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'जनसंघ से चले और भाजपा तक पहुंचे'

अमित शाह का कश्मीर में भाजपा से जुड़ो अभियान

भारत की सोच केवल भाजपा की सोच-अमित शाह

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 30 April 2017 03:02:24 AM

bjp president amit shah

जम्मू। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा है कि देश के सामने वैकल्पिक विचारधारा प्रस्तुत करने के लिए ही डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में भारतीय जनसंघ की स्थापना हुई थी, जो भारतीय जनता पार्टी के रूप में आज देश की जनता के सामने है। उन्होंने कहा कि विचारधारा के आधार पर देश के विकास के लिए काम करने वाली यदि कोई पार्टी आज है तो वह केवल और केवल भारतीय जनता पार्टी है। अमित शाह जम्मू-कश्मीर के स्टेट गेस्ट हाउस में प्रबुद्ध लोगों से रू-ब-रू हुए और इस प्रकार उन्होंने विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी एक अलग प्रकार की पार्टी है और जब मैं अलग प्रकार की पार्टी कहता हूं तो इसके मूल में भाजपा की स्थापना से लेकर आज तक उसके करोड़ों कार्यकर्ताओं के कृतित्व, परिश्रम, त्याग और बलिदान की पृष्ठभूमि है। उन्होंने कहा कि जब किसी भी पार्टी के बारे में जानना हो, जब किसी भी पार्टी को समझना हो तो उस पार्टी की स्थापना के मूल में जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमने देश को आगे ले जाने के लिए आजादी के बाद केंद्र हो या राज्य, हर जगह प्रेसिडेंशियल सिस्टम नहीं, बल्कि मल्टी पार्टी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेटिक सिस्टम को स्वीकार किया है, बहुदलीय संसदीय लोकतांत्रिक प्रणाली को स्वीकार किया है और इस तरह हमारे लोकतंत्र में पार्टियों की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि अगर हमें बहुदलीय संसदीय लोकतंत्र प्रणाली को सही तरीके से आगे ले जाना है तो किसी एक पार्टी में चार गुण होने बहुत जरूरी हैं-पहला पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र मजबूत होना चाहिए, दूसरा पार्टी विचारधारा के आधार पर चलने वाली पार्टी होनी चाहिए, तीसरा संविधान की स्पिरिट को सच्चे अर्थ में समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना और चौथा नेतृत्व। उन्होंने कहा कि इन चार प्रमुख बिंदुओं के आधार पर पार्टियों का तुलनात्मक अध्ययन और विश्लेषण करके ही लोकतंत्र को ज्यादा ताकतवर और मजबूत बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इन्हीं चारों बिंदुओं के परिप्रेक्ष्य में भारतीय जनता पार्टी के बारे में बात करने मैं यहां आया हूं। अमित शाह ने कहा कि सबसे पहले मैं भाजपा के आंतरिक लोकतंत्र की चर्चा करूंगा। उन्होंने कहा कि देश में 1650 छोटी बड़ी पार्टियों में से सिर्फ और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसके अंदर आतंरिक डेमोक्रेसी बची हुई है, जहां हर तीन साल में बूथ से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक का चुनाव संविधान के अनुसार समयबद्ध तरीके से होता है।
अमित शाह ने कहा कि आप यह नहीं बता सकते हैं कि भारतीय जनता पार्टी का अगला अध्यक्ष कौन होगा, लेकिन कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, ये सब जानते हैं, फारुख़ अब्दुल्ला ने तो स्पष्ट ही कर दिया है कि उनका राजनीतिक वारिस कौन है। