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जम्मू-कश्मीर में विकास युग की शुरूआत-शाह

'जम्मू और कश्मीर को भारतीय संविधान के सभी अधिकार मिलेंगे'

केंद्रीय गृहमंत्री ने जम्मू आईआईटी के कैंपस का उद्घाटन किया

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 25 October 2021 02:25:50 PM

new campus of iit inaugurated in jammu

जम्मू। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के अपने दौरे में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के नए कैंपस का उद्घाटन किया, जहां छात्रों की उच्चशिक्षा के साथ-साथ अच्छे छात्रावास, जिमनेज़ियम और इंडोर गेम्स जैसी 210 करोड़ रुपये की लागत की सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया। अमित शाह ने पंडित प्रेमनाथ डोगरा को उनके जन्मदिन पर याद किया और कहाकि सिर्फ़ जम्मू ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लोग प्रेमनाथ डोगरा को कभी नहीं भुला सकते। उन्होंने कहाकि ये वो महान शख़्सियत थी, जिन्होंने प्रजा परिषद की स्थापना करके श्यामा प्रसाद मुखर्जी केसाथ एक देश में दो निशान, दो विधान और दो प्रधान नहीं चलेंगे का नारा दिया था। अमित शाह ने कहा कि अब जम्मूवासियों के साथ अन्याय का समय समाप्त हो गया है, उन्होंने बहुत अन्याय झेला है, लेकिन अब जम्मू और कश्मीर का विकास एकसाथ होगा और दोनों मिलकर भारत को आगे बढ़ाने केलिए प्रयत्न करेंगे।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यहां पर विकास युग की शुरूआत हो चुकी है और इसमें ख़लल पहुंचाने वाले सफल नहीं हो पाएंगे, जम्मू-कश्मीर के विकास को कोई रोक नहीं पाएगा। गृहमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐतिहासिक निर्णय अन्यायी धारा 370 और 35ए हटा देने के फलस्वरूप जम्मू-कश्मीर के लाखों नागरिकों को अपने अधिकार प्राप्त हुए हैं, जो उन्हें सत्तर साल में प्राप्त नहीं थे। गृहमंत्री ने उदाहरण दिया कि कश्मीर में पहले उसके बाहर के लोगों को भूमि ख़रीदने का अधिकार नहीं था, जो शरणार्थी यहां आए थे, उनके अधिकार नहीं थे, लोगों को आरक्षण नहीं मिलता था, लेकिन अब भारतीय संविधान के सभी अधिकार यहां के सभी लोगों को मिल रहे हैं, महिलाओं को भी उनके अधिकार दिए गए हैं, श्रमिकों के हितों की रक्षा केलिए मिनिमम वेज एक्ट लागू किया गया है, सफ़ाई कर्मचारी एक्ट लागू किया गया है, दलितों और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा और अत्याचार रोकने केलिए सख़्त क़ानून लाए गए हैं, आदिवासियों को ज़मीन के पट्टे का अधिकार भी दे दिया गया है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि एक ज़माना था जब जम्मू-कश्मीर में सिर्फ़ चार मेडिकल कॉलेज थे, आज यहां सात नए मेडिकल कॉलेज की स्थापना हो चुकी है, जिनमें से पांच शुरु हो चुके हैं, पहले 500 मेडिकल की सीटें थी, अब 2000 छात्र यहां से एमबीबीएस कर सकते हैं, यहां से किसी को कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि आज जिस आईआईटी कैपंस का उद्घाटन हुआ है, वैसा आधुनिक आईआईटी कैंपस मैंने नहीं देखा, आईआईटी, आईआईएम और एम्स तीनों संस्थान मिलकर नए प्रकार के कोर्स की रचना करके एकदूसरे के पूरक कैसे बनेंगे, इसकी भी अब चिंता नहीं रही है। उन्होंने कहा कि सैटेलाइट कैंपस खोलकर जम्मू-कश्मीर के बच्चों की ट्रेनिंग पर बात हुई है, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा जम्मू-कश्मीर के बच्चों का दाख़िला आईआईटी में हो जाए। गृहमंत्री ने कहा कि अगर 45 हज़ार युवा जम्मू-कश्मीर के ग़रीबों की सेवा में लगते हैं तो दहशतग़र्द कुछ नहीं बिगाड़ सकते और ये युवा देखते-देखते जम्मू-कश्मीर को बदल देंगे। उन्होंने कहा कि 25 हज़ार सरकारी नौकरियां सर्विस सेलेक्शन बोर्ड ने दे दी है, जिनमें से 7 हज़ार लोगों को अलग-अलग नियुक्तिपत्र इसी मंच पर दिए गए हैं।
