'मेड इन इंडिया रक्षा उत्पादों की वैश्विक मांग और सम्मान भी बढ़ा'
रक्षामंत्री ने दिल्ली में आधुनिक डीपीएसयू भवन का उद्घाटन कियास्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Monday 10 November 2025 05:32:13 PM
नई दिल्ली। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने आज दिल्ली में अत्याधुनिक डीपीएसयू भवन का उद्घाटन किया और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के प्रदर्शन की समीक्षा की। रक्षामंत्री ने इस मौके पर चार मिनीरत्न श्रेणी-I की डीपीएसयू-म्यूनिशंस इंडिया लिमिटेड, आर्मर्ड व्हीकल्स निगम लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड और हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को सम्मानित किया, रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाने केलिए अनुसंधान एवं विकास तथा हरित ऊर्जा पहलों का शुभारंभ किया। उन्होंने जिक्र कियाकि भारत ने 1.51 लाख करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन किया है, जिसमें रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) का योगदान 71.6 प्रतिशत है और रक्षा निर्यात 6,695 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिससे भारत की स्वदेशी प्रणालियों में वैश्विक विश्वास को भी बल मिला है। राजनाथ सिंह ने इस अवसर पर देश के रक्षा विनिर्माण इकोसिस्टम को मज़बूत करने और आत्मनिर्भर भारत में रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के निरंतर योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने डीपीएसयू को उनके निरंतर समर्पण और उत्कृष्टता केलिए बधाई देते हुए कहाकि हमारे सभी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम देश की रक्षा आत्मनिर्भरता के मज़बूत स्तंभ हैं और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों में उनका उत्कृष्ट प्रदर्शन हमारे स्वदेशी प्लेटफार्मों की विश्वसनीयता और क्षमता का प्रमाण है।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने मिनीरत्न श्रेणी-I में शामिल डीपीएसयू को रक्षा क्षेत्रमें उनकी बढ़ती दक्षता, स्वायत्तता और योगदान का प्रतिबिंब बताया। उन्होंने कहाकि वर्ष 2021 में आयुध निर्माणी बोर्ड के सात नए डीपीएसयू में परिवर्तन से अधिक कार्यात्मक स्वतंत्रता, नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता का मार्ग प्रशस्त हुआ है, मिनीरत्न का दर्जा इन्हें क्षमता विस्तार, आधुनिकीकरण और सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों के भागीदारों केसाथ संयुक्त उद्यम, विलय सहित नए उपक्रमों और सहयोगों की खोज केलिए सशक्त बनाएगा। राजनाथ सिंह ने कहाकि वर्ष 2024-25 में भारत ने 1.51 लाख करोड़ रुपये का रक्षा उत्पादन हासिल किया, जिसमें डीपीएसयू का योगदान कुल 71.6 प्रतिशत रहा। उन्होंने कहाकि इससे यह स्पष्ट हैकि मेड इन इंडिया रक्षा उत्पादों की वैश्विक मांग और सम्मान बढ़ रहा है। रक्षामंत्री ने इस गति को बनाए रखने की आवश्यकता पर बल देते हुए सभी डीपीएसयू से महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों के तीव्र स्वदेशीकरण, समग्र अनुसंधान एवं विकास, उत्पाद गुणवत्ता संवर्धन, समय पर डिलीवरी और निर्यात बढ़ाने के रणनीतिक दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने डीपीएसयू को निर्देश दियाकि वे मापनीय लक्ष्यों केसाथ स्पष्ट स्वदेशीकरण और अनुसंधान एवं विकास रोडमैप तैयारकर अगली समीक्षा बैठक में प्रस्तुत करें। उन्होंने एचएएल अनुसंधान एवं विकास मैनुअल सहित अनुसंधान एवं विकास पहलों की एक श्रृंखला का अनावरण किया, जिसका उद्देश्य डिजिटलीकरण, बौद्धिक संपदा सृजन और भारतीय शिक्षा क्षेत्र केसाथ सहयोग से अनुसंधान एवं विकास इकोसिस्टम को मज़बूत करना है। इस दौरान डीपीएसयू केबीच तीन प्रमुख समझौता ज्ञापनों का आदान प्रदान किया गया, जो सहयोग और आत्मनिर्भरता की भावना को दर्शाता है। हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड और भारत डायनेमिक्स लिमिटेड ने यंत्र इंडिया लिमिटेड के आधुनिकीकरण प्रयासों का समर्थन करने और 10000 टन फोर्जिंग प्रेस सुविधा स्थापित करने केलिए समझौता किया, जो रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्रोंमें उपयोग किए जानेवाले एल्यूमीनियम मिश्र धातुओं केलिए आयात निर्भरता को कम करने केलिए एक महत्वपूर्ण कदम है। एचएएल ने वाईआईएल को 435 करोड़ रुपये की ब्याजमुक्त अग्रिम धनराशि देने की प्रतिबद्धता जताई है, जबकि बीडीएल दस वर्ष में 3000 मीट्रिक टन तक का निरंतर कार्यभार प्रदान करेगा।
राष्ट्रीय महत्व की रक्षा परियोजनाओं केलिए महत्वपूर्ण कच्चे माल की निर्बाध उपलब्धता सुनिश्चित करने केलिए मिधानी में मेटल बैंक के निर्माण केलिए समझौता किया गया। राजनाथ सिंह ने स्वयं सतत और हरित रक्षा निर्माण का शुभारंभ किया, यह एक व्यापक संग्रह है, जो डीपीएसयू में हरित परिवर्तन को दर्शाता है। स्वर्ण डैशबोर्ड और डीपीएसयू ऊर्जा दक्षता सूचकांक जैसे डिजिटल उपकरणों से समर्थित पहल आत्मनिर्भरता केसाथ स्थिरता को जोड़ने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। राजनाथ सिंह ने कहाकि हमसब भारत को न केवल रक्षा उत्पादन में पूर्णरूप से आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि इसे एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूपमें भी स्थापित करेंगे। नया डीपीएसयू भवन रक्षा उत्पादन विभाग का विकसित 'संगच्छध्वं संवदध्वं' ('एकसाथ चलें, एकसाथ संवाद करें') के आदर्श वाक्य केतहत सहयोग नवाचार और तालमेल को बढ़ावा देने वाले एक साझा मंच के रूपमें कार्य करता है। समीक्षा बैठक में रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, डीपीएसयू के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।