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सरदार पटेल जयंती पर भव्य समारोह की तैयारी!

गृहमंत्री अमित शाह ने पटना में दी राष्ट्रीय एकता दिवस की जानकारी

'अबसे हर वर्ष 31 अक्टूबर को 26 जनवरी की तरह होगी भव्य परेड'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 30 October 2025 04:10:25 PM

amit shah

पटना। गृहमंत्री अमित शाह ने लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के 150वें जयंती वर्ष पर राष्ट्रीय एकता दिवस समारोह के संबंध में आज पटना में प्रेस वार्ता में कहाकि वर्ष 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को गुजरात के केवडिया में देश की एकता और अखंडता की प्रतिमूर्ति सरदार साहब की भव्य प्रतिमा के सामने शानदार परेड आयोजित होती है। उन्होंने कहाकि गृह मंत्रालय ने यह तय किया हैकि अब हरवर्ष 31 अक्टूबर को 26 जनवरी की तरह भव्य परेड होगी। अमित शाह ने उल्लेख कियाकि यह परेड देश की एकता और अखंडता केलिए समर्पित केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और राज्यों के पुलिस बलों के सम्मान में होती है। उन्होंने बतायाकि इसबार एकता दौड़ बड़े स्तरपर करने का निर्णय लिया गया है और प्रत्येक नागरिक देश की एकता अखंडता की शपथ लेगा। उन्होंने कहाकि सरदार साहब की जयंती पर भारत पर्व का आयोजन एकतानगर में किया गया है, जो 1 से 15 नवंबर यानी भगवान बिरसा मुंडा की जयंती तक चलेगा। इसमें देशभर की जनजातियों की सांस्कृतिक विविधताओं, खाद्य परंपराओं, वेशभूषा, शिल्पकला, लोककला और संगीत का अद्भुत समन्वय देखने को मिलेगा। उन्होंने कहाकि सरदार वल्लभभाई पटेल का आज़ादी केबाद भारत को एक करने में बहुत बड़ा और उल्लेखनीय योगदान है।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहाकि सरदार वल्लभभाई पटेल भारत केलिए सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि एक विचारधारा हैं, वे पूर्ण रूपसे देश को समर्पित व्यक्तित्व थे, जिन्होंने देश के आज़ादी के आंदोलन में न सिर्फ एक प्रमुख सेनानी की भूमिका निभाई, बल्कि गांधीजी केसाथ रहकर आज़ादी के आंदोलन की संगठनात्मक रीढ़ बने। अमित शाह ने जिक्र कियाकि 1928 का बारदोली सत्याग्रह किसानों के शोषण के खिलाफ अंग्रेज़ों के विरुद्ध किया गया था, वहीं से महात्मा गांधी ने स्वयं उन्हें सरदार की उपाधि दी थी। अमित शाह ने कहाकि देश को आज़ादी मिलने केबाद अंग्रेज़ों ने देश को 562 अलग-अलग रियासतों में बांटकर जाने का फैसला किया, उस समय पूरी दुनिया मानती थीकि 562 रियासतें एक होकर एक भारत नहीं बन सकेगा, लेकिन कुछही समय में 562 रियासतों को एकीकृत करने का भागीरथ कार्य सरदार पटेल ने पूरा किया और आजके भारत का मानचित्र उनकी ही देन है। गृहमंत्री ने कहाकि हैदराबाद में पुलिस एक्शन और जूनागढ़ के एकीकरण किया, भोपाल, काठियावाड़ की रियासतें, त्रावणकोर या जोधपुर, हर जगह पर आनेवाली समस्या का निवारण सरदार पटेल ने किया और पाकिस्तान कॉरीडोर बनाने के पाकिस्तान के प्रयास को विफल कर दिया। अमित शाह ने कहाकि आज़ादी केबाद 15 अगस्त को जब पूरा देश तिरंगा फहराने में व्यस्त था, उस समय सरदार पटेल कमांड रूममें नौसेना अधिकारियों केसाथ एक ऑपरेशन मॉनीटर कर रहे थे, जिसके कारण आज लक्षद्वीप भारत का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहाकि हमारी दक्षिणी सीमा बहुत मज़बूत हुई और उस ऑपरेशन के कारण ही लक्षद्वीप में तिरंगा फहराया गया।
