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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ऑर्डर ऑफ ओमान'

नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत-ओमान संबंधों में समृद्धि-सुल्तान

ओमान के शाही महल में रस्‍मी स्वागत और द्विपक्षीय बैठक

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 19 December 2025 01:31:28 PM

pm narendra modi and sultan of oman haitham bin tariq

मस्कट/ नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक केबीच द्विपक्षीय बैठक हुई। इससे पहले शाही महल पहुंचने पर सुल्तान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गर्मजोशी से अगवानी करते हुए उनका रस्‍मी स्वागत किया। सुल्तान हैथम बिन तारिक ने भारत-ओमान संबंधों में असाधारण योगदान और दूरदर्शी नेतृत्व केलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 'ऑर्डर ऑफ ओमान' से सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने इस सम्मान को दोनों देशों की सदियों पुरानी मित्रता को समर्पित किया और इसे भारत ओमान के 1.4 बिलियन लोगों केबीच के स्नेह और प्रेम का प्रतीक बताया। भारत और ओमान केबीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह सम्मान इस अवसर और रणनीतिक साझेदारी को विशेष महत्व देता है। गौरतलब हैकि सुल्तान काबूस बिन सईद ने 1970 में ऑर्डर ऑफ ओमान चुनिंदा वैश्विक नेताओं को सार्वजनिक जीवन और द्विपक्षीय संबंधों में उनके योगदान केलिए प्रदान करने की शुरूआत की थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक ने व्‍यक्तिगत तथा प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठकों में बहुआयामी भारत ओमान रणनीतिक साझेदारी की व्यापक समीक्षा की और द्विपक्षीय संबंधों में निरंतर हो रही प्रगति की सराहना की। उन्होंने इस बात का उल्लेख कियाकि यह यात्रा भारत ओमान संबंधों केलिए विशेष महत्व रखती है, क्योंकि दोनों देश इसवर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 70 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहे हैं। उन्होंने समग्र आर्थिक साझेदारी समझौते का स्वागत करते हुए इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहाकि इससे रणनीतिक साझेदारी को बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। द्विपक्षीय व्यापार के 10 बिलियन डॉलर आंकड़ा पारकर जाने तथा दोतरफा निवेश प्रवाह में प्रगति होने पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहाकि सीईपीए द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को उल्लेखनीय रूपसे बढ़ावा देगा, रोज़गार के अवसर सृजित करेगा तथा दोनों देशों में अनेक नए अवसरों के द्वार खोलेगा। दोनों नेताओं ने दीर्घकालिक ऊर्जा व्यवस्थाओं, नवीकरणीय ऊर्जा उद्यमों तथा हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया परियोजनाओं के जरिए ऊर्जा सहयोग पर नए सिरे से जोर देने के बारेमें भी चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में ओमान के शामिल होने की सराहना की और उन्हें आपदारोधी अवसंरचना गठबंधन तथा वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन में शामिल होने केलिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने इसबात का उल्लेख कियाकि दोनों देश कृषि विज्ञान, पशुपालन, जलीय कृषि तथा श्रीअन्न की खेती के क्षेत्रों सहित कृषि सहयोग से लाभ उठा सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग के महत्व को स्वीकार करते हुए दोनों नेताओं ने कहाकि संकाय सदस्यों और शोधकर्ताओं का आदान-प्रदान दोनों देशों केलिए पारस्परिक रूपसे लाभकारी सिद्ध होगा। दोनों नेताओं ने खाद्य सुरक्षा, विनिर्माण, डिजिटल प्रौद्योगिकियों, महत्वपूर्ण खनिजों, लॉजिस्टिक्स, मानव संसाधन विकास तथा अंतरिक्ष क्षेत्रमें सहयोग के बारेमें भी चर्चा की। वित्तीय सेवाओं के क्षेत्रमें उन्होंने यूपीआई और ओमान की डिजिटल भुगतान प्रणाली केबीच सहयोग, रुपे कार्ड को अपनाने तथा स्थानीय मुद्राओं में व्यापार पर चर्चा की। उन्होंने कहाकि उर्वरक और कृषि अनुसंधान दोनों पक्षों केलिए समान रूपसे लाभकारी क्षेत्र हैं तथा उन्‍हें संयुक्त निवेश सहित इन क्षेत्रों में अधिक सहयोग केलिए काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक ने समुद्री क्षेत्र सहित रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत करने केप्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। प्रधानमंत्री ने ओमान में भारतीय समुदाय के कल्याण केप्रति समर्थन केलिए ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहाकि समुद्री धरोहर, भाषा संवर्धन, युवा आदान प्रदान और खेल संबंधों के क्षेत्रोंमें अनेक नई द्विपक्षीय पहलों से लोगों केबीच पारस्‍परिक संबंध और मजबूत होंगे। उन्होंने दोनों देशों की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर पर भी चर्चा की और समुद्री संग्रहालयों केबीच सहयोग, कलाकृतियों और विशेषज्ञता के आदान प्रदान के महत्व को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने ओमान विज़न 2040 और 2047 तक विकसित भारत बनने के भारत के लक्ष्य केबीच तालमेल का स्वागत किया और अपने-अपने लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति केलिए एकदूसरे केप्रति समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी विचार-विमर्श किया और क्षेत्रीय शांति एवं स्थिरता केप्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी। दोनों देशों केबीच समुद्री धरोहर, शिक्षा, कृषि और श्रीअन्न की खेती के क्षेत्रोंमें समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।

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