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में आतंरिक लोकतंत्र नहीं है, वह देश का कभी भला नहीं कर सकती, देश में परिवर्तन नहीं ला सकती। उन्होंने खुद का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कहा कि बिना किसी पॉलिटिकल बैकग्राउंड के एक बूथ अध्यक्ष जब पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बन सकता है तो पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र का इससे बड़ा उदाहरण कुछ और नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी हों, लालकृष्‍ण आडवाणी हों, उनका कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं था, नरेंद्र भाई मोदी एक ग़रीब परिवार से निकलकर देश के प्रधानमंत्री बने, जनसंघ से लेकर भारतीय जनता पार्टी की यात्रा में हमारे जितने भी नेता हुए हैं, उनके पीछे किसी राजनीतिक परिवार की विरासत नहीं थी, उन्होंने पार्टी के लिए काम किया, पार्टी के सिद्धांतों के लिए अपना सर्वस्व अर्पण किया और समाज में पार्टी को स्वीकृति दिलाने के साथ-साथ देश के विकास के लिए कार्य किया और यही अपेक्षित भी है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जिस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है, वही देश के लोकतंत्र की रक्षा कर सकती है, वही लोकतांत्रिक मूल्यों को तवज्जो दे सकती है और उसे आगे बढ़ा सकती है। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र नहीं है, जो केवल एक परिवार और व्यक्ति के निहित स्वार्थ की पूर्ति के लिए समर्पित हो, उनकी नीतियां देश का भला नहीं कर सकतीं और जिस पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है, वही देश के लिए समर्पित होगी और मुझे भरोसा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिस प्रकार की हमारी कार्यप्रणाली बना कर गए हैं, भाजपा उसी कार्यप्रणाली पर निरंतर चलती रहेगी और देश के विकास के लिए काम करती रहेगी। भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यदि देश के लोकतंत्र और देश की संसदीय व्यवस्था को मजबूत बनाना है तो आइडियोलॉजी का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि विचारधारा का मतलब है कि देश के लिए बनने वाली सभी नीतियों पर पार्टी का स्पष्ट दृष्टिकोण के माध्यम से अपना पक्ष रखना। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हो या वामपंथी दल या फिर क्षेत्रीय पार्टियां, उनके पास देश के लिए कोई विचारधारा ही नहीं है।
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस का गठन तो देश की आजादी प्राप्त करने के लिए किया गया था, वह तो आजादी को प्राप्त करने के लिए एक स्पेशल पर्पस व्हेकिल भर थी, उसकी कोई विचारधारा ही नहीं थी, उसमें सभी विचारधाराओं वाले लोग थे। उन्होंने कहा कि देश जब आजाद हुआ तो महात्मा गांधी ने कांग्रेस को ख़त्म करने की अपील की थी, लेकिन देश का दुर्भाग्य था कि इसे किसी ने नहीं माना और कांग्रेस पार्टी चलती रही, बाद में इससे कई पार्टियां अलग-अलग समय पर बाहर निकलती गईं, क्योंकि कांग्रेस की कोई विचारधारा ही नहीं थी, साथ ही कांग्रेस के परिवारवाद के कारण उनका आगे बढ़ने का रास्ता बंद हो चुका था। उन्होंने कहा कि आज देश में केवल भारतीय जनता पार्टी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसकी स्थापना विचारधारा के आधार पर हुई है और लगातार अपनी विचारधारा पर ही उसने आगे का सफ़र तय किया है। अमित शाह ने कहा कि जब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की थी तो उससे पहले वे पंडित जवाहरलाल नेहरू की सर्वदलीय सरकार में उद्योग मंत्री थे। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में जब देश की विकास नीति, कृषि नीति, विदेश नीति, अर्थ नीति, रक्षा नीति और शिक्षा नीति का निर्माण हो रहा था, तब डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी सहित कई मनीषियों को लगा कि जवाहरलाल नेहरू सरकार देश के लिए जो नीतियां बना रही है, उन नीतियों के रास्ते पर यदि यह देश चलता रहा तो पीछे मुड़ने का भी रास्ता नहीं मिलेगा, तब उन लोगों ने एक ऐसी वैकल्पिक नीति को राष्ट्र के सामने रखने का साहस किया, जिसमें देश की मिट्टी की सुगंध हो, उससे पाश्चात्य विचारों की बू न आती हो।