अमित शाह ने कहाकि दुर्भाग्य की बात हैकि सरदार वल्लभभाई पटेल के निधन केबाद उनको भुलाने में विपक्ष ने कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहाकि सरदार जैसे महान व्यक्तित्व को भी भारतरत्न मिलने में 41 साल की देरी हुई, वह देरी सिर्फ और सिर्फ विपक्ष के सरदारजी केप्रति एक उपेक्षा के भाव के कारण हुई। उन्होंने कहाकि सरदार पटेल जैसे महान व्यक्तित्व केलिए देश में न कोई समाधि बनी और न कोई स्मारक बना, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की रचना की और सरदार पटेल की समृति में एक भव्य स्मारक बनवाया। उन्होंने कहाकि 31 अक्टूबर 2013 को स्टेच्यू ऑफ यूनिटी की आधारशिला रखी गई, 182 मीटर ऊंची यह प्रतिमा 57 महीने में बनकर पूरी हुई। उन्होंने कहाकि सरदार पटेल का जीवन किसानों को समर्पित था और इस प्रतिमा को बनाने में जो लोहा उपयोग किया गया, वह देशभर के किसानों के औज़ारों से एकत्रित किया गया था, लगभग 25 हज़ार टन लोहे, 90 हज़ार घनमीटर कंक्रीट और 1700 टन से अधिक कांसे का उपयोगकर यह अविस्मरणीय स्टेच्यू बना, जो आज सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने का प्रमुख स्थल है। अमित शाह ने कहाकि हर रोज़ लगभग 15 हज़ार लोग यहां आते हैं और अबतक देश-विदेश के ढाई करोड़ लोग यहां आ चुके हैं। अमित शाह ने कहाकि स्टेच्यू ऑफ यूनिटी के आसपास 14 प्रकार के पर्यटन तैयारकर इसको पर्यटकों का प्रिय बना दिया गया है। उन्होंने कहाकि यहां वैली ऑफ फ्लावर, एकतानगर टाउनशिप, झील सर्किट, लाइट एंड साउंड शो, पटेल गार्डन, एकता क्रूज़, बटरफ्लाई गार्डन, जंगल सफारी, एकता मॉल और ग्लो टॉर्च व्यू पांइंट जैसे आकर्षण पर्यटकों केलिए बनाए गए हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने बतायाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल सुबह 31 अक्टूबर को एकतानगर में भव्य परेड की सलामी लेंगे, जिसमें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और कई राज्यों के पुलिस बल अपने कौशल, अनुशासन और वीरता का प्रदर्शन करेंगे। परेड में सीआरपीएफ के 5 शौर्य चक्र और बीएसएफ के 16 वीरता पदक विजेता भी शामिल होंगे। परेड का नेतृत्व महिला पुलिस अधिकारी करेंगी, इसमें कई प्रकार के सांस्कृतिक प्रदर्शन होंगे। उन्होंने कहाकि हर राज्य पुलिस बल और सीएपीएफएस के जवान सांस्कृतिक कौशल दिखाएंगे। बीएसएफ का ऊंट दल और ऊंट सवार बैंड परेड की शान बढ़ाएगा, गुजरात का घुड़सवार दस्ता, असम पुलिस का मोटरसाइकिल डेयरडेविल शो और पंजाब व कश्मीर पुलिस भी परेड में शामिल होगी। एनएसजी, एनडीआरएफ, अंडमान निकोबार द्वीप समूह, पुड्डुचेरी और जम्मू कश्मीर पुलिस परेड में अपनी झांकियां प्रस्तुत करेंगी। वायुसेना की सूर्यकिरण टीम का भव्य एयरशो परेड का शिखर बिंदु होगा। देशभर से कलाकार देश की सांस्कृतिक विरासत को देश-दुनिया के सामने रखेंगे। उन्होंने कहाकि यह परेड सच्चे अर्थों में भारत की एकता की परेड होगी और एक भारत श्रेष्ठ भारत के कॉन्सेप्ट को ज़मीन पर उतारने का काम करेगी। गृहमंत्री ने आशा व्यक्त कीकि यह परेड हमेशा केलिए देश के युवाओं को सरदार साहब के सिद्धांतों और उनके देश केलिए किएगए ऐतिहासिक कार्यों की जानकारी देने का माध्यम बनेगी।

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