स्वतंत्र आवाज़
word map

उत्तर प्रदेश में बदलाव की हवा-अखिलेश यादव

पूरे विश्व में आर्थिक अस्थिरता-उपराष्ट्रपति

आगरा में पार्टनरशिप समिट-2013

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Sunday 27 January 2013 11:08:58 AM

global partnership far indyoring growth

आगरा। ग्लोबल पार्टनरशिप फार इंड्योरिंग ग्रोथ की थीम पर आधारित दो दिवसीय पार्टनरशिप समिट-2013 का शुभारंभ आज आगरा के जेपी पैलेस होटल में हुआ। औद्योगिक नीति और प्रोत्साहन विभाग भारत सरकार, कंफीडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) और उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस समिट में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, केंद्रीय वाणिज्य, उद्योग एवं टेक्सटाइल मंत्री आनंद शर्मा तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित मशहूर औद्योगिक हस्तियों ने भाग लिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने समिट में कहा कि इस सम्मेलन की थीम ग्लोबल पार्टनरशिप फार इंड्योरिंग ग्रोथ वर्तमान समय के हिसाब से तर्कसंगत है और पूरे विश्व में निर्बाध व्यापार एवं वाणिज्यिक गतिविधियां होना आज की सच्चाई और आवश्यकता है। उन्होंने इस अवसर पर ताज नगरी में पधारे सभी प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए केंद्र सरकार को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि उसने इस तरह के महत्वपूर्ण समिट के आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश को चुना। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के इतिहास में इस तरह का यह पहला सम्मेलन है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने बड़े-बड़े औद्योगिक घरानों का ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि अब इस राज्य में बदलाव की हवा चल रही है। उन्होंने कहा कि लगभग 20 करोड़ की आबादी वाला उत्तर प्रदेश जनसंख्या की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है और यह असीमित संभावनाओं वाला प्रदेश है, यह प्रदेश न केवल वाणिज्यिक एवं औद्योगिक मौके उपलब्ध कराता है, बल्कि यहां पर एक बड़ा बाजार भी मौजूद है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश कृषि, गन्ना तथा दुग्ध उत्पादन में पूरे देश में अग्रणी है, साथ ही, यहां बड़ी संख्या में औद्योगिक केंद्र, बड़ी औद्योगिक टाउनशिप्स जैसे नोएडा और ग्रेटर नोएडा हैं, जहां सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग के रूप में फल-फूल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के वैश्वीकरण के युग में सरहदें सिमट रही हैं और हम एक एकीकृत वैश्विक अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हो रहे हैं। विश्व अर्थव्यवस्था में एकीकरण के फायदे-नुकसान भी हैं। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार में हमारा अंशदान दो प्रतिशत है, जो कि कम है। परंतु पिछले दशक के अंशदान 0.7 प्रतिशत की तुलना में बेहतर है। उन्होंने कहा कि भारतीय मल्टीनेशनल्स के कार्पोरेट प्राफिट्स का 10 प्रतिशत उनकी विदेशी गतिविधियों से मिलता है, परंतु अभी अर्थव्यवस्था में और सुधार की आवश्यकता है।
अखिलेश यादव ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के आर्थिक ढांचे में आमूल-चूल परिवर्तन करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि हम नीतियों और योजनाओं की ऐसी व्यवस्था बनाएंगे, जिससे आर्थिक एवं औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिले। राज्य की नौकरशाही को उद्योगों तथा निवेशकों का मददगार बनाया जाएगा। राज्य सरकार की अवस्थापना सुविधाओं के क्षेत्र में निवेश करने की योजना पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 16,000 मेगावाट अतिरिक्त विद्युत उत्पादन किया जाना प्रस्तावित है, यही नहीं, उत्तर प्रदेश सरकार दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कारीडोर तथा ईस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कारीडोर जैसे प्रोजेक्ट्स को भारत सरकार की सहायता से तेजी से आगे बढ़ाएगी, साथ ही, प्रदेश के कृषकों को खुशहाल बनाने के लिए खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर, जिसमें चीनी सम्मिलित है, को बढ़ावा देगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अधिकाधिक लोगों के कौशल विकास पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा, इस दृष्टि से ‘स्किल डेवलपमेंट मिशन’ हमारी प्राथमिकता होगी। इससे पूर्व उद्घाटन उद्बोधन में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि इस समय पूरे विश्व में आर्थिक अस्थिरता का माहौल है, ऐसे में इससे निपटने के समाधान खोजने हेतु यह सम्मेलन स्वागत योग्य प्रयास है। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री आनंद शर्मा ने भी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। उन्होंने इस भव्य आयोजन की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश में हो रहे ‘टेक्नोलाजी एक्सप्लोजन’ से पता चलता है कि भारत मानव संसाधन में निवेश कर विश्व को उत्कृष्ट कोटि की मानव शक्ति उपलब्ध करा सकता है। समिट को सीआईआई के अध्यक्ष आदि गोदरेज तथा उपाध्यक्ष अजय एस श्रीराम ने भी संबोधित किया।

हिन्दी या अंग्रेजी [भाषा बदलने के लिए प्रेस F12]