दारुल उलूम निज़ामिया निज़ामपुर के तत्वावधान में हर साल की तरह इस साल भी हज़रत मुहम्मद साहब के जन्म दिवस १२ रबी उल अव्वल को जुलूस मुहम्मदी दारुल उलूम से निकलेगा, जिसकी तैयारी शबाब पर है। दारूल निज़मिया के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन मिस्बाही निज़ामी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि हज़रत मुहम्मद साहब ने दुनियाभर में अमन के पैग़ाम को आम किया और हमेशा यकजहती और भाईचारगी की तालीम देते रहे, इस...
घने कोहरे में दूर तक नहीं दिखाई पड़ता। शीत घनत्व ज्यादा हो तो निकट देखना भी विकट हो जाता है। कोहरे के कारण दुर्घटनाएं होती हैं। चोट चपेट और मारे गए लोगों की संख्या के विवरण कोहरे को कोहराम बनाते हैं, लेकिन कोहरा स्थायी स्थिति नहीं है। सूर्य स्थायी है। वे कोहरे में भी होते हैं, रात्रि विश्राम के बाद सुबह ठीक समय अपने काम पर आ जाते हैं। समाजचेता का उत्तरदायित्व अंधकार का अस्थायित्व बताना...

भागवत की कथा सुनने मात्र से ही सभी दुखों का नाश होता है, मनुष्य को समय-समय पर सत्संग का श्रवण करना चाहिए, संतसंग से ज्ञान की प्राप्ति होती है, प्रभु का आर्शीवाद प्राप्त होता है तथा प्रभु स्वयं कल्याण करते हैं। नेशविला रोड स्थित बकरालवाला में आयोजित भागवत महापुराण कथा के तृतीय दिवस पर कथावाचक भगवती प्रसाद फोनंदणी ने कहा...
यथार्थ है और सत्य है। हम मनुष्य इसी प्रकृति का भाग हैं। इसका शिव व सुंदर तत्व प्रकट करना हमारा दायित्व है। जंबूद्वीप भरतखंड के पूर्वजों ने सचेत होकर प्रकृति सत्य के भीतर शिव और सुंदर का साक्षात किया था। प्रकृति, प्रकृति की देन है और संस्कृति मनुष्य के कर्म कौशल से उपलब्ध शिवत्व और सुंदरतम्। संस्कृति मनुष्य की सुकृति है। संस्कृति व्यक्तिगत नहीं होती। सत्य, शिव और सुंदर के बोध भले ही...

गीता जयंती-कर्तव्य दिवस पर 'श्रीमद्भागवत गीता और व्यवस्था परिवर्तन' विषय पर विश्व संवाद केंद्र में कर्तव्य फाउंडेशन की ओर से आयोजित संगोष्ठी में मुख्यवक्ता विद्यांत हिंदू पीजी कालेज के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष डॉ विजय कर्ण ने कहा है कि समता और कर्म के सिद्धांतों की स्थापना करना गीता और स्वामी विवेकानंद का उद्देश्य...
मोटे तौर पर संसार में दो घटक हैं। एक मैं और दूसरा संसार। ईश्वर प्रत्यक्ष नहीं है। तर्क से सिद्ध करना असंभव। प्रतितर्क भी कमजोर नहीं है। ईश्वर की खोज के सारे उपकरण संसारी हैं। योग, ध्यान, ज्ञान, भक्ति, उपासना आदि कर्मो का क्षेत्र यह संसार ही है। मूलभूत प्रश्न यह है कि विश्व जनसंख्या का अधिकांश भाग ईश्वर के प्रति आस्थालु या जिज्ञासु क्यों हैं? सीधा उत्तर है कि मनुष्य आनंद का प्यासा है और...

श्री केदारनाथ धाम में 16-17 जून 2013 को आई भयानक बाढ़ से यहां काफी नुकसान हुआ था। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को श्री केदारनाथ मंदिर का पुनरुद्धार करने के लिए अनुरोध किया गया था, तदनुसार उसने अक्तूबर 2013 के दूसरे सप्ताह से इसके संरचनात्मक संरक्षण एवं रासायनिक परिरक्षण का जिम्मा लिया। पहले चरण में अब तक दक्षिणी, पश्चिमी...