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि संविधान की स्पिरिट को सच्चे अर्थ में समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने विकास के एक ऐसे मॉडल की कल्पना की थी, जिसमें विकास समाज के अंतिम व्यक्ति को स्पर्श कर सके, उसे अन्य लोगों के समान ही अधिकार प्राप्त हों, उनके बच्चों को भी स्वप्न देखने का अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि संविधान के इसी मूलभूत उद्देश्य को पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने बाद में अंत्योदय का नाम दिया। उन्होंने कहा कि इन उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए इस प्रकार की सरकार आनी चाहिए, जिसके विकास का मॉडल सर्व-समावेशक और सर्व-स्पर्शीय हो। उन्होंने कहा कि देश ने चारों प्रकार की सरकार देखी हैं, कांग्रेस की विचारधारा, कम्युनिस्ट की विचारधारा, परिवारवाद और जातिवाद की विचारधारा और भारतीय जनता पार्टी की विचारधारा के आधार पर चलने वाली सरकारें देखी हैं। उन्होंने कहा कि अब देश में तुलनात्मक अध्ययन करने का समय आ गया है, चारों प्रकार के विकास के मॉडल देश की जनता के सामने हैं, उनके विकास के आंकड़े जनता के सामने उपलब्ध हैं, यह देखना चाहिए कि कांग्रेस की सरकारों में क्या विकास हुआ है, कम्युनिस्ट की राज्य सरकारों में कैसा विकास हुआ है, परिवारवाद व जातिवाद के आधार पर चलने वाली क्षेत्रीय पार्टियों की सरकारों के राज्य में कैसा विकास हुआ है और भारतीय जनता पार्टी की सरकारों में कैसा विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि सबसे अच्छा काम यदि किसी सरकार ने किया है तो वह भारतीय जनता पार्टी की केंद्र व राज्य सरकारों ने किया है।
अमित शाह ने कहा कि कोई मुझसे असहमत हो सकता है, लेकिन लोकतंत्र के अंदर अच्छी सरकारों का सबसे बड़ा मापदंड जनादेश होता है। उन्होंने कहा कि भाजपा की जहां-जहां सरकारें बनीं, वहां जनता ने बार-बार भारतीय जनता पार्टी को ही चुना है, जो यही बताता है कि भाजपा ने विकास के मामले में सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशक विकास का मॉडल देश की जनता के सामने रखा है, जिसे जनता ने बारंबार अपना समर्थन दिया है, चाहे वह गुजरात हो या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा या फिर राजस्थान। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा, झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर में भाजपा को मिली अभूतपूर्व विजय भी इसी तथ्य को रेखांकित करती हैं। उन्होंने कहा कि 10 सदस्यों से जनसंघ के रूप में शुरू हुई भारतीय जनता पार्टी 1 करोड़ से अधिक सदस्यों के साथ आज विश्व की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी है, आज पार्टी के 1300 से अधिक विधायक हैं, 300 से अधिक सांसद हैं, 13 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, 4 राज्यों में भाजपा एवं सहयोगी दलों की सरकारें हैं, देश के 60 प्रतिशत भू-भाग और 70 प्रतिशत आबादी पर भारतीय जनता पार्टी का शासन है, यह दर्शाता है कि भारतीय जनता पार्टी के विकास का मॉडल कितना समृद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि आज हमारा एजेंडा यह होना चाहिए कि देश की राजनीति परिवारवाद, जातिवाद या तुष्टीकरण के आधार पर न चले, बल्कि परफॉरमेंस के आधार पर चले। उन्होंने कहा कि मैं विश्वास के साथ कह सकता हूं कि भारतीय जनता पार्टी ने ही देश में पॉलिटिक्स ऑफ़ परफॉरमेंस की शुरुआत की है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि 2012 के समय को याद कीजिए, जब देश में कांग्रेस-नीत यूपीए का शासन था, देश के युवाओं में गुस्सा और आक्रोश था, महिलाएं अपने-आप को असुरक्षित महसूस कर रही थीं, आएदिन हमारी सीमाओं का अतिक्रमण होता रहता था, सेनाओं का अपमान होता था, हमारे प्रधानमंत्री विदेशी दौरों पर देश का पक्ष रखने जब जाते थे तो कहीं चर्चा भी नहीं होती थी, देश की अर्थव्यवस्था की हालत खस्ता थी, सरकार का हर मंत्री उस वक्त अपने आपको देश का प्रधानमंत्री समझता था और प्रधानमंत्री को कोई प्रधानमंत्री मानता ही नहीं था। