केंद्रीय वन्य जीव मंत्री ने विश्व हाथी दिवस पर जारी की पुस्तिका
जंगली व पालतू हाथियों के संरक्षण और प्रबंधन की जानकारियांस्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम
Tuesday 11 August 2020 03:27:49 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वन्य जीव और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विश्व हाथी दिवस पर कहा है कि मानव और पशुओं के बीच टकराव की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए जंगलों में ही जानवरों को भोजन और पानी उपलब्ध कराने के लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत हाथियों और अन्य जंगली जानवरों को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है और मानव-पशु टकराव को समाप्त करने के लिए ठोस, व्यावहारिक और किफायती समाधान लाने की दिशा में कार्य कर रहा है। प्रकाश जावड़ेकर ने क्षमता निर्माण और वन कर्मचारियों के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। विश्व हाथी दिवस पर एक कार्यक्रम में ‘भारत में मानव-हाथी टकराव प्रबंधन के सर्वोत्तम उपाय’ पर पुस्तिका जारी करते हुए पर्यावरण मंत्री ने कहा कि मानव-हाथी दोनों के बीच टकराव को कम करने और दोनों के मूल्यवान जीवन को बचाने के लिए मानव-हाथी सह-अस्तित्व को मजबूत करना महत्वपूर्ण है। वन्यजीव मंत्री ने कहा कि यह पुस्तिका हाथियों के प्रबंधन के विभिन्न आविष्कारों की एक चित्रमय मार्गदर्शिका है, जिन्हें हाथी वाले देशों ने अपनाया है, यह स्थान विशेष में हाथियों के संकट कम करने के उपायों को अपनाने के लिए एक संदर्भ पुस्तिका के रूपमें कार्य करती है, जिसे मानव-हाथी टकराव को कम करने के लिए अपनाया जा सकता है।
पर्यावरण राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो ने देश में हाथियों की बढ़ती संख्या पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि हाथियों को बचाने और हाथी-मानव टकराव से दृढ़ता से निपटने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार निर्दोष जानवरों की हत्या बर्दाश्त नहीं करेगी और मानव-पशु टकराव से निपटने के लिए केंद्र सरकार सर्वोत्तम उपायों को अपना रही है। प्रकाश जावड़ेकर और बाबुल सुप्रियो ने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ मानव-हाथी टकराव पर पोर्टल का बीटा संस्करण भी लॉन्च किया। वास्तविक समय पर जानकारी के संग्रह और सही समय पर मानव-हाथी टकराव से निपटने के लिए मानव हाथी टकराव पर ‘सुरक्ष्या’ नामक राष्ट्रीय पोर्टल आंकड़ा संग्रह प्रोटोकॉल, डेटा ट्रांसमिशन पाइपलाइन और डेटा विज़ुअलाइज़ेशन टूल सेट करने में मदद करेगा, ताकि नीति निर्माताओं को इन एचईसी आंकड़ों का लाभ उठाते हुए नीति निर्माण और टकराव को कम करने की कार्य योजना बनाने में मदद मिल सके। ज्ञातव्य है कि हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के रूपमें मनाया जाता है, जो दुनियाभर के हाथियों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए समर्पित है। हाथी भारत के प्राकृतिक धरोहर पशु हैं और भारत भी हाथी विश्व दिवस हाथियों के संरक्षण के प्रति लोगों में जागरुकता फैलाने के लिए मनाता है।
विश्व हाथी दिवस का लक्ष्य हाथी संरक्षण पर लोगों में जागरुकता पैदा करना और जंगली तथा पालतू हाथियों के बेहतर संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए जानकारी और सकारात्मक समाधानों को साझा करना है। एशियाई हाथियों को संकटग्रस्त प्रजातियों की आईयूसीएन की रेड लिस्ट में ‘विलुप्तप्राय’ प्रजाति के रूपमें सूचीबद्ध किया गया है। ऐसा भारत को छोड़कर अधिकांश हाथी वाले देशों के संदर्भ में किया गया है, जहां हाथियों के अनुकूल निवास स्थान की कमी और उनके अवैध शिकार के कारण उनकी संख्या में काफी कमी आई है। एक अनुमान के अनुसार दुनिया में लगभग 50,000-60000 एशियाई हाथी हैं। भारत में उन हाथियों की 60 प्रतिशत से अधिक आबादी रहती है। फरवरी 2020 में गुजरात के गांधीनगर में सीएमएस-13 की कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ में प्रवासी प्रजातियों के सम्मेलन के परिशिष्ट 1 में भारतीय हाथियों को भी सूचीबद्ध किया गया है। इस अवसर पर डॉ संजय कुमार महानिदेशक (वन) और विशेष सचिव पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सौमित्र दासगुप्ता एडीजी (वन्यजीव), नॉयल थॉमस आईजीएफ और निदेशक परियोजना हाथी एमओईएफएंडसीसी और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, राज्यों के वन विभाग और हितधारक संगठन भी वर्चुअल मोड में शामिल हुए।