अमित शाह ने कहा कि निवेश के चलते 5 लाख नए रोज़गार उत्पन्न होने वाले हैं, अबतक जम्मू में सात हज़ार और कश्मीर में पांच हज़ार करोड़ के निवेश का भूमि का आवंटन कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब हम नई औद्योगिक नीति लेकर आए, तब ये तीन परिवार वाले, जिन्होंने सत्तर साल तक लोगों का शोषण किया है, मज़ाक़ उड़ाते थेकि यहां कौन आएगा, लेकिन ये मोदीजी का कमाल है कि अबतक 12 हज़ार करोड़ रुपए का निवेश आ गया है और 2022 से पहले 51 हज़ार करोड़ का निवेश आ जाएगा, जिससे जम्मू के 5 लाख युवाओं को नौकरी मिलेगी, नौ मेडिकल कॉलेज, 15 नर्सिंग कॉलेज, आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, निफ़्ट, आईआईएमसी, दो कैंसर इंस्टीट्यूट, पॉलीटेक्नीक, बीएससी नर्सिंग कॉलेज जैसे ढेर सारे संस्थान बनाए और शुरू किए गए हैं। अमित शाह ने कहा कि तीन परिवारवालों ने मुझसे सवाल पूछा हैकि यहां की जनता को क्या देकर जाएंगे तो मैं हिसाब लेकर आया हूंकि क्या देकर जाएंगे, लेकिन 70 साल के उनके राज ने उन्हें क्या दिया, उसका हिसाब लाओ, जम्मू-कश्मीर की जनता उनसे यह हिसाब मांग रही है।
गृहमंत्री ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनते ही कश्मीर को 55000 करोड़ रुपए का पैकेज दिया था, जिसमें से 35 हज़ार करोड़ रुपए ख़र्च हो चुके हैं और 21 योजनाएं पूरी हो चुकी हैं। उन्होंने कश्मीर के विपक्ष से पूछा कि उन्होंने अपने परिवार के अलावा किसी और की चिंता की है क्या? उन्होंने कहाकि ये मोदीजी का शासन है, ना किसी के साथ अन्याय होगा और ना किसी का तुष्टिकरण होगा। गृहमंत्री ने कुछ लोगों के सुरक्षा के बारे में सवालों का भी करारा उत्तर दिया। अमित शाह ने कहा कि यहां अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए आरक्षण नहीं था, यहां अनुसूचित जाति और जनजातियों केलिए सीटें आरक्षित होने वाली हैं, इसके लिए आयोग बन गया है, अन्य पिछड़े वर्ग की जातियां भी तय होने वाली हैं। अमित शाह ने कहा कि पहाड़ी जनजाति समुदायों केलिए 4 प्रतिशत आरक्षण दे दिया गया है और अब उनका नुमाइंदा विधानसभा में गौरव के साथ बैठेगा और मंत्री बनकर आपके बीच में आएगा। उन्होंने कहाकि अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास बसने वाले लोगों केलिए भी आरक्षण कर दिया गया है और गुर्जरों केलिए भी आरक्षण की व्यवस्था हो जाएगी।
केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि दिल्ली से कटरा तक अमृतसर के रास्ते छह लेन एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है, आज़ादी के बाद पहलीबार जम्मू में पर्यटन पर ध्यान केंद्रित किया गया है और धार्मिक पर्यटन सर्किटों का विकास हो रहा है, सिर्फ़ जम्मू क्षेत्र में ही इस साल मार्च महीने में देश-विदेश के करीब 62,000 यात्री आए हैं, जोकि अबतक का रिकॉर्ड है। अमित शाह ने कहाकि पहले जम्मू के लोगों को अपने बच्चों को मेट्रो में बैठाने केलिए दिल्ली जाना पड़ता था, दो साल बाद आपको अपने बच्चों को मेट्रो में बैठाने केलिए दिल्ली नहीं ले जाना पड़ेगा, क्योंकि मेट्रो ही जम्मू में आ जाएगी, जम्मू और श्रीनगर में मेट्रो की शुरुआत होने वाली है। उन्होंने कहा कि जम्मू एयरपोर्ट केलिए बहुत बड़ी भूमि आवंटित कर दी गई और 700 करोड़ रुपये से यहां एयरपोर्ट का विकास होगा। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि एक हेलीकॉप्टर नीति की घोषणा करदी गई है, जिसके तहत जम्मू-कश्मीर सरकार हर ज़िले में हेलीपैड बनाएगी, निजी क्षेत्र के लोग इसमें निवेश करेंगे और इससे अलग-अलग क्षेत्रों को आपस में जोड़ा जाएगा।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के गांवों में बिजली पहुंचाने केलिए चार साल में मोदी सरकार ने जल विद्युत परियोजनाओं पर 35,000 करोड़ रुपये ख़र्च किए हैं। उन्होंने कहा कि जिन तीन परिवारों ने अनेक परियोजनाओं को केवल कमीशन खाने की वजह से रोके रखा हुआ था, उन्हें मोदीजी और जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल ने चालू कर दिया है। गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना ने पूरे विश्व को झकझोर दिया था, लोग सोचने लगे थे कि भारत जैसा देश कोरोना का मुकाबला कैसे करेगा। उन्होंने कहाकि देशभर में सबसे पहले कोरोना की शतप्रतिशत पहली डोज जम्मू-कश्मीर में लगी और दूसरा टीका देने का काम भी 50% से ज्यादा पूरा हो चुका है। अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत जम्मू-कश्मीर देश में अकेला ऐसा राज्य है, जिसमें यह योजना सिर्फ गरीबों केलिए ही नहीं, बल्कि जम्मू-कश्मीर के हर नागरिक केलिए है।
अमित शाह ने कहाकि जम्मू-कश्मीर के सभी घरों में गैस, शौचालय और बिजली पहुंचाई गई है, साथ ही सभी घरों में रोज़गार पहुंचाने का काम शुरू किया गया है, खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के मधुमक्खी के बक्से और इलेक्ट्रिक चाक के जरिए लगभग 5 लाख कश्मीरी बहनों को काम के साथ जोड़ने का कार्य किया गया है। गृहमंत्री ने कहाकि 70 साल तक 3 परिवारों ने जम्मू-कश्मीर को क्या दिया? 87 विधायक और 6 सांसद। उन्होंने कहा कि मोदीजी ने 30000 लोगों के चुने हुए प्रतिनिधि बनाने का काम किया है, कश्मीर के हर गांव में पंचायत बनी है, तहसील पंचायत बनी है, हर जिले में जिला पंचायत बनी है। उन्होंने कहा कि अब इन तीन परिवारों की दादागिरी नहीं चलेगी, अब यहां का पंच-सरपंच भी भारत सरकार का मंत्री बन सकता है, जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बन सकता है, पहाड़ से चुनाव जीतने वाला भी जम्मू-कश्मीर का मुख्यमंत्री बन सकता है, अब उसे कोई नहीं रोक सकता।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को प्रस्थापित करने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है और लोकतंत्र प्रस्थापित होते ही जम्मू-कश्मीर में फिरसे एकबार सामान्य स्थिति में लौट आएगा, यहां स्टेट का दर्जा बहाल होगा, विधानसभा चुनाव होंगे। अमित शाह ने कहा कि सभीका उद्देश्य थाकि श्यामा प्रसाद मुखर्जी का स्वप्न पूरा हो और उन्होंने जिसके लिए बलिदान दिया है, उसे हमसभी अपने जीवन में देख पाएं। उन्होंने कहा कि मोदीजी के कारण ही आज हम वह दिन देख पाए हैं और श्यामा प्रसाद मुखर्जी का स्वप्न पूरा हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोदीजी ने विकास की जो प्रक्रिया शुरू की है, जम्मू के लोग उसमें चट्टान की तरह साथ खड़े हैं। इस अवसर पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह आदि महत्वपूर्ण जम्मू-कश्मीरवासी उपस्थित थे।

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