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में नरेंद्र भाई मोदी के नेतृत्व में 2014 में भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव लड़ा और देश की जनता ने 30 साल बाद किसी एक दल को पूर्ण बहुमत देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के विकास की बागडोर सौंपी। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार किसी एक गैर-कांग्रेसी दल को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ और देश विकास के पथ पर तेज गति से अग्रसर हुआ। उन्होंने कहा कि 2014-2017 के सफ़र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश ने विकास की नई कहानी लिखी है, भारत दुनिया की सबसे तेज़गति से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था बनी है, कांग्रेस की सोनिया-मनमोहन सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था की विकास दर को 4.4% पर लाकर छोड़ा, हम इन तीन साल में विकासदर को 7.6% तक लाने में सफल हुए हैं और यह प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है।
अमित शाह ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए आज हिंदुस्तान ने दुनियाभर में यह संदेश दिया है कि अब हमारी सीमाओं की ओर कोई बुरी नज़र से नहीं देख सकता। उन्होंने कहा कि इससे यह संदेश गया कि हम शांति तो चाहते हैं, लेकिन सीमाओं पर अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि चाहे देश की विदेश नीति की बात हो या रक्षा नीति की या फिर आर्थिक मोर्चे पर लड़ाई की बात हो, नरेंद्र मोदी सरकार ने हर मोर्चे पर सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि इन तीन वर्ष में जीएसटी पारित कराया गया, रेल बजट का आम बजट में विलय किया गया, इक्तीस मार्च से पहले बजट को पारित करने की एक नई परंपरा की शुरुआत हुई, 40 साल से लंबित ‘वन रैंक, वन पेंशन’ को मोदी सरकार ने एक ही साल में क्रियांवित कर भूतपूर्व सैनिकों के खाते में इसका फायदा पहुंचाने का प्रबंध किया और नोटबंदी के जरिए देश की अर्थव्यवस्था को पारदर्शी बनाने की पहल की गई। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी सरकार ने रिफॉर्म्स के बदले ट्रांसफॉर्मेशन को अपनी कार्यपद्धति का हिस्सा बनाया है। अमित शाह ने इस विचार-विमर्श में केंद्र सरकार की सभी लोककल्याणकारी योजनाओं का उल्लेख किया।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि देश के ग़रीब से ग़रीब नागरिकों को भी अच्छी ज़िंदगी जीने का अधिकार है, उनके पास अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं, अच्छी शिक्षा और अपना घर हो, इसके लिए हमने योजनाएं न केवल बनाई हैं, बल्कि उन्हें नीचे तक पहुंचाने का काम किया है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लालकिले की प्राचीर से स्वच्छता अभियान देश के हर नागरिक का अभियान बन गया। उन्होंने कहा कि हमने जनभागीदारी के जरिए सामाजिक समस्याओं का हल ढूंढने की पहल की है। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में विकास के लिए प्रधानमंत्री ने कई योजनाओं का शुभारंभ किया है। उन्होंने कहा कि राज्य में दो एम्स, पांच मेडिकल कॉलेज, 80 हजार करोड़ रुपए का विशेष पैकेज दिया गया, जन-धन योजना के तहत 20 लाख से अधिक लोगों के बैंक खाते खोले गए, मुद्रा योजना के तहत राज्य के हजारों युवाओं को स्वरोज़गार उपलब्ध कराए गए। उन्होंने कहा कि पहले कांग्रेस-नीत यूपीए सरकार में जहां जम्मू-कश्मीर को 19 हजार करोड़ रुपए मिलते थे, अब मोदी सरकार में बढ़कर लगभग 58 हजार करोड़ रुपए हो गए हैं, करों में मिलने वाली हिस्सेदारी भी बढ़ाई गई है, विकास के और बहुत से कार्य हुए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए नरेंद्र मोदी सरकार में विगत तीन साल में जितना कार्य हुआ है, उतना 50 साल में कभी नहीं हुआ।

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