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प्रगति के लिए शांति पहली शर्त-उपराष्ट्रपति

'राष्ट्रीय सुरक्षा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं'

भारतीय समवेत औषध संस्थान जम्मू में संबोधन

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Tuesday 29 May 2018 01:33:10 PM

venkaiah naidu addressing j&k indian institute of medicine

जम्मू। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि प्रगति के लिए शांति पहली शर्त है और अगर सीमा पर तनाव रहता है तो देश में विकास गतिविधियों पर ध्यान नहीं दिया जा सकता। उपराष्ट्रपति ने यह बात भारतीय समवेत औषध संस्थान जम्मू में वैज्ञानिकों, छात्रों और कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता के मुद्दों से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत सभी के साथ अच्छे संबंध चाहता है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश पाकिस्तान को आतंकवाद को समर्थन, सहायता और उसे उकसाने की अपनी नीति को छोड़ देना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि समृद्धि और आंतरिक शांति की तलाश में विज्ञान और धर्म लोगों के सहायक हैं, अर्थात् वैज्ञानिक प्रगति से ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ बढ़ती है, जबकि धर्म के जरिए हमें अज्ञात ब्रह्मांड के बारे में जानकारी मिलती है।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि मन और आत्मा से संबंधित मुद्दे और निरंतर आंतरिक व्याकुलता एवं आंतरिक शांति की कमी के कुछ उत्तर धर्म से ही मिल पाते हैं। उन्होंने कहा कि अनुसंधान के जरिए प्रश्न और उनके समाधान प्राप्त किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि आस-पास की दुनिया के बारे में गहराई से समझने की जिज्ञासा के बगैर मानव प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और नवाचार से हम विकास करते हैं और इससे हमारी दुनिया में परिवर्तन आता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि संबंधित प्रश्न उठाना और उनके उत्तर जानना हमारे जीवन जीने का तरीका होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों और युवाओं को प्रश्न पूछने एवं उनके उत्तर जानने के लिए बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक अनुसंधान गुणवत्तापरक शैक्षिक प्रणाली का महत्वपूर्ण सूचक है और इसी से देश के विकास की गति सुनिश्चित की जा सकती है।
वेंकैया नायडू ने प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उनका मानना था कि देश के करोड़ों लोगों की सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में सुधार के लिए राष्ट्रीय योजना में विज्ञान और प्रौद्योगिकी का समेकन किया जाना चाहिए। वेंकैया नायडू ने सीएसआईआर के पहले उपाध्यक्ष डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान का भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी फैलोशिप नाम से विशेष फैलोशिप शुरू की है, जिसे वर्ष 2000 में उनकी जन्म शताब्दी मनाने के समय शुरू किया गया था। इस अवसर पर जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष विभाग में राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह, जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।

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