाले सेंसेक्स की सूची में  शामिल हो गया। इतने कम समय में इस सूचकांक में शामिल होने वाली यह पहली कंपनी है, जोकि उल्लेखनीय उपलब्धि  समझी जाती है। 
    कोल इंडिया आज देश की सर्वाधिक मूल्यवान  कंपनी है। मार्केट कैपिटेलाइजेशन  की दृष्टि से कोल इंडिया 17 अगस्त, 2011 को देश की सर्वाधिक मूल्यवान कंपनी के रूप में उभरी है। इस कंपनी का मूल्य  2,51,296 करोड़ रूपये बताया  गया है। भारतीय वाणिज्य  मंडल और सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठान विभाग ने कोल इंडिया लिमिटेड को वर्ष की कंपनी  पुरस्कार से 19 सितंबर, 2011 को सम्मानित किया। कोल इंडिया लिमिटेड ने भारी उद्योग और सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठान मंत्रालय  के सार्वजनिक क्षेत्र प्रतिष्ठान विभाग के एक औपचारिक समारोह में 31 जनवरी, 2012 को समझौता दस्तावेज संबंधी श्रेष्ठ पुरस्कार प्राप्त किया। वर्ष  2009-10 के लिए उसकी असाधारण रेटिंग की गई थी। राष्ट्रीय कोयला मजदूरी समझौते को रिकार्ड समय  में अंतिम रूप दिया गया। 
कोल इंडिया  ने 30 जून, 2011 को  सकल मजदूरी में 25 प्रतिशत की वृद्धि की। इस प्रकार उसने अपने गैर-कार्यकारी 3.63 लाख  श्रमिकों के लिए 31 जनवरी, 2012 को  एक श्रम समझौते को अंतिम रूप दिया। श्रम में यह वृद्धि पहली जुलाई, 2011 से पांच वर्ष की अवधि के लिए प्रभावी होगी। इस श्रम  समझौते के साथ कोल इंडिया देश में श्रम समझौते को दूसरी बार अंतिम रूप देने वाला सार्वजनिक  क्षेत्र का पहला प्रतिष्ठान बन गया है। उसने अगस्त, 2011 में जेबीसीसीआई के गठन के मात्र् 6 महीने के रिकार्ड समय में एनसीडब्ल्यूए  IX संपन्न  किया। कोल इंडिया के इतिहास में पहले कभी भी किसी श्रम समझौते को इतने कम समय में संपन्न  नहीं किया गया।