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'मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर का तेज विकास'

राज्यमंत्री ने मानसर झील विकास योजना का ई-शिलान्यास किया

जम्मू-कश्मीर को पसंदीदा पर्यटन केंद्र बनाने के बहुआयामी कार्य

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Monday 2 November 2020 12:41:06 PM

dr. jitendra singh laid the foundation stone of mansar lake development scheme

जम्मू/ नई दिल्ली। केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन विभाग में स्वतंत्र प्रभार डॉ जितेंद्र सिंह ने मानसर झील कायाकल्प एवं विकास परियोजना के ई-शिलान्यास समारोह में कहा है कि नरेंद्र मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर का वृहद और तेजीसे विकास हो रहा है एवं यहां मानसर झील विकास परियोजना 70 वर्ष के लंबे इंतजार के बाद पूरी हो रही है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि इससे मानसर क्षेत्र में प्रतिवर्ष पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों की संख्या मौजूदा 10 लाख से बढ़कर 20 लाख हो जाएगी, लगभग 1.15 करोड़ रोज़गार सृजित होंगे और प्रतिवर्ष 800 करोड़ रुपये से अधिक की आय होगी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार में जम्मू-कश्मीर के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता मिली है, उधमपुर-डोडा-कठुआ संसदीय क्षेत्र के विकास पर विशेष रूपसे ध्यान दिया जा रहा है और ऐतिहासिक रूपसे किए गए विकास कार्यों की दृष्टि से इसकी तुलना की जा सकती है।
केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि उधमपुर-डोडा-कठुआ संभवतः देश का एकमात्र लोकसभा क्षेत्र है, जिसके अंतर्गत 3 वर्ष में 3 मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई है, उधमपुर में नमामि गंगे और गंगा सफाई परियोजना की तर्ज पर कार्य हो रहा है, इसीके समान ही देविका नदी और मानसर झील के कायाकल्प एवं नवीकरण परियोजनाओं को शुरु किया गया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि देविका नदी परियोजना और मानसर झील परियोजना की लागत लगभग 200 करोड़ रुपये है और इनमें देविका नदी को माँ गंगा की बहन कहा जाता है और मानसर झील का महाभारत के प्राचीन लेखों में उल्लेख मिलता है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप के बाद 4 दशक तक रुकी हुई शाहपुर कंडी सिंचाई परियोजना दोबारा शुरु की गई है। उन्होंने कहा कि इसी क्षेत्र में उत्तर भारत का पहला बायोटेक औद्योगिक पार्क और पहला बीज प्रसंस्करण संयंत्र भी बन रहा है, जो रोज़गार अवसरों के साथ-साथ आजीविका और अनुसंधान के स्रोत उत्पन्न करेगा।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कटरा-दिल्ली एक्सप्रेसवे कॉरिडोर का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका काम शुरु कर दिया गया है और जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन से 6 लेन में बदलने का कार्य भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां रियासी में दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल बन रहा है, वहीं मरमट होते हुए सुधमहादेव से खिलेनी के बीच एक नई राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना पर कार्य हो रहा है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर यह उपेक्षित क्षेत्रों में विकास की सुविधाओं को प्रदान करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि किश्तवाड़ में दूरदराज़ के क्षेत्र पद्दर को दो साल पहले अपना पहला केंद्र पोषित कॉलेज मिला था। केंद्र सरकार की उड़े देश का आम नागरिक-उड़ान योजना के तहत किश्तवाड़ में एक नया हवाई अड्डा बन रहा है, इसी तरह पोघल-उखराज और मरमट के दूर दराज के क्षेत्र को अपना पहला डिग्री कॉलेज मिला और गंडोह को अपना पहला पोस्ट ऑफिस मिला।
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा भी वीडियो कॉंफ्रेंसिंग से कार्यक्रम से जुड़े और कहा कि मानसर का तीर्थयात्रा एवं धरोहर की दृष्टि से काफी महत्व है, विशाल मानसर झील वनस्पतियों और जीवों के कारण सबसे अधिक प्राकृतिक आकर्षण का केंद्र है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का योगदान 7 प्रतिशत है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यहां पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को बड़े पैमाने पर राहत देने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं, केंद्र सरकार ने पर्यटन क्षेत्र के लिए 706 करोड़ रुपये दिए हैं। मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को विश्व मानचित्र में सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनाने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण अपनाया गया है। जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल के सलाहकार बशीर अहमद खान, पर्यटन सचिव सरमद हफीज, संभागीय आयुक्त संजीव वर्मा, जम्मू के पर्यटन निदेशक आरके कटोच, सुरिंसर-मानसर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी-सीईओ डॉ गुरविंदर जीत सिंह, जम्मू और श्रीनगर के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

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