प्रकृति में अनेक रूप, रंग, रस और नाद हैं। प्रकृति सदा से है। यह अनेक आयामों में प्रकट होती है। जान पड़ता है कि बारंबार प्रकट होने के बावजूद इसका मन नहीं भरा। अरबों-खरबों मनुष्य आए, गए, लेकिन नवजात शिशुओं का शुभागमन जारी है। कीट, पतिंग, वनस्पति का भी आवागमन ऐसा ही है। नक्षत्र उगते हैं, नष्ट होते हैं, फिर-फिर उगते हैं। प्रकृति...

विश्व हिंदू परिषद संत केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के स्वामी चिन्मयानंद महाराज, जूना अखाड़ा के सचिव स्वामी देवानंद महाराज, महा मंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि, डॉ रामेश्वर दास वैष्णव एवं प्रांतीय मार्गदर्शक मंडलों की दो दिवसीय बैठक में देश भर से आए लगभग 1000 संतों ने सामूहिक रूप से हिंदू समाज पर हो रहे दमन की कठोर शब्दों की निंदा...

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दुर्गा पूजा और विजय दशमी पर देशवासियों को शुभकामनाएं और बधाई दी है। अपने बधाई संदेश में राष्ट्रपति ने कहा है-'दुर्गा पूजा के पावन अवसर पर मैं अपने देशवासियों को हार्दिक बधाई देता हूं...

अस्तित्व एक है। ऋग्वेद के ऋषियों ने उसे अदिति या पुरूष कहा। वही भिन्न-भिन्न रूपों में प्रकट होता है। ऋग्वेद में 'एकं सद् विप्रा बहुधावदंति' का स्वर्ण सूत्र है। सत्य अविभाजित और पूर्ण सत्ता है। वह वैदिक पूर्वजों का ज्योतिएर्कं-एक प्रकाश है। इस की सर्वोत्तम अभिव्यक्ति प्रकाशरूपा है। प्रकाश दिव्यता है। सो जहां दिव्यता...
उत्तराखंड में प्रलय में दिवंगत आत्माओं की शांति हेतु देहरादून के परेड मैदान में सुबह इंडिया टाइंम्स ग्रुप और गढ़ जागृति लोकमंच के तत्वावधान में महायज्ञ और सामूहिक पितृ तर्पण का आयोजन किया गया। इसका उद्देश्य उनकी आत्माओं को शांति पहुंचाना था, जो इस त्रासदी का शिकार हो चुके हैं...

प्रतिवर्ष पितृपक्ष की अमावस्या को लगने वाले बाबा समेराम व शिव मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना जारी रहा। देश के प्रत्येक भाग से अपने पितरों के तर्पण करने के लिए जुटने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगभग पचास हजार श्रद्धालुओं के पार चली गई। मेले का उद्घाटन नांगल देवत विकास समिति के प्रधान सहराज सहरावत और विहिंप...

नवरात्र में 5 अक्टूबर से केदारनाथ और बदरीनाथ यात्रा औपचारिक रूप से प्रारंभ की जाएगी। इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं दुरूस्त की गई हैं। सोमवार को सचिवालय में मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा की अध्यक्षता में मंदिर समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। यात्रियों को उनका स्वास्थ्य परीक्षण करने के उपरांत ही यात्रा पर जाने की...

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज गौड़ीय मठ कोलकाता में चैतन्य महाप्रभु संग्रहालय के शिलान्यास समारोह में कहा कि मानव जाति का अशांत और उतार-चढ़ाव से परिपूर्ण इतिहास हमेशा से संतों के मार्गदर्शन से निर्देशित होता रहा है। उन्होंने कहा कि चैतन्य महाप्रभु ने मानव जाति की सेवा के लिए शासकों को संतों में परिणत करने...